नेवला और ब्राह्मण का बेटा

एक ब्राह्मण की पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया। उसी दिन एक मादा नेवले ने एक बच्चे को जन्म दिया और मर गई। ब्राह्मण की पत्नी ने नेवले के बच्चे को भी अपने बेटे की तरह पाला -पोसा।

एक दिन, ब्राह्मणी पानी भरने के लिए कुएँ पर गई। उस समय उसका पति भी घर पर नहीं था।

थोड़ी ही देर में, एक साँप वहां आ गया और रेंगता हुआ ब्राह्मण के बच्चे की ओर बढ़ा। नेवला तुरंत उस पर झपट पड़ा और उसने साँप को मार डाला।

अपनी बहादुरी बताने के लिए नेवला घर के बाहर खड़ा हो गया। ब्राह्मणी जब लौटी तो उसने देखा कि नेवला का मुहँ खून से सना हुआ है।

उसने सोचा कि नेवला ने उसके बेटे को मार डाला है। उसने पानी से भरा भारी घड़ा गुस्से में आकर नेवले के ऊपर पटक दिया और उसे मार डाला।

जब वह घर के अंदर गई तो उससे देखा की उसका बच्चा तो सुरक्षित है लेकिन उसके पास ही एक मरे हुए सांप के टुकड़े पड़े हैं। ब्राह्मण की पत्नी को बहुत दुःख हुआ कि उसने इतने स्वामिभक्त नेवले को मार डाला।