लालची कुत्ता

एक कुत्ता इधर-उधर घूम रहा था। तभी उसे हड्डी का एक टुकड़ा पड़ा मिला।

उसने हड्डी का टुकड़ा उठा लिया और इधर-उधर देखने लगा। जब उसे कोई नहीं दिखा तो वह टुकड़ा लेकर भाग निकला।

अब वह किसी एकांत और शांत स्थान की खोज करने लगा, जहां वह बैठकर आराम से हड्डी चबा सके। वह एक नदी किनारे पहुंचा और उसके ऊपर बने लकड़ी के पुल से नदी पार करने लगा।

जब वह पुल पार कर रहा था तभी उसकी निगाह नदी के पानी पर पड़ी। उस पानी में अपनी ही छवि दिखाई दी।

उसने अपनी ही छवि देखकर समझा कि वह कोई और कुत्ता है, जो हड्डी का टुकड़ा मुहं में दवाए है।

उसके मन में लालच आ गया। उसने दूसरे कुत्ते की हड्डी छीनने का निश्चय किया। दूसरे कुत्ते को डराने के लिए वह जोर से भौंका। भौंकने के लिए उसने जैसे ही मुँह खोला, उसकी हड्डी पानी में गिर गई।

उसने हड्डी दोबारा उठाने की बहुत कोशिश की लेकिन हड्डी तो पानी में नीचे चली गई थी।

इस प्रकार कुत्ते ने दूसरे कुत्ते की हड्डी पाने के चक्कर में अपनी हड्डी भी गँवा दी।