सकारात्मक नजरिया

एक आदमी अपनी नई कार धो रहा था, तभी उसके पड़ोसी ने पूछा, आपने यह कार कब खरीदी ?

उस आदमी ने जवाब दिया, इसे मेरे भाई ने दिया है।

पड़ोसी ने कहा, काश! मेरे पास भी ऐसी कार होती। इस पर उस आदमी ने कहा, आपको यह सोचना चाहिए था कि काश ! मेरा कोई ऐसा भाई होता।

पड़ोसी की पत्नी उनकी बातचीत सुन रही थी। उसने बीच में टोक कर कहा, मैं सोचती हूँ - काश ! वह भाई मैं होती। यह सोचने का कितना सकारात्मक नजरिया है।