Sarat Chandra Story In Hindi

शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की कहानी - शरतचंद्र की लोकप्रिय कहानियाँ

भारतीय भाषाओं के साहित्य में बँगला साहित्य की अपनी अलग ही पहचान है। इस भाषा के अनेक रचनाकारों ने विश्व साहित्य पर अपनी लेखनी के दम से प्रभुत्व स्थापित किया। ऐसे ही रचनाकारों में बाबू शरतचंद्र चटर्जी का नाम अजर-अमर है। इनका संपूर्ण साहित्य विश्व की अनेक भाषाओं में अनुवादित होकर जन-जन में प्रचारित व प्रसारित हुआ। 'देवदास', 'चरित्रहीन', 'श्रीकांत', 'काशीनाथ' जैसी रचनाओं का नाम सामने आते ही शरतचंद्र का संपूर्ण व्यक्तित्व मानो उभरकर आ जाता है। इनका जन्म 15 सितंबर, 1879 को हुगली जिले के एक गाँव देवानंदपुर में हुआ। महाकवि भारतचंद ने भी अपनी युवावस्था इसी गाँव में बिताई थी। इन्हीं दो महान् विभूतियों के कारण यह गाँव प्रसिद्ध हुआ । इनके पिता का नाम मोतीलाल तथा माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था।

Sarat Chandra Ki Kahani | शरतचंद्र की सर्वश्रेठ कहानियाँ

शरतचंद्र के विश्वप्रसिद्ध उपन्यासों के साथ-साथ उनकी कहानियों का महत्त्व भी कम नहीं है। इनकी प्रत्येक कहानी में कोई-न-कोई सीख अवश्य ही छिपी रहती है, इनकी कहानियाँ भारतीय नैतिक मूल्यों के मानदंडों पर खरी उतरती हैं। क्योंकि इन कहानियों का ताना-बाना पवित्रता, सत्कर्म, संयम, सच्चरित्रता जैसे अनेक नैतिक मूल्यों को आधार बनाकर बुना गया है। साथ ही समाज में व्याप्त बुराइयों, समस्याओं, पारिवारिक उलझनों को कहानियों में अलग-अलग प्रकार से चित्रित किया गया है। शरतचंद्र के द्वारा लिखित समस्त कहानियों का मंथन करके उनमें से अति विशिष्ट एवं शिक्षाप्रद कहानियों का चयन करके यहाँ मैंने संग्रह किया है। आशा करती हूँ की आपलोग को पसंद आएगा।