खाली बैठी बोर हुई बिल्ली

नाना नानी की कहानियाँ

मिमी एक प्यारी सी सफेद पालतू बिल्ली थी।

एक दिन की बात है, वह अकेली बेठी बोर हो रही थी।

'काश! कोई मेरे साथ खेलने क॑ लिए तैयार हो जाए।' यह सोचकर वह निकल पड़ी एक साथी ढूँढने।'

उसने मधुमक्खी से कहा, "आओ, मेरे साथ खेलो।' मधुमक्खी बोली, 'ज, ज ... नहीं नहीं, अभी मुझे फूलों का पराग इकट्ठा करना है।

फिर शहद बनाना है। बहुत काम है मुझे।' कहकर वह उड़ गई।

मिमी उदास हो गई। वह कुत्ते के पास गई और बोली, 'आओ, मेरे साथ खेलो न!'

कुत्ते ने कहा, 'भौं-भौं-भौं, नहीं मिमी मुझे दरवाजे पर पहरा देना है।

कोई अंदर जाए तो भौंककर अपने मालिक को बताना है। बहुत काम है मुझे।'

मिमी फिर उदास हो गई।

वह चींटी के पास गई और बोली, 'चींटी, चींटी, मैं अकेली कितनी बोर हो रही हूँ। आओ मेरे साथ कुछ देर खेलो न!'

चींटी ने धीरे से कहा, 'मिमी, में अभी नहीं आ सकती। घर के अंदर चीनी के डिब्बे से कुछ दाने गिर गए हैं। मुझे अपनी दोस्तों के साथ मिलकर वे इकट्ठे करने हैं। बहुत काम है मुझे।' कहकर वह आगे चली गई।

मिमी और भी ज्यादा दुखी हो गई। उसने एक मक्खी को देखा। वह झट से मक्खी के पास पहुँची और बोली, 'आओ मेरे साथ थोडी देर खेलो, प्लीज.....।'

मक्खी बोली, “माफ करना मिमी, बाहर कूडे का एक बड़ा-सा ढेर है। मुझे उस पर जाकर बैठना है। मैं अभी नहीं आ सकती, बहुत काम है मुझे।' कहकर मक्खी भी उड़ गई।

तभी मिनी को याद आया कि बागीचे में एक तितली रोज आती है।

वह यूँ ही इधर-उधर घूमती रहती है, वह जरूर खेलेगी उसके साथ।

यह सोचकर ही वह खुश हो गई और जल्दी से बागीचे में पहुँची।

उसने तितली से कहा, 'तितली तुम तो ऐसे ही बस एक फूल पर बैठी हो। कुछ काम नहीं कर रही हो। आओ न, मेरे साथ खेलो।'

तितली ने कहा, “मिमी, मैं इस समय खाली नहीं बैठी हूँ। मैं इस फूल का रस पी रही हूँ, रस पीने के बाद फूल के पराग कणों को दूर तक फैलाना भी है मुझे।

तभी तो जगह-जगह सुंदर फूलों के पौधे उग सकेंगे। बहुत काम है मुझे।' इतना कहकर वह पराग-कण लेकर उड़ गई।

मिमी बहुत निराश हो गई। वह चुपचाप घर के अंदर आई और

सोफे के नीचे बेठ गई।

वह सोच रही थी, सबको बहुत काम हैं। किसी के पास मेरे साथ खेलने का समय नहीं है।

एक मैं ही हूँ जिसके पास कोई भी काम नहीं है। तभी टिंकी की मम्मी की आवाज आई, 'मिमी, इधर आओ।' आवाज रसोई से आ रही थी।

टिंकी एक छोटी बच्ची थी, जिसके घर में मिमी रहती थी।

मिमी दौड़कर रसोई में आई। टिंकी की मम्मी बोलीं, 'ये लो दूध पीओ और उसके बाद एक जरूरी काम करना है तुम्हें।

एक चूहा रसोई में घुस आया है। जरा उसे ढूँढो और पकड़कर बाहर ले जाओ।'

“वाह, मेरे पास भी अब बहुत काम है' सोचकर उसने जल्दी-जल्दी दूध पीया और अपने काम पर लग गई।

अरे चूहे, होशियार, मिमी आ रही है।