बहुमूल्य जीवन

Bahumuly Jeevan | बहुमूल्य जीवन पंचतंत्र की कहानी

एक बार बोधिसत्व ने हिरन के रूप में जन्म लिया।

जंगल का हर जानवर उनकी सुंदरता की प्रशंसा करता था।

एक दिन एक राजकुमार शिकार करने उस जंगल में आया।

“यह जंगल शिकार के लिए बहुत अच्छा है,” राजकुमार अपने आपसे बोला।

राजकुमार की निगाह उस हिरन पर पड़ी।

वह अपने घोड़े पर बैठकर उस हिरन के पीछे भागा, लेकिन हिरन उससे भी तेज़ निकला।

अचानक राजकुमार का घोड़ा गिर पड़ा और राजकुमार पास की नदी में गिर पड़ा।

राजकुमार को तैरना नहीं आता था। वह सहायता के लिए चिल्लाने लगा।

हिरन ने उसकी कातर आवाज़ सुनी तो नदी किनारे आ गया और राजकुमार को खींचकर उसने बाहर निकाल दिया।

जब राजकुमार ने यह देखा कि उसकी जान उसी हिरन ने बचाई है, जिसका वह शिकार करना चाहता था, तो वह लज्जित हुआ।

उसने संकल्प किया कि अब वह किसी भी जानवर का शिकार नहीं करेगा।