लालची कौआ

Lalchi Kaua Ki Khani - लालची कौआ पंचतंत्र की कहानी

एक कबूतर ने एक व्यापारी के घर की रसोई के पास लटकी रहने वाली एक टोकरी में अपना घोंसला बना लिया।

व्यापारी ने अपने रसोइए से कहा कि वह उस कबूतर को न भगाए।

एक दिन, एक कौए ने कबूतर से मित्रता कर ली।

इस बहाने उसे भी रसोई में घुसने का अवसर मिल गया।

उस दिन, व्यापारी के रसोइए ने मछली का स्वादिष्ट पकवान बनाया।

जब रसोइया रसोई से निकला तो कौआ रसोई में पकवान खाने के लिए घुस पड़ा।

मछली खाने की कोशिश में ऊपर रखी प्लेट गिर पड़ी और ज़ोरदार आवाज़ हुई।

शोर सुनकर रसोइया दौड़ा-दौड़ा आया।

तब तक कौआ मछली का एक टुकड़ा ले चुका

कौए की चोंच में मछली का टुकड़ा देखकर, रसोइया बहुत क्रोधित हुआ।

वह दौड़ा और दौड़कर उसने कौए की गर्दन दबोच ली।

रसोइए ने कौए के पंख भी नोंच दिए और उसे उठाकर खिड़की से बाहर फेंक दिया।