❤️ माँ और बेटे की प्रेम कहानी

माँ का प्रेम अमूल्य | माँ के प्यार का कोई कीमत नहीं लगा सकता है। | Mother And Son Love Story

सोनू को माँ ने सब्जियाँ लाने बाजार भेजा था।

घर लौट कर उसने किचन में थैला रखा और माँ को आवाज देने लगा।

माँ उसके छोटे भाई को कमरे में बैठकर होमवर्क करा रही थी।

सोनू १२ साल का था और उसका छोटा भाई बंटी 5 साल का।

बड़े होने के कारण माँ उससे घर के छोटे-मोटे काम करवाने लगी थी

– जैसे दुकान से सामान लाना, बाजार से सब्जी लाना, बगीचे की साफ-सफाई करना, अपनी साइकिल धोना, अपना कमरा साफ़ करना, अपने कपड़े प्रेस करना।

सोनू काम तो करता, लेकिन उसके मन में हमेशा रहता कि मुझे इतना काम करना पड़ता है और इसके बदले मुझे कुछ भी नहीं मिलता।

आज उसने सोच रखा था कि इस बारे में अपनी माँ से बात करेगा।

लेकिन उसकी हिम्मत ही नहीं हुई।

इसलिए उसने एक कागज़ में सब कुछ लिखकर माँ को देने का मन बनाया।

कुछ देर बाद वह कागज लेकर कमरे में गया, जहाँ उसकी माँ बंटी को होमवर्क करवा रही थी।

उसने चुपचाप कागज माँ के सामने बढ़ा दिया और माँ के कागज लेते ही कमरे से बाहर आ गया।

माँ कागज पढ़ने लगी।

उसमें लिखा था –

माँ मैंने इस सप्ताह जो भी काम किया, उसका हिसाब इस कागज में लिख रहा हूँ।

बाजार से सब्जी लाने के – 50 रुपये

बगीचे की साफ सफाई के – 20रुपये

कपड़े प्रेस करने के – 10 रुपये

साइकिल धोने के – 5 रुपये

अलमारी सेट करने के – 5 रुपये

कुल हिसाब – कुल 90 रुपये.

माँ मुझे इन कामों के जो भी पैसे बने हैं, वो पॉकेट मनी के रूप में चाहिए।

आखिर कोई भी काम मुफ्त में नहीं किया जाता।

आपका बेटा,

सोनू

माँ बेटे का मैसेज पढ़कर मुस्कुराई।

फिर एक कागज पर कुछ लिखने लगी।

कुछ देर बाद वो आंगन में गई, जहाँ झूले पर सोनू बैठा हुआ था।

माँ ने कागज उसके आगे बढ़ा दिया।

सोनू ने कागज लिया और पढ़ने लगा। कागज में लिखा था –

बेटा तुमने अपना हिसाब दिया। अब मेरी बारी हैं, ये मेरा हिसाब :

9 महीने मैंने तुम्हें अपनी कोख में रखा, उसकी कीमत – कुछ नहीं।

तुम भूखे होते थे, तब तुम्हें अपना दूध पिलाने की कीमत – कुछ नहीं।

तुम छोटे थे, तब तुम्हारा खयाल रखने की कीमत – कुछ नहीं।

तुम्हारे बीमार पड़ने पर रात-रात भर जागकर तुम्हारी तीमारदारी करने की कीमत – कुछ नहीं।

इन सबसे बढ़कर तुम्हारे लिए मेरे प्यार की कीमत तो लगाई ही नहीं जा सकती, वो तो अनमोल है।

ये पढ़कर सोनू की आँखों से आँसू बहने लगे।

वो भागकर अपनी माँ के पास गया और उनसे लिपटकर बोला, “सॉरी मम्मी!

मैंने कभी सोचा ही नहीं कि आपने मेरे लिए क्या-क्या किया है।

कितनी तकलीफें सही है। आई लव यू मम्मी!”

उसने वो कागज लिया और उसमें लिखा : “PAID IN FULL”

सीख (Moral of the story)

माँ का प्यार अनमोल है। उसकी कीमत न लगाई जा सकती है, न चुकाई जा सकती है।