❤️ पैसे के लिए सच्चा प्यार खो दिया

प्यार का ये एक दर्द भरी कहानी

अपने प्रमोशन की खुशी में आज राहुल अपनी पत्नी को शहर के सबसे

महंगे रेस्टोरेंट में डिनर के लिए ले जाता है।

दोनों आज बहुत खुश है क्योंकि राहुल की आज पगार ₹100000 महीना

हो गई है पहले जो ₹80000 महीना थी।

आज राहुल की पत्नी स्वाति की खुशी का कोई ठिकाना नहीं है आखिर

उसको खर्च करने के लिए अब और पैसे मिलेंगे आज वह कुछ ज्यादा ही

सज संवर कर डिनर के लिए आई है।

आज उसको ऐसे लग रहा है जैसे उसका कोई पुराना सपना पूरा हो गया आखिर उसके पति की पगार अगर बड़ी

और उसका अवधा भी, यही तो उसको चाहिए था।

आखिर हमेशा से उसने पैसे को ही तो महत्व दिया है।

उसको गरीब लोग कभी पसंद ही कहां आते हैं ,उसको तो महंगी चीजें ,

महंगें रेस्टोरेंट और महंगे गिफ्ट ही पसंद आते हैं।

शहर के इस रेस्टोरेंट में सभी लोग महंगे महंगे कपड़े सूट बूट और महिलाएं महंगी महंगी साड़ी

और वेस्टर्न कपड़े पहन कर आई थी।

ऐसा लग रहा था इस रेस्टोरेंट में गरीबों के लिए कोई जगह नहीं है।

स्वाति आज अपने आपको महारानी समझ रही थी इतने में वह देखती है ,एक सिंपल से कपड़ों में

लड़का उसकी टेबल के पास चला आ रहा था।

उसको देखकर स्वाति चौक जाती है और कहती है अरे तुम ?

यहां कहां से आ गए , क्या तुम यहां बेटर हो ?

वह लड़का कुछ बोल पाता इससे पहले फिर बोलती है तुम्हारी हैसियत तो

इस रेस्टोरेंट में आने कि नहीं है। किसके साथ आए हो ?

तुम्हारा मालिक कहां है या फिर तुम यही झाड़ू पोछा करते हो ?

इतने में राहुल पूछता है कौन है यह ?

तुम जानती हो क्या इसको ? स्वाति कहती है नहीं , मेरे घर के पास रहता था।

बहुत गरीब है इसलिए मैंने पूछा यहां कैसे आने मिल गया।

वह वह लड़का वहां से जाने लगता है इतने में स्वाति उससे जोर से बोलती है

अरे कम से कम बताते तो जाओ यहां करते क्या हो ?

हम कल फिर आएंगे ?फिर तो नहीं यहीं दिख जाएगा ?

लड़का मुस्कुराता है और कहता है तुम आज भी नहीं बदली पहले भी पैसों पर मरती थी।

आज भी पैसों पर मरती हो ,अच्छा हुआ जो तुम मेरी जिंदगी में नहीं हो ?

यह लड़का स्वाति का पहला प्रेमी था सौरभ ,जो उससे बहुत प्यार करता था।

पर गरीब होने की वजह से स्वाति ने उसको छोड़ दिया और राहुल से शादी कर ली।

स्वाति को यह बात चुभ जाती है और वह चिल्ला कर सौरभ से कहती है – तुम क्या जानो पैसे की कीमत,

तुमने तो कभी देखे ही नहीं ,तुम तो हमेशा गरीबी में रहे हो और हमेशा गरीबी में रहोगे,

जिसके पास पैसा नहीं होता है उसके पास कुछ नहीं रहता ,

खैर छोड़ो मैं तुम जैसे भिकारी से पैसों की बात क्यों करूं ?

इस रेस्टोरेंट से तुम जल्दी जाओ मेरा वक्त बर्बाद मत करो ?

यह बात सुनकर सौरभ बाहर जाने लगता है इतने में उस रेस्टोरेंट का मैनेजर आकर स्वाति से

कहता है आप प्लीज इस रेस्टोरेंट से बाहर निकल जाएं।

आप यहां पर खाना नहीं खा सकते।

क्यों नहीं खा सकते खाना ? हमारे पास पैसे हैं ?

फ्री में खाने थोड़ी आये है। तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई यह कहने की ?

हो कौन तुम ? स्वाति चिल्ला के मैनेजर से बोलती है।

होटल मैनेजर स्वाति से बोलता है प्लीज हम आपसे रिक्वेस्ट कर रहे।

आप यहां से चले जाएंगे ,अब आप यहां खाना नहीं खा सकते।

देखते ही देखते कुछ बाउंसर उस टेबल के पास आ जाते है।

ऐसा लग रहा था अगर अब स्वाति फिर चिल्लाती है तो दोनों को यह बाउंसर बाहर फेंक देंगे।

इतने में सौरभ मैनेजर से कहता है।

अरे इस सब की कोई जरूरत नहीं है इनको शांति से खाना खाने दो और

उसके बाद इन दोनों से बिल मत लेना और हां यह ध्यान रहे अगली बार यह दोनों यहां ना आने पाए।

स्वाति यह देख कर चौक जाती है।

वह मैनेजर सौरभ की बात इतनी आसानी से कैसे मान लेता है।

वह आश्चर्यचकित होकर मैनेजर से कहती है कौन है यह आदमी ?

जिसकी बात तुमने इतनी आसानी से मान ली।

मैम आपको नहीं पता यह कौन है ?

आप जहां खाना खा रही हैं उस होटल के मालिक को नहीं जानती हैं।

वह तो शुक्र है कि सर बहुत कम गुस्से वाले है नहीं तो आज आप दोनों

को बाहर करवा दिया होता। क्या सौरभ होटल का मालिक ?

हां इस होटल का मालिक ?

पर कैसे यह तो बहुत गरीब था ?

सुना तो मैंने भी है कि सर पहले बहुत गरीब थे पर उन्होंने

अपनी मेहनत और लगन से 4 साल में 300 करोड़ की कंपनी खड़ी की है।

उनका यह अकेला होटल नहीं है, उनके 10 होटल और इस शहर में है।

पर सर है बहुत ही सिंपल ,ना किसी बात की अकड़ ,ना किसी बात का घमंड।

सुना है सर को किसी लड़की से बेइंतहा प्यार हुआ था और वह लड़की सर को

सिर्फ इसलिए छोड़ कर चली गई कि उनके पास पैसे नहीं थे।

इसी वजह से दिन रात मेहनत करके सर ने यह कंपनी खड़ी की है।

आज सर के पास सब कुछ है।

यह बात सुनकर स्वाति मन ही मन सोचने लगी जिस आदमी को

मैंने पैसे के लिए छोड़ा आज वह आदमी किसी राजा से कम नहीं है।

आज उसके पास सब कुछ है और मैं 100000 की पगार में खुशी मना रही हूँ।

सौरभ आज करोड़ों कमा रहा है।

अगर मैं सौरव के पास वापस चली जाऊं तो क्या गलत है ?

वह मुझसे प्यार तो करता ही है ,मेरा तो हर सपना पूरा हो जाएगा।

हीरे के गहने पहनूंगी और बड़ी-बड़ी कारों में घूमेंगे।

शाम के समय स्वाति बिना कुछ सोचे समझे सौरभ के पास जाती है और

अपनी गलती की माफी मांगते कहती है।

मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई मैंने तुम्हारे प्यार को नहीं समझा।आज मुझे एहसास हुआ है कि

मैं तुमसे कितना प्यार करती हूं और तुम्हारा प्यार कितना सच्चा है।

सौरव मैं अपने पति के साथ बिल्कुल खुश नहीं हूँ।

अगर तुम मुझे अपना लोगे ,तो मैं आपसे अपने पति को तलाक दे दूंगी और तुम्हारी हो जाऊंगी।

हमेशा – हमेशा के लिए।

सौरव यह बात सुनकर स्वाति को जोर से खींचकर एक थप्पड़ मारता है और कहता है अरे बेवफा।

पैसे की भूखी औरत ? कम से कम जिंदगी में किसी एक के साथ तो वफा कर।

कल तूने मुझे पैसों के लिए छोड़ा था और सिर्फ आज पैसों के लिए तुझे मुझ में प्यार दिख रहा है।

जब मैं सिंपल कपड़े पहने तेरे सामने आया तो तूने फिर मेरा मजाक उड़ाया।

अगर तुझे मुझसे प्यार था तो पहले ही अच्छे से बात करती ना।

मुझे तो वेटर समझकर गाली दी तूने।

स्वाति जोर-जोर से रोने लगती है और कहती है मुझे माफ कर दो।

मुझे माफ कर दो। मैं तुम्हारे बिना जी नहीं सकती।

प्लीज अपना लो मुझे। प्लीज अपना लो मुझे।

सौरभ स्वाति से कहता है याद है तुमको ?

मैं भी उस दिन तुम्हारे सामने ऐसे ही रो रहा था। अपने प्यार की दलीलें दे रहा।

मुझे इस बात का दुख कम है कि, तुम मेरी नहीं हो पाई और इस बात का दुख ज्यादा है कि तुम सिर्फ पैसों की भूखी हो ?

मैंने ऐसी बेवफा लड़की से प्यार किया जिसकी सोच इतनी गंदी है।

भगवान का शुक्र है उस वक्त मेरे पास पैसे नहीं थे।

नहीं तो तुम्हारा यह घिनोना रूप मैं कभी देख नहीं पाता।

अब मेरे घर से निकल जाओ नहीं तो मैं धक्के मार कर बाहर फिकवा दूंगा और तुम्हारे पति को तुम्हारी सारी सच्चाई बता दुगा।

यह सुनकर स्वाति रो-रोकर वहां से चली जाती है और दोबारा कभी मुड़कर नहीं देखती है।