❤️ दिशा और आशीष का कॉलेज वाला प्यार

दिशा और आशीष एक दूसरे से कॉलेज के टाइम से प्यार करते थे,

दोनों ने एक दूसरे से शादी करने का फैसला भी किया इन दोनों की मंगनी भी हो चुकी है

और 2 महीने बाद शादी है लेकिन शादी से पहले कुछ ऐसा हो जाता है जिसकी किसी को उम्मीद ना थी।

“ आशीष के फोन पर दिशा का कॉल आता है"

दिशा- हेलो, आशीष

आशीष- बोलो,

दिशा- I Miss You

आशीष- हैँ, मुझे भी सुबह से तुम्हारी बहुत याद आ रही है और पता नहीं आज सुबह से घबराहट सी हो रही है।

दिशा- आशीष क्या आप मुझसे मिलने आ सकते हो अभी

आशीष- हां क्यों नहीं मेरा मन भी तुमसे मिलने का मन कर रहा है।

दिशा- ओके, मैं हॉस्पिटल में हूं। प्लीज जल्दी आना

आशीष ( घबराते हुए बोला )- क्या हुआ, प्लीज बताओ मुझे

दिशा- कुछ नहीं बस सुबह चक्कर आ गया था, आप मेरे पास आ जाओ जल्दी।

आशीष जब तक कुछ और बोल पाता दिशा फोन काट देती है आशीष घबरा- हड़बड़ाया सा हॉस्पिटल पहुंचता है।

हॉस्पिटल में दिशा बेहोश होती है तब आशीष वह मौजूद दिशा के पापा से पूछता है।

आशीष- अंकल क्या हुआ दिशा को ?

पापा ( रोते हुए हल्की आवाज में बोलते हैं )- बेटे दिशा को ब्लड कैंसर है और वह भी आखिरी स्टेज पर।

डॉक्टर कह रहे हैं कि उसके पास वक्त बहुत कम है प्लीज उसे कुछ मत बताना, दिशा को अभी कुछ भी मालूम नहीं है।

दिशा के पापा की यह बातें सुनकर आशीष थोड़ा लड़खड़ा जाता है।

थोड़ी देर के लिए उसके आंखों के आगे अंधेरा छाया जाता है, कुछ देर बाद दिशा को होश आता है और वह अपने पापा से पूछती है।

“ पापा, क्या आशीष मुझसे मिलने आया है।"

पापा बाहर जाकर आशीष की और इशारा करते हुए कहते हैं की दिशा तुमसे मिलना चाहती है।

आशीष फॉरेन दौड़कर दिशा से मिलने जाने लगता है लेकिन दरवाजे पर रुककर आशीष पहले अपने आंसू पूछता है फिर अंदर कमरे में जाता है।

आशीष- दशा, कैसी हो तुम ?

दिशा- आप आ गए ना आप सब कुछ ठीक हो जाएगा।

आशीष- हां, अब सब कुछ ठीक हो जाएगा।

लेकिन देख लो शादी को सिर्फ 2 महीने बचे हैं और तुमने अपनी तबीयत खराब कर ली, ठीक से खाना खाया करो ना।

दिशा- ठीक है आशीष मैं अब ठीक से खाना खाऊंगी और तुम्हारा हर बात मानूंगी।

आशीष ( रोना चाहता है लेकिन रो नहीं पता ) अब तुम जल्दी से ठीक हो जाओ, आशीष रोते हुए बोलता है

भगवान करे तुम्हें मेरी भी उम्र लग जाए यह कहते हुए आशीष दिशा के सर को अपने बाहों में रख लेता है।

दिशा- आप रोइए नहीं, मैं ठीक हो जाऊंगी।

आपने हमेशा मेरा बहुत ख्याल रखा है आशीष थोड़ी देर में आपकी बाहों में ऐसे ही लेट रहीं हूं ?

आशीष रोते हुए दिशा के सर को सहलनाने लगता है तभी थोड़े दिन में आशीष को यह एहसास होता है

कि उसकी दिशा अब नहीं रही।

लेकिन तभी तब भी आशीष बिना कुछ कहे बस यूं ही दिशा को अपनी बाहों में थामें रखता है और उसकी आंखों में आंसू बहने लगते हैं।

थोड़ी देर बाद दिशा के पापा को लगता है अब बहुत देर हो चुकी है तो अंदर कमरे में जाते हैं

जहां वह देखते हैं कि उनकी बेटी ने आशीष की बाहों में दम तोड़ा है

और आशीष भी बेशुध होकर उसे अपनी बाहों में जकड़ कर बस बैठा हुआ है।