पेटू राक्षस

लुकास को ढेर सा भोजन करना बहुत अच्छा लगता था ।

वह अपने परिवार के साथ भरपेट खाना खाता , फिर आधी रात को उठकर फ्रिज में रखा सारा भोजन तथा अन्य चीजें खा जाता ।

लुकास प्रायः स्वयं से कहता , ' मॉम कितना अच्छा खाना पकाती हैं ।

इसे बरबाद नहीं करना चाहिए ।

' फिर वह भूख न होने पर भी सारा भोजन चट कर जाता ।

उसे मीट पाई और सॉसेज बहुत अच्छे लगते थे ।

वह सब्जियों को थोड़ा कम पसंद करता था ।

मॉम अक्सर चेतावनी देतीं , “ लुकास , थोड़ा संभलो ।

" लेकिन लुकास किसी की कोई बात सुनने को तैयार नहीं होता था ।

एक रात , हमेशा की तरह लुकास चुपचाप फ्रिज के पास पहुंचा और उसका दरवाजा खोला ।

फ्रिज में खाने - पीने की अनेक स्वादिष्ट चीजें रखी थीं ।

सामने ही शेल्फ पर दूध का डिब्बा भी रखा था ।

वह डिब्बा उसे देखते ही आ गया मोटा ! तुम मुझे बिल्कुल पसंद नहीं हो । " बोला ,

एक अन्य आवाज आई , “ अरे , ये पेटू तो फिर से आ गया ।

" यह एप्पल पाई की आवाज थी । फिर सैंडविच में से चिकन चिल्लाया , “ अरे , कोई मेरे बच्चों को बचाए । "

शायद वह अपने अंडों की बात कर रहा था ।

इसके बाद डर , गुस्से और हैरानी के कई मिले जुले स्वर उभरने लगे ।

वे सब एक साथ चिल्ला रहे थे ।

लुकास बुरी तरह भयभीत हो गया ।

उसने तुरंत फ्रिज का दरवाजा बंद कर दिया ।

थोड़ी देर बाद लुकास ने दोबारा फ्रिज का दरवाजा खोला ।

वह चिकन सैंडविच खाना चाहता था ।

तभी सैंडविच का चिकन चिल्लाया , “ मेरे बच्चो ! पेटू राक्षस आ गया ।

अपना ख्याल रखना । "

लुकास ने अपना हाथ पीछे खींच लिया ।

उसे एहसास हुआ कि वह उनके लिए किसी राक्षस से कम नहीं था ।

वह बहुत उदास हो गया । आज उसका मन भोजन करने में नहीं लग रहा था ।

लुकास सोचने लगा , ' शायद मैं पेटू राक्षस हो गया हूं ।

मैं बेवजह उनका परिवार नष्ट कर रहा हूं ।

भूख न होने पर भी खा रहा हूं ।

मुझे जरूरत से ज्यादा भोजन नहीं करना चाहिए । '

फिर लुकास ने निश्चय किया कि वह अपने खाने की आदतों को लेकर अधिक सावधान रहेगा और उसमें समुचित सुधार करेगा ।

इसके बाद लुकास यह संकल्प करते हुए बोला , " चिंता मत करो ।

अब मैं तुम्हारे बच्चों को नहीं , सब्जियां आदि खाऊंगा । "

फ्रिज का दरवाजा बंद होते ही अंदर से आवाज सुनाई दी , " बहुत खूब , शुक्र है भगवान !

तूने हमें बचा लिया , वरना यह पेटू राक्षस एक ही दिन में कई सप्ताह का भोजन खा जाता ।

" यह सुनकर लुकास की आंखें खुल गईं । वह अपने आपको बदलने का प्रयास करने लगा ।

कुछ ही दिनों में लुकास पहले जैसा नहीं रहा ।

अब वह केवल मांस ही नहीं खाता , उसे सब्जियां भी अच्छी लगने लगी हैं ।

यही नहीं , वह जरूरत से ज्यादा खाना भी नहीं खाता ।

अब कोई उसे पेटू राक्षस नहीं कहता ।

अब वह पहले से अधिक सुंदर दिखने लगा है ।