कीटाणु का हमला

टॉम को अपने हाथ धोना पसंद नहीं था ।

वह टॉयलेट जाता , खाना खाता , बाहर खेलता या घर का कोई काम करता ,

लेकिन उसके बाद उसे हाथ धोना अच्छा नहीं लगता था ।

टॉम की मॉम अक्सर उसे डांटती रहती थीं , " टॉम , अगर तुम कोई काम करने के बाद हाथ नहीं धोओगे , तो बीमार पड़ जाओगे । "

लेकिन टॉम उनकी यह बात नहीं सुनता था ।

एक दिन टॉम की मॉम ने आवाज लगाई , " टॉम ! जल्दी से आकर नाश्ता कर लो । "

टॉम तुरंत मेज की ओर भागा ।

लेकिन अपनी जगह किसी दूसरे को बैठा देखकर वह हैरान रह गया ।

कोई व्यक्ति टॉम की कुर्सी पर उसकी ओर पीठ किए बैठा था । वह बड़े चाव से नाश्ता कर रहा था ।

यह सब देखकर टॉम चिल्लाया .. " हटो ! यह मेरी जगह और मेरा नाश्ता है । "

वह व्यक्ति गुस्से से पीछे की ओर मुड़ा ।

टॉम अपने सामने एक डरावने राक्षस को देखकर हैरान रह गया ।

उसकी एक आंख के स्थान पर केवल एक काला गोल निशान दिखाई दे रहा था ।

उसका बड़ा - सा मुंह था , जिससे वह कुछ भी खा सकता था ।

राक्षस का कोई आकार नहीं था , लेकिन उसने टॉम के कपड़े पहन रखे थे ।

उसे खाना बहुत पसंद था ।

राक्षस ने पहले टॉम का नाश्ता चट कर लिया , फिर प्लेट और चम्मच भी खा गया !

इसके बाद उसने नैपकिन , फल , क्रॉकरी , पौधे , कुशन , किताबें और टीवी का रिमोट वगैरह खाना आरंभ कर दिया ।

टॉम डर के मारे सोफे के पीछे जा छिपा ।

उसे डर था कि कहीं राक्षस उसे ही न खा जाए ।

राक्षस जितना खाता जा रहा था , उतना ही वह बड़ा होता जा रहा था ।

उसका आकार बढ़ रहा था ।

शीघ्र ही राक्षस उस सोफे के आगे खड़ा हो गया , जहां टॉम छिपा हुआ था ।

वह बोला , " तुमने ही मुझे बनाया है ।

तुम्हें मेरा सलाम ! तुम जहां भी जाओगे , मैं वहां तुम्हारे पीछे - पीछे पहुंच जाऊंगा । "

टॉम दौड़कर अपने कमरे में छिप गया ।

राक्षस वहां भी पहुंच गया और बोला , “ तुमने ही मुझे बनाया है ।

तुम्हें मेरा सलाम ! ”

अब टॉम जहां भी जाता , राक्षस वहीं पहुंच जाता ।

वह दिखने में कीटाणु के समान लग रहा था , जिसे टॉम ने अपनी बायोलॉजी की कक्षा में देखा था ।

लेकिन ये राक्षस तो बहुत बड़ा था ।

टॉम के टीचर ने बताया था , “ अगर तुम हाथ नहीं धोओगे , तो ये कीटाणु तुम्हारे हाथों पर पैदा हो जाएंगे ।

इन्हें मारने का तरीका यह है कि अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोया जाए । "

अचानक टॉम को एक उपाय सूझ गया ।

वह रसोईघर की ओर भागा ।

जब वह वापस आया , तो उसके हाथ में साबुन वाले पानी से भरा एक जग था ।

जब उसने वह पानी कीटाणु राक्षस पर डाला , तो वह टुकड़ों में बंटने लगा और चिल्लाया , " नहीं ... ! "

फिर देखते ही देखते कीटाणु राक्षस खत्म हो गया और टॉम को एक सबक मिल गया ।

अब टॉम के हाथ घर और कक्षा- दोनों जगह साफ -सुथरे रहते हैं । सभी लोग उसकी प्रशंसा करते हैं ।