आग उगलने वाला राक्षस

जैकब अपनी भेड़ों को लेकर निर्धारित चरागाह में पहुंचा ।

फिर उसने अपनी भेड़ों की गिनती की ।

पांच भेड़ें गायब थीं ।

जब उसने भेड़ों को बाड़े से बाहर निकाला था , तो वे पूरी पैंतीस थीं ।

लेकिन अब अचानक पांच भेड़ें कम हो गईं ।

ये तो बड़ी अजीब बात थी ।

ऐसा कुछ दिन पहले भी हुआ था ।

तब उसकी मुर्गियां गायब हो गई थीं ।

जैकब को मालूम था कि उस इलाके में कोई जंगली बाघ या शेर नहीं है ।

भेड़िये जैसा कोई दूसरा जंगली जानवर भी नहीं था , जो उसकी भेड़ों या मुर्गियों को खा लेता ।

जैकब को यह भी मालूम था कि उसके सारे जानवर अपने घर का रास्ता जानते थे ।

ब्रूनो कुत्ता हमेशा उसके साथ रहता था ।

वह सायंकाल सबको अपने साथ लेकर ही वापस लौटता था ।

फिर वे जानवर कहां चले गए ।

जैकब की समझ में कुछ नहीं आ रहा था ।

अगले दिन जैकब ने फैसला किया कि वह भेड़ों के पीछे जाएगा , ताकि यह पता लगा सके कि उनके साथ क्या हो रहा है ?

जैकब भेड़ों के साथ चल दिया ।

दोपहर में उसे आग उगलने वाला एक भयंकर राक्षस दिखाई दिया , जिसकी पूंछ तीर के आकार की थी ।

उसने तत्काल तीन भेड़ें निगल लीं ।

यह देखकर जैकब बुरी तरह डर गया ।

वह यह सोचकर परेशान हो गया कि इस तरह तो सारे जानवर आग उगलने वाले राक्षस के पेट में चले जाएंगे ।

उसे किसी तरह बाकी भेड़ों की जान बचानी चाहिए ।

वह सारी रात उन्हें बचाने का उपाय सोचता रहा ।

अंतत : सुबह होने पर उसके दिमाग में एक तरकीब आ गई ।

उस दिन जैकब चरागाह में भेड़ की खाल पहनकर गया ।

उसकी भेड़ें भी उसके साथ थीं ।

वह भेड़ों की तरह आवाजें निकालकर खेलने लगा और अपने रेवड़ से अलग हो गया ।

उसने अपनी खाल पर भेड़ का मल - मूत्र लगा दिया था ,

ताकि आग उगलने वाला राक्षस मल - मूत्र की बदबू से उसकी ओर खिंचा चला आए ।

आग उगलने वाला वह भयंकर राक्षस वहीं छिपा हुआ था ।

जब राक्षस ने जैकब को भेड़ की खाल में बिल्कुल अकेला देखा , तो उसने सोचा कि उस भेड़ का शिकार किया जा सकता है ।

राक्षस को रोजाना भेड़ें मारकर खाने में मजा आने लगा था ।

वह जैकब के पीछे भागा , लेकिन जैकब बहुत तेज दौड़ रहा था ।

राक्षस गुस्से के कारण हांफते और गुर्राते हुए उसके पीछे भाग रहा था ।

जैकब का दिमाग बहुत तेज था ।

वह आग उगलने वाले उस राक्षस को मौत के घाट पहुंचाने के उद्देश्य से भाग रहा था ।

तभी एक पहाड़ का कोना आ गया ।

जब जैकब ने छलांग मारी , तो गुस्सैल राक्षस भी उसके पीछे कूद गया ।

जैकब तो चालाकी से नीचे वाले पत्थर पर कूदा था , लेकिन राक्षस सीधा घाटी में लुढ़कता चला गया ।

जैकब अपने हाथों का सहारा लेकर ऊपर आ गया ।

उसकी तरकीब कामयाब हो गई थी ।

वह भयंकर राक्षस हमेशा के लिए उस घाटी में गहरी नींद सो गया ।

जैकब ने अपनी बुद्धिमानी से एक दुष्ट राक्षस को मौत के घाट पहुंचा दिया था ।