राजकुमारी का भोजन - प्रेम

राजा और रानी अपनी बेटी राजकुमारी की एक आदत से बहुत परेशान हो गए थे ।

राजकुमारी हमेशा कुछ न कुछ खाती रहती थी ।

सभी शाही हकीमों और वैद्यों को बुलाया गया , ताकि उसका इलाज करवाया जा सके ।

उन्होंने राजकुमारी को दवा भी दी ।

लेकिन अगले ही दिन वह उसी तरह कुछ न कुछ खाती दिखाई पड़ी ।

राजा ने अपने नगर के सभी बुद्धिमान लोगों को बुलवाया ।

उन्होंने अपनी किताबों में बहुत सिर खपाया , लेकिन ऐसी लड़की के लिए कोई उपाय नहीं मिला , जो हमेशा खाती रहती हो ।

वे लोग अपना - सा मुंह लेकर लौट गए ।

आरि में राजा ने ऐलान करवा दिया कि जो व्यक्ति राजकुमारी को इस गंदी आदत से छुटकारा दिला देगा ,

उसके साथ वह राजकुमारी का विवाह कर देगा और उसे अपना राज्य भी सौंप देगा ।

राजा के संदेशवाहकों ने यह संदेश जगह - जगह पहुंचा दिया ।

उसी राज्य में किसी पहाड़ी पर छोटी सी झोंपड़ी में एक चित्रकार रहता था ।

जब उसने यह ऐलान सुना , तो मुस्कराने लगा ।

अगले दिन वह अपने हाथों में एक बड़ा - सा झोला लेकर महल पहुंच गया ।

उसने राजा और रानी से कहा , " मैं राजकुमारी का इलाज कर सकता हूं , लेकिन शादी होने के बाद उसे मेरे साथ एक वर्ष तक मेरी झोंपड़ी में रहना होगा ।

" राजा और रानी ने हामी भर दी ।

चित्रकार को राजकुमारी के पास ले जाया गया ।

वह उस समय अंगूर और सेब खा रही थी ।

चित्रकार ने अपने झोले से बड़ा - सा चित्रपट निकालकर टांग दिया ।

फिर वह अपने रंग और कूचियां संजोने लगा ।

उसने राजकुमारी से कहा कि वह उसका एक सुंदर चित्र बनाएगा ।

उसने राजा से कहा कि चित्र बनने तक न तो कोई उसे परेशान करे और न ही अधूरे चित्र को देखने का प्रयास करे ।

तीन सप्ताह तक चित्र बनाने का काम चलता रहा ।

इसके बाद चित्रकार ने राजकुमारी को चित्र देखने के लिए बुलाया ।

राजकुमारी सेब खा रही थी ।

वह बड़ी उत्सुकता से अपना चित्र देखने आई थी ।

लेकिन ज्यों ही उसने अपना चित्र देखा , उसके हाथ से सेब छूट गया ।

उस दिन उसने रात का

खाना भी नहीं खाया । अगले दिन चित्रकार ने ऐलान कर दिया कि राजकुमारी का इलाज हो गया है । यह बात सच थी । राजा भी उस चित्र को देखना चाहता था , जिसने रातो - रात राजकुमारी का इलाज कर दिया था ।

राजा के कहने पर उस चित्र का कपड़ा हटाया गया- राजकुमारी सफेद रंग की सुंदर पोशाक में खड़ी थी ,

जिस पर सितारे जगमगा रहे थे ।

वह चित्र देखकर सभी लोग हैरान रह गए ।

राजकुमारी उस चित्र में बहुत प्यारी लग रही थी ।

रानी की आंखें भर आई ।

चित्रकार ने कहा , " मैंने चित्र में राजकुमारी को केवल यह दिखाना चाहा कि यदि वह आवश्यकता से अधिक भोजन करना छोड़ दे ,

तो अपना मोटापा घटाकर इतनी खूबसूरत दिख सकती है !

मैं उसे अपनी झोंपड़ी में भी इसलिए रखना चाहता हूं , ताकि वह मेहनत करे और अपना फालतू वजन घटा ले । ”

“ बहुत खूब ! वास्तव में तुम बहुत बुद्धिमान हो ।

" राजा ने कहा । “ महाराज !

मैं केवल इतना जानता हूं कि प्रत्येक व्यक्ति को कोई न कोई काम अवश्य करना चाहिए । " चित्रकार बोला ।

राजकुमारी का विवाह उस चित्रकार से कर दिया गया ।

इसके बाद वे पहाड़ी पर बनी झॉपड़ी में खुशी - खुशी रहने लगे ।

कुछ समय बाद राजकुमारी उसी तरह सुंदर दिखने लगी , जैसा कि चित्रकार ने उसे चित्र में दिखाया था ।