मेमना और मछली

बहुत समय पहले की बात है किसी स्थान पर एक

अमीर आदमी अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ किले में रहता था ।

वह बहुत दयालु था ।

उसका बेटा और बेटी भी बहुत प्यारे थे ।

लेकिन बदकिस्मती से उसकी पत्नी की मौत हो गई ।

तब उसने एक दूसरी औरत से विवाह कर लिया ।

वह औरत दिखने में बहुत सुंदर थी , लेकिन एक दुष्ट जादूगरनी थी ।

उसे अपने सौतेले बच्चे पसंद नहीं थे ।

एक दिन उसने दोनों बच्चों को बाग में खेलते देखा और सोचा , ' मैं इन्हें जादू से गायब कर दूंगी ।

ये हमारे साथ नहीं रह सकते ।

' फिर उसने जादू से लड़के को एक मछली बना दिया और किले की खाई वाले पानी में डाल दिया ।

इसके बाद उसने लड़की को नन्हे मेमने में बदलकर घास वाले मैदान में भगा दिया ।

यह सब करने के बाद जादूगरनी खुशी - खुशी अपने किले में वापस आ गई ।

फिर उसने अपने पति पर भी जादू कर दिया , ताकि वह अपने बच्चों को भूल जाए ।

वह आदमी अपने बच्चों के बारे में भूलकर अपनी दूसरी पत्नी के साथ आराम से रहने लगा ।

एक दिन जादूगरनी ने अपने दोस्तों को रात के खाने पर बुलाया ।

उसने रसोइये से कहा कि वह घास वाले मैदान में जाकर मेमने को पकड़ लाए और रात का खाना तैयार करे ।

रसोइया चाकू लेकर निकला , तो उसने मेमने को खाई के पास खड़ा देखा ।

वह अपने भाई को पुकार रही थी , " मेरे भाई , मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं ।

" मछली ने जवाब दिया , “ मैं भी तुमसे बहुत प्यार करता हूं , बहन ।

लेकिन मैं तुम्हारी मदद नहीं कर सकता ।

" रसोइये ने आवाजें पहचान लीं ।

वे तो उसके मालिक के बच्चों की आवाजें थीं ।

वह समझ गया कि उनके साथ क्या हुआ होगा ।

रसोइये ने मछली को बाहर निकालकर एक बाल्टी पानी में रख दिया ।

फिर वह चुपके से अस्तबल में गया और मछली तथा मेमने को वहां छिपा दिया ।

अब वे सुरक्षित थे , लेकिन जादूगरनी से भी उनको बचाना था ।

इसके बाद रसोइया बाजार गया और कसाई की दुकान से मांस ले आया ।

उसने बताया कि रात की दावत में मेमना और मछली पकाया है ।

जादूगरनी ने उन्हें स्वाद से खाया और मन ही मन सोचा कि उसने अपने रास्ते के कांटों को हमेशा के लिए खत्म कर दिया है ।

जादूगरनी ने रसोइये को सबके सामने शाबाशी दी और कहा कि वह बहुत स्वादिष्ट खाना बनाता है ।

फिर वह उससे बोली , “ खबरदार ! यह बात किसी को मत बताना ।

यह राज अपने तक ही रखना । " रसोइये ने गर्दन हिला दी ।

जब रात को सब लोग सो गए , तो वह बाल्टी में रखी मछली और मेमने को लेकर एक सयानी औरत के पास जंगल में गया ।

उसने उसे सारी बात बता दी ।

वह चाहता था कि बच्चों को उस जादू से आजाद कर दिया जाए ।

सयानी औरत ने कुछ मंत्र पढ़े और बच्चे अपने असली रूप में आ गए ।

लेकिन उनका अपने किले में जाना खतरे से खाली नहीं था ।

जादूगरनी उन्हें देखते ही अपने वश में कर सकती थी ।

सयानी औरत बोली , " प्यारे बच्चो ! तुम मेरे पास ही रहो ।

मैं तुम्हें शिक्षा दूंगी ।

तुम जादू सीखो , ताकि बड़े होकर दुष्ट जादूगरनी का अंत कर सको ।

" बच्चों को यह बात बहुत अच्छी लगी ।

वे उसके साथ ही रहने लगे ।

वैसे वे कभी - कभी चोरी से अपने पिता को देख आते थे ।