Monkey Ki Kahani - Monkey Story

Bandar Ki Kahani

Monkey Story In Hindi - Bandar Wali Kahani - Monkey Story

बंदर एक मेरूदण्डी और सामाजिक जानवर है। ये बहुत चालाक होते हैं और आसानी से पेड़ों के माध्यम से चलने और छलांग लगाने के लिए जाने जाते हैं। इसके हाथ की हथेली एवं पैर के तलुए छोड़कर सम्पूर्ण शरीर घने रोमों से ढकी है। कर्ण पल्लव, स्तनग्रन्थी उपस्थित होते हैं। बंदर का अगला भाग पूँछ के रूप में विकसित होता है। हाथ, पैर की अँगुलियाँ लम्बी नितम्ब पर मांसलगदी है। बंदर कुछ हद तक चिंपैंजी, वनमानुष और गोरिल्ला जैसे दिखते हैं।

बंदर की कहानी - बन्दर मामा की रोचक कहानियाँ - बच्चों के लिए बन्दर की कहानी

बच्चों को बहुत ज्यादा पसन्द होते है बंदर को देखना उसके बारे में सुनना और उनसे जुड़ी कहानियाँ को पढ़ना। यहाँ बंदर से जुडी कहानियाँ का एक संग्रह है जो बच्चों को काफी पसन्द आयेगी।

बन्दर मामा और टुकी - मेरी प्यारी तुकी और उसका बंदर मामा - Monkey And Tuki Story In Hindi

टुकी बहुत ही प्यारी बची है और वो हमेशा खेलती रहती है। वैसे तो टुकी का वास्तविक नाम जया है लेकिन जब वो बहुत छोटी थी तो वो पूरा दिन टुक-टुक देखती रहती थी इसलिए उसकी बुआ उसे प्यार से टुकी बुलाने लगी। उसका घर में कभी मन नहीं लगता है वो कभी दरबाजे पर तो कभी छत पर तो कभी खिड़की के पास खेलती रहती है।

थोड़ी शैतान थोड़ी मासूम है टुकी लेकिन सबका मन बहलाती है ये टुकी ।

बोली बहुत प्यारी है इसकी। गाना भी बहुत मीठा गाती है और टीवी में देख के नाच भी कर लेती है ये टुकी।

एक बार टुकी अपने मामा के घर गयी अपने मम्मी और पापा के साथ। वहाँ उनके बहुत मामा जी थे जिनकें साथ वो खूब घूमती थी और मस्ती करती थी। नाना और नानी के साथ भी वो खेलती थी उनसे कहानियाँ सुनती थी।

एक दिन की बात है वो अपने एक छोटे मामा जी के साथ छत पे घूम रही थी की तभी वहाँ से कुछ आवाज उसे सुनाई दिया। वो बहुत डर गयी और अपने मामा के गोदी में चिपक गयी। टुकी को देख के मामा हँसने लगे और उन्होंने कहाँ की टुकी ये कोई डराबना आवाज नहीं है ये तो मासूम बंदर की आवाज है जो तुमसे मिलने आया है।

टुकी देखि तब सामने तो एक लम्बी-लम्बी पूछ वाला बंदर था जो उसके तरफ देख रहा था। फिर वो खुश हो गयी और मामा से पूछी की ये कौन है तो उनके मामा बोले की जैसे मैं तुम्हारी मामा हूँ वैसे ये भी तुम्हारे मामा है।

तुम इसके साथ खेल सकती हो ये तुम्हें नाच दिखायेगा। फिर टुकी खूब हँसने लगी और बन्दर मामा मेरे बन्दर मामा करके बन्दर के साथ खेलने लगी।

उस दिन के बाद जब भी कही टुकी बन्दर देखती थी तो उसे बन्दर मामा कहके पुकारती है ।

बंदर ने चुराया लडू - क्यों चुराया बंदर ने मिष्ठी का लड्डू

मिष्टी, बहुत ही प्यारी एक बच्ची है जो अभी बहुत छोटी है ।

वो अपने खिलौना से कम खेलती है और घर के समान से ज्यादा खेलती है।

जब भी उसके सामने कोई कुछ खाने बैठता है तो वो सामने से थाली पकड़ के अपनी और खींचती है ।

उनकी मम्मी, दादी और दादा ये सब देख के बहुत हँसा करते है । आस-पास के कुछ बच्चे जो उनसे थोड़े बड़े है हमेशा उनके पास खेलने आते है और उनको गोदी में लेके घूमती है ।

मिष्ठी अभी चलना नहीं जानती है लेकिन वो उछल कूद के यहॉँ से वहाँ चली जाती है। उनकी मम्मी उसे प्यार से मिष्ठू बुलाती है।

मिष्ठी के घर के बगल में बहुत सारे बंदर आया करते है और कभी-कभी वो दादा जी के साथ बंदर को दूर से देख के खेला करती है।

एक दिन की बात है मिष्ठी के घर में एक पूजा हुआ जिसमें बहुत सारे मिठाई भी आया था।

सभी मिठाईयों में मिष्ठी को लडू का थाली बहुत प्यारा लगा।

वो फुदक-फुदक के वहाँ तक पहुँच गयी और थाली में से एक लडू उठा ली और उसे खाने लगी की तभी वह एक छोटा सा बंदर आया और मिष्ठी के पास बैठ गया और उसके हाथ से लडू छीन ने लगा।

मिष्ठी जोर-जोर से रोने लगी, इतने में घर के सभी लोग निकल के आये।

मिष्ठी और बंदर को एक साथ देख के घबड़ा गए।

मिष्ठी कस के लडू पकड़ी थी और बंदर लपक रहा था।

फिर जैसे ही दादा जी डंडा निकाले की बंदर लडू के थाली में से एक लडू लेके भाग गया और ऊपर छत पे जाके मिष्ठी को दिखा-दिखा के खाने लगा।

बंदर को ऐसे मुँह बना के खाते देख मिष्ठी खिलखिलाने लगी।

घर में सब हँसे और फिर मिष्ठी की मम्मी उसे गोद में उठा के बहुत सारा प्यार करने लगी।

बंदर की कहानी - बंदर की कुछ प्रसिद्ध कहानियाँ

एक नदी में एक मगरमच्छ रहता था।नदी के किनारे पर केले का एक पेड था।

बंदर का जिगर आगे पढ़े

राजवन में राजू बंदर की शरारतों से सभी जानवर परेशान थे।वह आए दिन सबके साथ शरारत करता था।

शरारती बंदर आगे पढ़े

एक समय की बात है। एक गांव में एक व्यापारी रहता था।

बंदर और टोपीवाले आगे पढ़े

एक व्यापारी ने एक मंदिर बनवाना शुरू किया और मजदूरों को काम पर लगा दिया।

बंदर की जिज्ञासा और कील आगे पढ़े

बंदरों का एक झुंड नदी किनारे लगे पेड़ पर लगे आम खाया करता था।

बंदर ने अपने झुंड को बचाया आगे पढ़े

दो बंदर एक दिन घूमते-घूमते एक गाँव के समीप पहुँच गए और उन्होंने वहां सुन्दर

दो बंदरों की कहानी आगे पढ़े

एक दिन चोर ने गाँव के मंदिर का घंटा चुरा लिया।घंटा चुराने के बाद वह जंगल की ओर भागा।

बंदर और घंटा आगे पढ़े

किसी नगर में एक राजा रहता था. जिसे पशु पक्षियों से बहुत लगाव था ।

मूर्ख बन्दर की कहानी आगे पढ़े

नर्मदा नदी के तट पर सेमल का एक बहुत बड़ा पेड़ था।

मुर्ख बंदर और चिड़ियाँ आगे पढ़े

एक बार एक समुद्री जहाज पर कुछ व्यापारी व्यापर करने के लिए किसी

एक झूठा बंदर आगे पढ़े

एक बार की बात है । एक इमारत में आग लग गई ।

चिड़िया और बंदर आगे पढ़े

एक बार की बात है, एक जंगल के किसी घने पेड़ पर एक गौरैया का

गौरैया और बंदर आगे पढ़े

बहुत समय की बात है एक राज्य में एक भव्य मंदिर का निर्माण चल रहा था।

बंदर और लकड़ी का खूंटा आगे पढ़े

सुन्दर वन में ठंडक दस्तक दे रही थी।सभी जानवर आने वाले कठिन समय के लिए

बंदर और सुगरी आगे पढ़े

शान्ति वन का राजा गब्बर सिंह दुष्ट प्रकृति का था।

भोलू बंदर की चालाकी आगे पढ़े

बहुत समय पहले की बात है, एक गांव में 2 बिल्लियां रहती थीं ।

दो बिल्लियां और एक बंदर आगे पढ़े

एक जंगल में एक शरारती बंदर रहा करता था।

मटकी में बंदर के हाथ आगे पढ़े

जीवनदास नाम का एक गरीब मदारी अपने बन्दर मन्नू को नचाकर अपनी

सैलानी बंदर आगे पढ़े

एक रात एक छोटा बंदर कुँए पर पानी पीने के लिए गया।

मूर्ख बंदर और चंद्रमा आगे पढ़े

किसी वन में एक बुद्धिमान बंदर रहता था।वह हज़ार बंदरों का राजा भी था।

बुद्धिमान् वानर आगे पढ़े