एक पंडाल में भोज चल रहा था।
दो सज्जन कुछ देर से पहुंचे।
पहले ने दूसरे से पूछा, 'आप किसकी तरफ से आए हैं ?
'जी मैं लड़केवालों की तरफ से आया हूं।
मैं लड़के का मामा हूं और आप ?
दूसरे सज्जन ने पहले से पूछा। सुनकर पहले सज्जन ने जवाब दिया, "जी मैं लड़की का चाचा हूं।
आप और हम तो रिश्तेदार हुए...।' उन दोनों की बात सुनकर एक तीसरे सज्जन बोले, अच्छा आप लड़केके मामा हैं और आप लड़की के चाचा...शर्म नहीं आती दूसरों की दावत में खाना खाते।
' तीसरे सज्जन ने धीमे से उन्हें फटकारा, “यह किसी विवाह की पार्टी नहीं, तेरहवीं है।
किसी दावत में जाना हो, तो पूरी जानकारी के साथ जाओ, जैसे मैं जाता हूं।'