Panchatantra Stories In Hindi

पंचतंत्र की कहानी - Panchatantra Story In Hindi

Story Of Panchatantra In Hindi | Panchtantra Ki Story | Panchtantra Ki Kahani

पंचतंत्र पाँच प्रकरणों में विभाजित संस्कृत की एक प्रसिद्ध पुस्तक है जिसमें जीवन व्यवहार के संबंध में उपदेशात्मक कहानियाँ हैं। पंचतंत्र एक विश्वविख्यात कथा ग्रन्थ है, जिसके रचयिता आचार्य विष्णु शर्मा है। इस ग्रन्थ में प्रतिपादित राजनीति के पाँच तंत्र (भाग) हैं। पंचतंत्र को संस्कृत भाषा में 'पांच निबंध' या 'अध्याय' भी कहा जाता है। उपदेशप्रद भारतीय पशुकथाओं का संग्रह, जो अपने मूल देश तथा पूरे विश्व में व्यापक रूप से प्रसारित हुआ। पंचतंत्र की कई कहानियों में मनुष्य-पात्रों के अलावा कई बार पशु-पक्षियों को भी कथा का पात्र बनाया गया है तथा उनसे कई शिक्षाप्रद बातें कहलवाने की कोशिश की गई है।

Panchatantra - Panchatantra Stories - Panchatantra Ki Khani - Panchatantra Hindi Stories

पांच भागों में बटी पंचतंत्र की कहानियां बच्चों को व्यवहार, नेतृत्व और अहमियत जैसे कई महत्वपूर्ण सीख सिखाती हैं। पंचतंत्र की कहानियों में पेड़, पक्षी और पशुओं के किरदार बहुत रोचक होते हैं। पंचतंत्र की छोटी-छोटी कहानियाँ संग्रह हैं यहाँ एक बार जरूर बढ़े, सारी कहानी बहुत ही रोचक है।

पंचतंत्र - पंचतंत्र के किस्से

अनधिकार चेष्टा ढोल की पोल
अक्ल बड़ी या भैंस बगुला भगत
सबसे बड़ा बल : बुद्धिबल कुसंग का फल
रंगा सियार फूंक-फूंककर पग धरो
घड़े-पत्थर का न्याय हितैषी की सीख मानो
दूरदर्शी बनो एक और एक ग्यारह
कुटिल नीति का रहस्य सीख न दीजे बानरा
शिक्षा का पात्र मित्र-द्रोह का फल
करने से पहले सोचो जैसे को तैसा
मूर्ख मित्र मित्र सम्प्राप्ति
धन सब क्लेशों की जड़ है बिना कारण कार्य नहीं
अति लोभ नाश का मूल भाग्यहीन नर पावत नाहीं
उड़ते के पीछे भागना काकोलूकीयम्
उल्लू का अभिषेक बड़े नाम की महिमा
बिल्ली का न्याय धूर्तों के हथकण्डे
बहुतों से वैर न करो टूटी प्रीति जुड़े न दूजी बार
शरणागत को दुतकारो नहीं शरणागत के लिए आत्मोत्सर्ग
घर का भेद चुहिया का स्वयंवर
शत्रु का शत्रु मित्र मूर्ख मण्डली
बोलने वाली गुफा स्वार्थ सिद्धि परम लक्ष्य
लब्धप्रणाशम्, बंदर की कहानी मेढक-साँप की मित्रता
आज़माए को आज़माना समय का राग कुसमय की टर्र
गीदड़ गीदड़ ही रहता है स्त्री का विश्वास
स्त्री-भक्त राजा वाचाल गधा
घर का न घाट का घमण्ड का सिर नीचा
राजनीतिज्ञ गीदड़ कुत्ते का वैरी कुत्ता
अपरीक्षितकारकम् बिना विचारे जो करे
लालच बुरी बला वैज्ञानिक मूर्ख
चार मूर्ख पण्डित एकबुद्धि की कथा
संगीतविशारद गधा मित्र की शिक्षा मानो
शेखचिल्ली न बनो लोभ बुद्धि पर पर्दा डाल देता है
जिज्ञासु बनो मिलकर काम करो
मार्ग का साथी