जज (शराबी से)- 'एक ही बैठक में तुम पूरी दो बोतल शराब पी गए।
ऐसी भी क्या मजबूरी थी?
शराबी (जज से)- "मेरे सामने और कोई रास्ता नहीं था।
दोनो बोतलो के ढकक्कन गुम हो गए थे।'
एक महिला अपना भविष्यफल जानने के लिए ज्योतिषी के पास गई।
ज्योतिषी ने दो सवालों के जवाब देने के साँ रूपए मांगे।
सो रूपए देते हुए महिला ने पूछा- दो सवालो के लिए साँ रूपए कुछ ज्यादा नहीं है?
ज्योतिषी (महिला से)- बिल्कुल ज्यादा है। अब अपना दूसरा प्रश्न पूछिए।
एक समाजसेवी ने एक शरारती युवक को समझाते हुए कहा, देखो! यदि
तुम प्रत्येक लड़की को अपनी मां समझोगे तो तुम्हारा चरित्र सुधर जायेगा।'
युवक ने एक लंबी सांस भर कर जवाब दिया, 'मेरा चरित्र तो सुधर जायेगा लेकिन मेरे पिताजी का चरित्र ?
मालिक (नौकरानी से)- तेरी दो आंखे है, चावल के कंकड़ ठीक से नहीं चुन सकती?
नौकरानी (मालिक से)- आपके भी तो पूरे बत्तीस दांत है, एकाथ कंकड़ चबा नहीं सकते।
मीना ने अपने बेटे की भूगोल की पुस्तक पढ़ने के बाद रमेश से पूछा -
बताइए, सूरज हमेशा पूरब से ही क्यों निकलता है ?रमेश (मीना से)- अरे, यह तो कोई गधा भी बता सकता है।
मीना (रमेश से)- इसलिए तो तुमसे पूछ रही हूं।
तलाक के सिलसिले में आये अपने मुवक्किल से वकील ने पूछा, क्या आपने सोच समझकर शादी की थी ?
मुवक्किल ने ठंडी सांस भरते हुए कहा, (अगर सोचा-समझा होता तो मैं शादी ही क्यों करता।'
जहाज का कप्तान बोला- हमारा जहाज इूबने वाला है,
यहां कोई ऐसा है जो भगवान से प्रार्थना कर सके।
एक महोदय आगे निकलकर जोश से बोले- हां! मुझे प्रार्थना करनी आती है।
'तब ठीक है तुम प्रार्थना करना शुरू कर दो।
हम लोग तैरने का पट्टा लेकर कूदते है। हमारे पास एक पट्टा कम है', कप्तान बोला।
एक पाठक ने किसी पत्रिका में एक प्रश्न पूछा कि पापड़ और झापड़ में क्या अंतर है ?
संपादक ने उत्तर दिया - बेकार में दिमाग खपाने से कुछ नहीं होता।
दोनो खाकर देख लीजिए, फर्क अपने आप समझ में आ जाएगा।'
मनोज (दुकानदार से)- कैसी कुर्सियां बनाते हो ? पिछले हफ्ते कुर्सी खरीदी
थी, दो दिन भी नहीं चली।'दुकानदार (मनोज से)- माफ कीजिएगा साहब, कुर्सी चलने के लिए नहीं होती, बैठने के लिये होती है।
राकेश (मुकेश से)- फांसी के फंदे और शादी के फंदे में क्या अन्तर है ?”
मुकेश (राकेश से)- फांसी के फंदे के बाद तमाम मुसीबते खत्म हो जाती
है और शादी के फंदे के बाद मुसीबतो की शुरूआत होती है।'घर आए मेहमान ने छोटे बच्चे का आई क्यू टेस्ट करने के उद्देश्य से पूछा,
बेटे, तुम दाएं हाथ से लिखते हो या बाएं हाथ से?!
' जी, मैं तो पेसिल से त्रिखता हूं।' बच्चे ने बड़ी मासूमियत से जवाब दिया।
जज (चोर से)- क्या तुम कुछ दिन पहले भी साँ रूपये चुराने के आरोप में पकड़े गए थे ?
चोर (जज से)- साहब, इस महंगाई के जमाने में साँ रूपये कितने दिनों तक चलते है ?
प्रेमिका (प्रेमी से)- तुम जल्दी से बताओ कि मुझसे शादी करोगे कि नहीं ?
प्रेमी (प्रेमिका से)- मैं इतनी जल्दी कुछ नहीं कह सकता।
प्रेमिका (प्रेमी से)- मुझे अभी जवाब चाहिए, क्योंकि आज ही मुझे औरो से भी यही सवाल करना है।
निबंध प्रतियोगिता हो रही थी। निबंध का विषय था- “यदि मैं कंपनी का मैंनेजर होता।'
सभी उम्मीदवार लिख रहे थे।
लेकिन एक उम्मीदवार ऐसा था, जो हाथ पर हाथ रखकर बैठा था।
निरीक्षक ने देखा तो पास आकर पूछा- क्या बात है, तुम लिख क्यों नहीं रहे हो ?
'मैं अपने सेक्रेटरी का इंतजार कर रहा हूं।' उस उम्मीदवार ने जवाब दिया।
बॉस (क्लर्क से)- मृत्यु के बाद जीवन में क्या तुम्हारा यकीन है ?
क्लर्क (बॉस से)- हां सर, यह मुमकिन है।
बॉस (क्लर्क से)- तभी तुम्हारे मामा जिनकी शवयात्रा में शमिल होने के लिए कल तुम गए थे, वह तुमसे मिलने यहां ऑफिस में आए थे।
मोहन (बॉस से) - सर, मुझे अपनी बीवी का घर के काम में हाथ बंटाना है।
इसलिए मुझे छुट्टी चाहिए।
बॉस (मोहन से)- छुट्टी बिल्कुल नहीं मिलेगी।
मोहन (बॉस से)- थैक्यू सर, मुझे पता था अगर कोई मुझे बचा सकता है, तो वह केवल आप ही है।
एक मैंनेजर ने एक उम्मीदवार का इंटरव्यू लेते हुए पूछा- 'अब तक तुमने कितने जगह काम किया है और कितने-कितने समय तक वहां रहे हो ?
उम्मीदवार - “जी, ग्यारह जगह काम किया है और सब जगह छह-छह महीने तक रहा हूं।'
मैंनेजर - “आखिर इसका क्या कारण है कि किसी भी जगह तुम छह महीने से ज्यादा नहीं टिके।'
उम्मीदवार - आप नौकरी पर रखकर देख लीजिये, आपको भी पता चल जायेगा।!
एक मूर्ख संग्रहालय देखने गया और वहां रखी एक पुरानी मूर्ति से टकरा गया।
मूर्ति टूट गयी।
संग्रहालय के अधिकारी ने जब यह देखा, तो गुस्से से ?
बोला, 'है भगवान, आपने 500 साल पुरानी यह मूर्ति तोड़ दी ?
मूर्ख ने राहत की सांस ली और बोला, 'तो नाराज क्यों होते हो ?'
मैं तो इसे नयी मूर्ति समझ बैठा था।
थानेदार (सिपाहियो से)- 'तुम चार थे।
फिर भी एक चोर को नहीं पकड़ सके ?
सिपाही (थानेदार से)- 'चोर तो भाग ही गया, पर मैं उसकी उंगलियो के निशान ले आया हूं।'
थानेदार - “बताओ, कहां है वे निशान ?
सिपाही - “मेरे गाल पर।'
होटल में ठहरा हुआ यात्री जल्दी में था।
उसे फ्लाइट पकड़नी थी।
अपना सामान लेकर वह टैक्सी के पास पहुंच चुका था तभी उसे याद आया कि
उसकी खासा महंगी शेविंग किट होटल के कमरे में ही छूट गयी है।
उसने
बेल बॉय को बुलाया और कहा, मैं जल्दी में हूं,
तुम मेरे कमरे में जाओ और देख आओ कि कही मेरा शेविंग किट वहां छूट तो नहीं गयी।'
बेल बॉय गया और कुछ देर बाद वापस लॉँटा।
यात्री बेसब्री से उसका इंतजार कर रहा था।
उसे देखते ही उसने पूछा, क्यों भई, देख आए ?
हां साहब, देख आया आपकी किट कमरे में ही है।'
सुधा (साड़ी विक्रेता से)- 'कहिए जनाब धंधा कैसा चल रहा है?
दुकानदार - 'कल एक साड़ी बिकी थी।
आज उससे भी ज्यादा मंदा है।'
सुधा - 'अरे, इससे ज्यादा मंदा और क्या हो सकता है ?
दुकानदार - 'जो महिला कल साड़ी खरीदकर ले गई थी आज वापस कर गई।'
एक मेठक ज्योतिषी के पास गया।
ज्योतिषी बोला- बच्चा! आज तेरी किस्मत में एक लड़की है।
वो तेरे बारे में सब कुछ जानना चाहती है।
मेढक ने खुश होकर पूछा- मगर महाराज वो मिलेगी कहां ?
गंभीर होकर ज्योतिषी बोला- बायो लैब में।
दुकानदार (कारीगर से)- क्या राय साहब के घर के दरवाजे की घंटी ठीक कर आए ?
कारीगर (दुकानदार से)- कैसे करता ?
मैं काफी देर तक घंटी बजाता रहा, पर किसी ने दरवाजा ही नहीं खोला।'
मैंनेजर (क्लर्क से)- तुम इस महीने में चार छुट्टियां ले चुके हो, पहली
छुट्टी लेकर तुम अपनी पत्नी को गाड़ी में बिठाने गए थे।
दूसरी पर अपनी सास के मरने पर गए थे, तीसरी छुट्टी पर तुम्हारी बेटी का जन्मदिन था
और चौथी पर तुम्हारा बेटा बीमार था आज फिर छुट्टी मांग रहे हो।
अब क्या काम है ?
क्लर्क (मैंनेजर से) - 'सर आज मेरी शादी है।'
चित्रकार (ग्राहक से)- 'साहब, मैं बेगम साहिबा की ऐसी तस्वीर बनाऊंगा, जो बोल उठेगी।'
ग्राहक (चित्रकार से)- “माफ करो भाई, इसने तो वैसे ही नाक में दम कर रखा है।
अगर इसकी तस्वीर भी बोलने लगेगी, तो जीना मुश्किल हो जाएगा।'
एक संगीतकार अपना वायलिन बेचने के लिए एक कबाड़ी की दुकान पर गया
और उससे बोला- मैं इस वायलिन को बेचना चाहता हूं।
कबाड़ी - 50 रूपए में बिकेगा भाईसाहब।
संगीतकार - बस 50 रूपए, तुमने तो हद कर दी।
तुमसे अच्छा तो मेरा पड़ोसी है।
वह इसे बजाना बंद करने पर 500 रूपए देने को तैयार है।
गेहूं का क्या भाव है सेठजी ? “ग्राहक ने पूछा।'
सेठ (ग्राहक से)- एक साँ चालीस रूपये क्विंटल।'
ग्राहक (सेठ से)- 'लेकिन सामने वाला दुकानदार तो एक साँ पच्चीस रूपये क्विंटल बेच रहा है।'
सेठ (ग्राहक से) - 'तो जाओ वहीं से ले लो।'
ग्राहक (सेठ से)- "लेकिन उसके पास है नहीं।'
सेठ (ग्राहक से)- “जिस दिन मेरे पास नहीं होता मैं साँ रूपये क्विंटल बेचता हूं।'
एक मित्र (दूसरे मित्र से)- सुना है, तुम दोनो पति-पत्नी में अटूट संबंध है।
दूसरा मित्र- हां भैया, जब हमारा झगड़ा होता है तो पूरा मोहल्ला मिलकर बड़ी कठिनाई से अलग कर पाता है।
भिखारी (राहगीर से) - जनाब मैं कोई मामूली भिखारी नहीं हूं।
मैंने 'रूपए कमाने के 100 तरीके' नामक किताब लिखी है।
राहगीर (भिखारी से)- तो फिर तुम भीख क्यों मांगते हो?
भिखारी (राहगीर से)- क्योंकि यह उस किताब में बताया गया सबसे आसान तरीका है।
एक सेठ जी अपने बेटे को स्कूल में दाखिल कराने गए तो प्रिंसीपल ने कहा,
'सेठ जी, आपने देर कर दी, अब तो कोई भी सीट खाली नहीं है।'
आप चिंता मत करे लड़के को दाखिल कर ले,
बैठने के लिए कुर्सी मैं घर से भेज दूंगा।'
सेठ (खाने की थाली देखकर)- “इतनी महंगाई में रोटी पर इतना घी ?
नौकर (सेठ से)- 'मालिक, माफ करे।
शायद गलती से मेरी रोटी आपके पास आ गई।'
कंपनी के बॉस ने अपनी सेक्रेटरी को बुलाया।
बॉस - आज शाम को तुम कुछ कर रही हो?
सेक्रेटरी (खुश होते हुए)- जी नहीं।
बॉस - शायद कही किसी के साथ जाना हो ?
सेक्रेटरी - जी नहीं, बिल्कुल खाली हूं।
बॉस - तो फिर आज घर जाकर जल्दी सो जाना ताकि सुबह वक्त पर ऑफिस पहुंच सको।
मिसेज वर्मा ने अपने नए नौकर से कहा,
'रामू आज तुमने बहुत कीमती फूलदान तोड़ दिया।
आज के बाद ऐसी गलती की तो मार-मारकर तुम्हारा सिर गंजा कर दूंगी।
समझे ?” 'क्या समझे ?!
नौकर - “यही कि मालिक भी किसी ऐसी ही भूल का अंजाम भुगत रहे है।'
सड़क पर दो मजदूर काम कर रहे थे।
एक गडढा खोदता दूसरा पीछे से भर देता। एक आदमी बहुत देर से देख रहा था, उससे रहा नहीं गया।
उसने कहा- 'ये आप लोग क्या कर रहे है ?'
गड़ढा खोदने वाला- हम लोग सरकारी कर्मचारी है।
अपना काम कर रहे है।'
मुसाफिर, 'लेकिन यह कैसा काम है एक गड्ढा करता है दूसरा भर देता है।'
गड्ढा खोदने वाला- "दरअसल हमारी तीन लोगो की ड्यूटी है।
मैं गड़ढा खोदता हूं दूसरा पेड़ लगाता है तीसरा उसे बंद करता है।
आज दूसरा यानी पौधे रखने वाला व्यक्ति छुट्टी पर है।'
टिकट चैकर (यात्री से)- टिकट दिखाओ।
यात्री (झट जेब से निकाल कर)- यह लीजिए।
टिकट चैकर - यह तो प्लेटफार्म टिकट है।
यात्री- जहां मैं उतरूंगा वहां प्लेटफार्म तो होगा ही।
रामनाथ बहुत घबराया हुआ थाने पहुंचा।
थानेदार ने जब घबराहट का कारण पूछा तो बोला, "मेरी पत्नी मायके गई हुई है।
मैं आज सुबह जब सोकर उठा तो देखा मेरे कमरे की अलमारी खुली थी,
मेरा कीमती सामान और रुपए चोरी हो चुके थे।
सामान अस्त-व्यस्त था, संदूक टूटे हुए मिले।
मेरे ताएऐ हाथो के तोते ही उड़ गए......।'
थानेदार ने कलम उठाई और तुरंत पूछा, 'कुल कितने तोते थे ?'
मालिक (नौकर से)- देखो मैं बाजार जा रहा हूं तुम दुकान का ध्यान रखना।
अगर कोई व्यक्ति आकर कोई आईर दे तो उसे पूरा करना।'
कुछ देर के बाद मालिक आया तो उसने नौकर से पूछा, 'कोईर् आया था ?'
नौकर (मालिक से)- 'जी हां आया था।
उसने कहा कि दोनो हाथ ऊपर उठाकर कोने में खड़े हो जाओ।
मैंने ऑर्डर मान लिया और वह गल्ला उठाकर चला गया।
एक आदमी कब्रिस्तान से गुजर रहा था।
उसने एक आदमी को कब्र पर बैठे देखा।
उसने कब्र पर बैठे व्यक्ति से पूछा, तुम्हें यहां पर डर नहीं लगता ?'
कब्र पर बैठा व्यक्ति बोला, डरने की क्या बात है।
अंदर गर्मी लग रही थी इसलिए बाहर आ गया।
दिल्ली के सेठ जी के इकलौंते बेटे को बहुत तेज रफ्तार से कार चलाने की आदत थी।
एक बार वह अपने दोस्तो के साथ पिकनिक मनाने आगरा जाने लगा, तो सेठ जी से बोला- पिताजी, मेरी सलामती के लिए दुआ कीजिएगा।
हां बेटा, लेकिन इस बात का ध्यान रखना
कि मेरी दुआ की स्पीड 45 किमी. प्रति घंटे से ज्यादा की नहीं है।' सेठ जी बोले।
थानेदार (देहाती से) - क्या तुम्हारे गांव में आग लग गई थी ?
देहाती (थानेदार से) - जी हां, हजूर सारा गांव जल कर राख हो गया था।
थानेदार (देहाती से) - कुछ बचा भी ?
देहाती (थानेदार से) - बस आग बुझाने वाली गाड़ी क्योंकि वह देर से आई थी।
पंकज (मीनू से)- मुझसे शादी करोगी ?
मीनू (पंकज)- नहीं! हमारे यहां तो परिवार में ही शादी होती है....मम्मी
की पापा से.....भैया की भाभी से.....मामा की मामी से.......
रमेश (नेता जी से)- अरे, आपका लड़का फेल हो गया है और आप मिठाई खिला रहे हो ?
नेता जी - पास, फेल क्या मायने रखता है, बहुमत तो इसके साथ है।
पचास की कक्षा में पैतीस बच्चे इसके साथ फेल हुए है।
रमा (हेमा से)- मैंने निश्चय कर लिया है कि जब तक मैं पच्चीस वर्ष की
नहीं हो जाती, शादी नहीं करूंगी।
हेमा (रमा से)- और मैंने भी निश्चय कर लिया है कि जब तक मेरी शादी
नहीं हो जाती, मैं पच्चीस वर्ष की ही नहीं होऊंगी।
लेखक (मित्र से)- “दस साल लिखते रहने के बाद मुझे पता चला है कि ,मुझमें साहित्य सृजन की प्रतिभा बिल्कुल नहीं है।'
मित्र (लेखक से)- तो फिर तुमने लिखना छोड़ दिया?
लेखक (मित्र से)- 'नहीं तब तक मैं काफी मशहूर हो चुका था।'
मालिक गुस्से में नौकर से- “मैं एक घंटे से घंटी बजा रहा हूं।'
नौकर तुरंत बोला- आप मालिक है।
एक घंटे तो क्या आप सारे दिन घंटी बजा सकते है।
एक बॉस दूसरे बॉस से- तुम्हारा कर्मचारी इतना ईमानदार है,
लेकिन तुम हमेशा उसकी बुराई क्यों करते रहते हो ?
बॉस - ताकि कोई उसे फुसलाकर न ले जाए।
राकेश ने मुकेश से पूछा तुमने वाकई उस लड़की से शादी करने का पक्का
फैसला कर लिया है ?
मुकेश - हां यार, अब मजबूरी है।
राकेश - कैसी मजबूरी है ?
मुकेश -वह लड़की इतनी मोटी हो गई है कि मंगनी में जो अगूठी मैंने उसे
दी थी, वह उतरती ही नहीं है।
ड्राइंग रूम में सजे शेर को देखकर मेहमान ने मेजबान से पूछा, “बड़ा सुन्दर शेर है।
इसे कहां से लाये हो ?
मेजबान बोला, “श्रीलंका से, जब वहां मैं और चाचा शिकार खेलने गए थे।'
मेहमान - इसके पेट में कया भरा है ?
'मेरे चाचा।' मेजबान बोला।
दो दोस्तो में किसी बात पर तू-तू-मैं-मैं हो गई।
एक दोस्त दूसरे से बोला-
'मैं अपनी बेइज्जती कराने यहां नहीं आया हूं।'
दूसरे ने कहा- 'तो आमतौर पर आप कहां जाते है?
युवा फिल्म अभिनेता (प्रेमिका से) आज तक मुझसे शादी के सैकड़ों निवेदन किए जा चुके है।
प्रेमिका (अभिनेता से)- अच्छा, किस-किस ने निवेदन किया ?
अभिनेता (प्रेमिका से) - 'मेरे मम्मी और डैडी ने।' अभिनेता मुस्कराते हुए बोला।
शराबी (अजय से ) - शराब से ज्यादा नुकसान तो पानी ने पहुंचाया है।
अजय (शराबी से)- नहीं भाई, आप गलत कह रहे है।
शराबी (अजय से)- क्यों भाई साहब, कया पिछले साल बाढ़ से हजारों लोग मरे नहीं थे ?
रेल के डिब्बे में एक सज्जन ने अपने सामने वाले व्यक्ति को चुपचाप बैठे देखकर बातचीत करने के इरादे से कहा- भाई साहब आपका रूमाल नीचे गिर गया है।
इस पर उस व्यक्ति ने कहा- मेरा रूमाल गिर गया है, इससे आपको क्या मतलब ?
आपका कोट सिगरेट से जल रहा है, पर मैंने तो कुछ नहीं कहा।
जज (अभियुक्त से)- तुम्हारी पहली पत्नी की मौत कार दुर्घटना से हुई थी,
जबकि दूसरी पत्नी जहर खाकर मर गई। ऐसा क्यों हुआ ?
अभियुक्त (जज से)- दूसरी पत्नी कार चलाना नहीं जानती थी।
एक ग्राहक होटल के बैरे से- अरे?े इस गिलास में पत्ता गिरा है। बैरा (ग्राहक से) - इसमें कोई ताज्जुब की बात नहीं है साहब, इस शहर में हमारे होटल की कई शाखाएं है।