एक शराबी बार में बैठा जोर-जोर से रो रहा था।
पास बैठे रमेश को उस पर दया आयी।
पास आकर उसने सहानुभूति जतायी और शराबी से पूछा- आप क्यों रो रहे है ?'
शराबी बोला “कल मुझसे एक बहुत बड़ी गलती हो गयी,
मैंने अपनी पत्नी को शराब की एक बोतल की एवज में बेच डाला।'
रमेश - 'तो तुम अब अनुभव कर रहे हो कि पत्नी को तुम्हारे पास होना चाहिए ?
शराबी - हां, मैं उसकी कमी महसूस कर रहा हूं।'
रमेश - उसे बेचने के बाद तुम्हें पता लगा होगा कि तुम उससे कितना प्यार करते हो?'
शराबी - नहीं, नहीं, दरअसल अब मुझे फिर शराब की जरूरत महसूस हो रही है।'