बादशाह ने जब ईसाई की कहानी को बेकार बताया,
तो अनाज व्यापारी ने बादशाह से कहा कि अब मैं अपनी कहानी सुनाना चाहता हूं।
मुझे भी एक मौका दे दीजिए।
यह सुनकर बादशाह ने उसे कहानी सुनाने की इजाजत दे दी।
अनाज व्यापारी ने अपना किस्सा सुनाते हुए कहा कि मैं कल एक अमीर आदमी की बेटी की शादी में गया था।
वहां कई सारे स्वादिष्ट पकवान परोसे गए।
सबसे अच्छी लहसुन की चटनी थी, जिसे सब लोग बड़े स्वाद से खा रहे थे।
तभी मैंने देखा कि एक आदमी आंखों को झुकाकर खाना खा रहा है
और उसकी प्लेट में लहसुन की चटनी भी नहीं थी।
उसी समय अन्य लोगों की नजर भी उसपर गई।
सभी ने मिलकर उस व्यक्ति से पूछा कि वो लहसुन की चटनी क्यों नहीं खा रहा है?
उसने डरते हुए जवाब दिया कि मैं लहसुन की वजह से कई सारी परेशानियां झेल चुका हूं,
इसलिए इसे मैं नहीं खाता हूं।
उसने आगे कहा कि खाना तो दूर की बात है, मैं लहसुन को छूना भी पसंद नहीं करता हूं।
आप लोगों को नहीं पता कि मेरे साथ लहसुन की चटनी के कारण क्या कुछ हुआ है।
मैंने सिर्फ इस लहसुन की चटनी के कारण अपनी जिंदगी में काफी दर्द सहा है और बहुत कुछ खोया है।
ये सारी बातें सुनने के बाद भी उसके आसपास मौजूद सभी लोगों ने उसे लहसुन की चटनी खाने को कहा।
सभी के आग्रह को उसने अस्वीकार करते हुए कहा कि वो ऐसा बिल्कुल भी नहीं करेगा।
उसी वक्त वहां वो अमीर आदमी पहुंच गया, जिसकी बेटी की शादी थी।
उन्होंने उस व्यक्ति से कहा कि अब तुम्हें यह लहसुन की चटनी खानी होगी।
अगर तुमने इसे नहीं खाया, तो मैं इसे अन्न का और अपना अपमान समझूंगा।
दुखी आवाज में उस व्यक्ति ने कहा कि आप लोग इतना कह रहे हैं, तो मैं इसे चख लूंगा।
यह सुनकर वहां मौजूद सभी लोग खुश हो गए।
तभी लहसुन की चटनी खाने के लिए उस व्यक्ति ने एक शर्त रखी।
उसने कहा कि मैंने प्रण लिया है कि अगर मैं कभी भी लहसुन को हाथ लगाऊंगा या खाऊंगा,
तो एक खास घास, राख और साबुन से सौ बार अपना हाथ और मुंह धोऊंगा।
इस शर्त को वो अमीर व्यक्ति तुरंत मान गया जिसकी बेटी की शादी थी।
उसने फटाफट उस खास घास के साथ ही राख और साबुन का इंतजाम कर दिया।
अपने सामने सारी जरूरी चीजें देखने के बाद उस व्यक्ति ने कटोरी पर रखी लहसुन की चटनी पर दो उंगली डालकर उसे डरते हुए निकाला।
उसका चेहरा देखने लायक था। उसे काफी पसीना आ रहा था।
फिर उसने उंगली से निकाली चटनी को खाने में मिलाते हुए अपनी चार उंगलियों से खाना उठाया और खाने लगा।
यह देखकर सभी लोगों को हैरानी हुई।
सबने सोचा कि यह सिर्फ चार उंगलियों से ही खाना क्यों खा रहा है।
सभी ने उससे कहा कि आप अंगूठे का भी उपयोग करके खाना खाएंगे, तो आसानी से खाना खा पाएंगे।
यह सुनते ही आंखों में आंसू भरकर उस व्यक्ति ने अपने दोनों हाथ खोलकर दिखाए। उसके हाथ देखकर सभी हैरान थे, क्योंकि उसके दोनों हाथ के अंगूठे नहीं थे।
दुखी आवाज में उस व्यक्ति ने कहा कि हाथ ही नहीं, बल्कि मेरे दोनों पैर के अंगूठे भी नहीं हैं।
उसके हाथ और पैर देखकर सभी लोगों ने उससे माफी मांगी और कहा कि हमें पता नहीं था कि आपका अंगूठा नहीं है।
वरना हम लोग आपको अंगूठे का इस्तेमाल करके खाना खाने को बिल्कुल नहीं कहते।
इतना होने के बाद सभी लोगों के मन में हुआ कि आखिर ऐसा क्या हुआ होगा कि इसे अपने चारों अंगूठे गंवाने पड़े।
तब तक वो व्यक्ति वहां से उठकर घास, साबुन और राख से 100 बार हाथ और मुंह धोने के लिए चला गया।
सभी लोग उसके पीछे-पीछे गए और उसे हाथ धोते हुए देखने लगे।
जैसे ही उसने अपने हाथ और मुंह अच्छे से धो लिए, तो सभी लोगों ने उसे घेर लिया।
वो आदमी डर के मारे कहने लगा कि अब ऐसा क्या हो गया कि आप लोगों ने मुझे घेर लिया है।
तब जिस व्यक्ति के बेटी की शादी थी उस अमीर इंसान ने कहा कि हम सब आपके अंगूठे न होने की बात से दुखी हैं,
लेकिन हम इसके पीछे की कहानी जानना चाहते हैं।
तभी अन्य लोगों ने कहा कि हां, आखिर आपके साथ ऐसा क्या हुआ है कि आपका एक भी अंगूठा नहीं है।
आप आराम से बैठकर हम लोगों को अपनी कहानी सुनाएं। हम आपका दर्द बांटना चाहते हैं।
इतना सुनते ही उस बिना अंगूठे वाले व्यक्ति ने कहा कि ठीक है मैं आप लोगों को अपनी कहानी सुनाता हूं।
इसमें मेरी लहसुन की चटनी न खाने और अंगूठे कटने दोनों ही बातें छुपी हैं।
इतना कहकर वो खाने की टेबल के बगल में रखी कुर्सी पर बैठ गया और अपने साथ हुए उस किस्से को याद करते हुए कहानी सुनाने लगा।
क्या है बिना अंगूठे वाले व्यक्ति की कहानी जानने के लिए इस स्टोरी का दूसरा भाग पढ़ें।