नमन न्यू यॉर्क अपने बिजनेस मीटिंग के लिए गया था और अब वहा का सारा काम ख़तम कर के आज इंडिया लौटा था।
नमन मुंबई एयरपोर्ट पर इंतजार कर रहा था अपने ड्राइवर का क्युकी उसके ड्राइवर ने बोला था कि वो एयरपोर्ट पिक करने के लिए आने वाला है, काफी टाइम हो गया था लेकिन वो नहीं आया और ना ही उसका कॉल लग रहा था, कुछ देर बाद नमन का फोन भी स्विचऑफ हो गया क्युकी चार्ज नहीं था।
इंतज़ार करते करते बहोत टाइम हो गया था तो म नमन ने सोचा कि वो टैक्सी से ही चला जाए फिर वो अपना सारा सामान ले कर एयरपोर्ट से बाहर निकला और टैक्सी की राह देख रहा था कि कोई आए, तभी एक टैक्सी आते देख नमन उसे हाथ दिखा कर रोका और जैसे ही बैठने गया तो एक लड़की दूसरे साइड से टैक्सी में बैठ गई, नमन ने कहा कि ये टैक्सी उसने रोकी है तो वो बोली तो क्या हुआ बैठी तो मै पहले ना आप दूसरी टैक्सी लेलो,नमन फिर उससे कहा कि आपको किस तरफ जाना है उसने कहा मै कहीं भी जाऊ आपको उससे क्या मतलब, उसका ये सब सुन के नमन को थोड़ा गुस्सा आने लगा "एक तो मै कबसे इंतजार कर रहा हूं ड्राइवर नहीं आया मेरा और ये इधर मुझसे बेहस कर रही है।"
फिर नमन भी टैक्सी में बैठ गया और बोला भईया चलो, वो लड़की ज्यादा कुछ नहीं बोली और आगे चल के उसका घर आ गया तो वो नमन से पहले ही उतर गई, और नमन आगे निकाल गया टैक्सी में, फिर जब नमन को प्यास लगा तो वो पानी पीने के लिए पीछे वाले सीट से पानी की बोतल लेने गया तो देखा उधर एक छोटा सा हंड पर्स था, जिसमें एक पैन कार्ड आधार कार्ड और एक छोटी सी डायरी थी।
वो पर्स उस लड़की का था नमन ने ड्राइवर को बोला कि देखो ये उस लड़की का पर्स इधर छूट गया है तुम इससे पुलिस स्टेशन में जाके जमा कर देना फिर वो ड्राइवर बोलने लगा कि "नहीं साहब मै नहीं पड़ना चाहता ये पुलिस के चक्कर में वो दस सवाल पूछते है बार बार पोलिस स्टेशन बुलाते है मैं टेहेरा एक ड्राइवर, दिन भर गाड़ी चला के कुछ पैसे कमाता हूं अगर पुलिस स्टेशन के ही चक्कर काटते रह गया तो खाऊंगा क्या, साहब ये काम आप ही कर दो आप पुलिस स्टेशन जाके जमा कर देना।
फिर नमन ने सोचा ठीक है "मै एक जिमेदर नागरिक होने के कारण ये तो कर ही सकता हूं।" और फिर नमन का घर आ गया नमन ड्राइवर को उसका भाडा दे कर उतर गया।
नमन के घर में नमन अलावा उसके मम्मी पापा रहते है, नमन उनसे मिला उनका हाल चाल लिया और पूछा कि "ड्राइवर आया क्यों नहीं एयरपोर्ट पर मुझे लेने" तो मां ने बताया कि रास्ते में गाड़ी खराब हो गई तो उसने तुम्हे कॉल किया लेकिन तुम्हरा फोन ऑफ था तो उसने घर पर कॉल कर के बताया की वो गाड़ी ठीक करवाने के लिए जा रहा है, नमन ने कहा ठीक है और अपने कमरे में चला गया आराम करने। जब नमन शाम को सो कर उठा तो अपना कमरा ठीक करने में जुट गया जो कि बहोत बिखरा हुआ था, तभी नमन को वो उस लड़की का पर्स दिखा जो उससे गाड़ी में मिला था। नमन ने उसे खोला तो उसमे डायरी था उसे निकाल के देखा, उसमे कुछ फोन नंबर लिखे हुए थे। उसमे एक नाम था नीतू नमन ने उस नंबर पर कॉल किया और उससे बोला कि "मुझे एक पुर्स मिला गाड़ी में जिसमें ये डायरी है, उसमें तुम्हारा नाम है और एक पैन कार्ड और आधार कार्ड भी है", उसने पूछा कि "आधार कार्ड पर नाम क्या है" नमन आधार कार्ड पर देखा और बोला "अनिशा ", तो सामने से वो लड़की बोली हा ये मेरी दोस्त का पर्स है वो मुझे बोली थी कि उसका पुर्स कहीं खो गया है, मै उसे बता देती हूं, और आपका नंबर भी दे देती हूं वो आपको कॉल कर लेगी नमन ने कहा ठीक है।
थोड़ी देर बाद एक नंबर से कॉल आता है, फोन उठाते ही सामने से एक लड़की बोलती हैं "मेरा पुर्स आपके पास है?" नमन ने कहा "आप कोन", तो वो बोली "वही जिसका पुर्स आपके पास है जिसमें मेरा कुछ बहोत ज़रूरी सामान है,' नमन ने कहा "हा मेरे पास है तुम उसे टेक्सी में भूल गई थी।" वो बोली "हां, कल आप मुझे डेली कैफ में मिल कर उसे लौटा सकते हैं?" मैंने कहा "हां", वो थैंक्यू बोल कर कॉल रख दी।
अगले दिन नमन कैफे गया उसका पर्स लौटाने के लिए। नमन सही टाइम पर पहुंचा था लेकिन अनिशा लेट थी नमन रुका था उसके लिए। कुछ देर बाद वो आई, आज वो बिलुक अलग ही लग रही थी कल से, उसके लंबे घने बाल थे जो खुले हुए थे उसने सफ़ेद और नीले रंग का सलवार कुर्ता पहना था कनो में सुंदर से झुमके भी थे नमन उसे बस देखता ही रह गया वो धीरे धीरे नमन कि तरफ चली जा रही थी, नमन का ध्यान ही नहीं था वो बस उसे देखे जा रहा था फिर वो बोली "हेल्लो ध्यान कहा ह आपका मै कुछ पूछ रही हूं।"
तो नमन जल्दी से उठ गया और बोला "हां आओ मै तुम्हारा ही वेट कर रहा था" वो बोली "हां सोरी मुझे थोड़ा लेट हो गया", नमन बोला "कोई नहीं ठीक है" फिर नमन ने कहा "कॉफी?" वो बोली "सॉरी अभी नहीं मै थोड़ी जलदी में हूं आप मेरा पुर्स देदो मुझे जाना है" नमन ने कहा "हां दे दुंगा थोड़ा बैठ के कुछ बात तो कर ही सकते है", वो बोली "ज़रूर लेकिन आज नहीं फिर कभी", मैंने कहा "ठीक है लेकिन याद रखना अपनी बात अगली बार साथ में बैठ के कॉफी पीना पड़ेगा फिर मत कहना आज भी जल्दी में हूं" वो बोली "हां ठीक है अब मेरा पर्स देदो", नमन ने उसका पर्स दे दिया और बोला "मैं तुम्हे कॉल कर सकता हूं ना अगली बार मिलने के लिए" वो बोली "हां" और चली गई।
नमन कुछ देर वहां रुका और फिर ऑफिस चला गया, नमन पूरी रात अनिशा क बारे में ही सोचता रहा, नमन उसे भूल ही नहीं पा रहा था, नमन को उसकी एक एक बात याद आ रही थी।
अगले दिन नमन के कुछ दोस्त मिले और वो उसे बोलने लगे कि "चल आज पार्टी करते है बहोत दिन हो गए है हम दोस्तो ने साथ में पार्टी नहीं किया है", नमन ने कहा "ठीक है सब चल रहे है तो मै भी चलता हूं,?", फिर वो 5 दोस्त एक क्लब में गए, सब वहां बहोत नाचे साथ में, फिर थोड़ा ड्रिंक भी किया तभी नमन की नजर एक लड़की पर गई जो लगातार बहोत ड्रिंक कर रही थी, नमन ने ध्यान से देखा तो वो और कोई नहीं अनिशा थी, आज वो बहोत ही अलग लग रही थी, कहां उस दिन जब वो नमन से मिली थी तो सलवार कुर्ते में आई थी और आज वो शॉर्ट स्कर्ट और टॉप में है और ड्रिंक कर रही है, नमन तो बिल्कुल ही चौक गया उसे देख कर, नमन उसके पास जा ही रहा था उस से बात करने के लिए की तब तक उसके दोस्त उसका हाथ पकड़ा कर डांस करने के लिए ले कर गए, नमन की नजर अनिशा पर ही थी लेकिन थोड़ी ही देर में वो वहा से कहीं चली गई।
फिर नमन ने उसे क्लब में इधर उधर धुंडा लेकिन वो नहीं मिली ।
घर जा कर नमन उसे कॉल किया, वो कॉल भी नहीं उठा रही थी, नमन उसे बहोत बार कॉल किया लेकिन उसने नमन का एक भी कॉल का जवाब नहीं दिया।
अगले दिन फिर नमन उसी टाइम पर क्लब गया ताकि अगर वो आज आई तो वो उधर ही उससे पूछ लेगा, नमन अंदर जा कर वेट कर रहा था लेकिन वो नहीं आई आज, फिर नमन ने उसे कॉल किया इस बार उसने कॉल उठाया, कॉल उठाते ही नमन उस से पूछा "कहा हो तुम" वो बोली "क्यों क्या हुआ", मैंने उससे बोला कि "कल मैंने तुम्हे क्लब में देखा था तुम हद से ज्यादा ड्रिंक कर रही थी, क्या हुआ है, तुम्हे कोई किसी बात का टेंशन है क्या", वो बोली "नहीं और कॉल कट कर दी नमन फिर उसे कॉल लगाया तो उसने कॉल नहीं उठाया इस बार।
नमन वाहा से घर चला गया, घर आ कर उसने अनिशा को मेसेज किया की "अगर तुम्हें कोई किसी बात का टेंशन है तो मुझे बता सकती हो", उसका कोई रिप्लाइ नहीं आया, 2 3 दिन हो चुके थे अभी तक अनिशा ने कुछ नहीं कहा था।
नमन फिर अनिशा को कॉल किया, उसने कॉल उठाया नमन ने बड़े आराम से बोला कि "तुमने कुछ रिप्लाइ नहीं दिया मेरे मेसेज का" वो चुप ही थी , नमन ने फिर बोला "ऐसे चुप नहीं रहो कुछ बोलो कुछ परेशानी हो तो बताओ मैं तुम्हारी मदत कर सकता हूं", फिर नमन ने कहा "अच्छा चलो कल उसी कैफे में मिलो, तुम्हारा काफी बाकी है एक मुझ पे", वो "हा ठीक है" बोल कर कॉल रख दी।
नमन बड़ी बेचैनी से कल का इंतजार कर रहा था।
अगले दिन वो सुबह सुबह उठा अच्छे से तैयार हो कर अनिशा से मिलने के लिए निकला, आज नमन खुद टाइम से पहले आ कर इंतजार कर रहा था, थोड़ी ही देर में अनिशा आई वो बहोत सुंदर दिख रही थी आज उसने जींस टॉप पहना था और बाल वैसे ही खुले थे वो जैसे - जैसे आगे आ रही थी चल के उसके बाल उसकी आंखों के तरफ आ रहे थे वो उन्हें ठीक करती हुई आ रही थी, वो आ के नमन के सामने वाले कुर्सी पर बैठ गई, वो शांत थी नमन ने पूछा "कॉफी" वो हॉकी सी मुस्कुराहट के साथ बोली "हा"।
नमन ने वेटर को कॉफी के लिए बोला और अनिशा से बोला "चलो अब बताओ क्या बात है जिससे तुम परेशान हो", पहले तो वो कुछ नहीं बोल रही थी फिर नमन ने कहा बोलो कुछ, वो बोली कि "मै मुंबई में अकेले रहती हूं यहा मै अपना कैरियर बनाने के लिए आई हूं..." ये बोलते बोलते वो चुप हो गई, मैंने कहा "हां आगे बोलो इसमें क्या हुआ ये तो अच्छी बात है तुम अपने कैरियर पे इतना ध्यान दे रही हो", फिर वो बोली "लेकिन अब नहीं हो पा रहा है, मेरा काम में बिल्कुल ध्यान नहीं रहता मुझे अपने बॉस से बहोत बार अब डाट सुन नी पड़ती है और उसने तो ये तक केह दिया है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो वो मुझे नौकरी से निकाल देगा, 2 महीने हो गए है मेरे इस वार्ताओं से मुझे रोज़ डाट सुनी पड़ती है"।
मैंने उसे पूछा "ऐसा क्या हो गया है कि तुम इतनी परेशान रह रही हो", वो चुप हो गई फिर से, फिर थोड़ी देर बाद बोली "मुझे कैंसर हो गया है"।
ये सुन कर नमन घबरा गया आगे वो बोलती रही, "2 महीने पहले मैंने चेकअप करवाया था तो डॉक्टर्स ने बोला कि मुझे कैंसर हो गया है अभी सेकंड स्टेज पर है, ये सुन कर मैं तबसे परेशान रहती हूं कि कैसे मै सब करूंगी मेरा इस दुनिया में कोई नहीं है बचपन से ही मै अनाथ हूं बस कुछ ऑफिस के दोस्त है, मै ये बात अपने ऑफ़िस में भी नहीं बता सकती कि अगर बॉस को पता चला तो वो मुझे कहीं नौकरी से निकाल ना दे, 3 महीने पहले ही मेरा प्रोमोशन हुआ है मुझे हेड ऑफ द डिपार्टमेंट बनाया है, और ये सब हो गया मै अब क्या करू कुछ समझ नहीं आ रहा है"।
ये सब सुन कर नमन ने धीरे से उसका हाथ अपने हाथ में लिया और बोला "तुम अकेले नहीं हो मै तुम्हारे साथ हूं", वो चुप चाप नमन की ओर देखने लगी, नमन ने कहा "हां तुम सही सुन रही हो मै तो उसी दिन से तुम्हे पसंद करने लगा था जिस दिन तुम अपना पर्स लेने के लिए मुझसे मिलने आई थी" ये सुन कर उसने अपना हाथ पीछे कर लिया नमन ने पूछा "क्या हुआ हाथ क्यों हटा लिया तुमने", वो बोली "नहीं ये सब ठीक नहीं है मेरी ज़िन्दगी का ही भरोसा नहीं है और मै तुम्हे मेरे वजह से कोई परेशानी नहीं दे सकती", नमन उसे प्यार से समझाया कि "नहीं !
तुम मुझे कोई परेशानी नहीं दे रही हो मै तुम्हारा ध्यान रखना चाहता हूं तुम्हे अपनी ज़िन्दगी का हिस्सा बनाना चाहता हूं मै हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा, कभी तुम्हे अकेला नहीं छोडूंगा", वो बोली "नहीं तुम समझो कल को पता नहीं मैं रहूं या ना रहूं तुम क्यों खुद को किसी की परेशानी में डाल रहे हो", नमन उसे बहोत समझाया लेकिन वो नहीं मानी और चली गई, नमन उसके पीछे गया उसका हाथ पकड़ के रोका और उससे कहा "तुम्हें कभी भी किसी की जरूरत हो तो मै हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा" और फिर अनिशा चली गई, नमन उसे रोज़ उसका हाल पूछता था, वो डॉक्टर के पास चेकअप के लिए गई की नहीं टाइम पर सब दवाइयां ले रही है कि नहीं, उस दिन के बाद नमन ने कभी उसे अकेला नहीं महसूस होने दिया, नमन उसे रोज़ फोन करता था उसका हाल पूछता था 4 महीने हो चुके थे ऐसे बात करते करते।
एक दिन शाम को फोन पर बात करते करते अनिशा बेहोश हो गई नमन उसे पुकारता रहा लेकिन वो कुछ नहीं बोल रही थी, नमन तुरंत उसके घर जाने के लिए निकल गया उधर पहुंचा तो देखा कि अनिशा के घर पर कोई नहीं था फिर उसके पड़ोसियों से पूछा तो पता चला वो उसे हॉस्पिटल ले कर गए है मै तुरंत हॉस्पिटल पहुंचा इंक्वायरी डेस्क पर उसके बारे में पता किया और उसके रूम के तरफ गया, वह 2,3 लोग खड़े थे जो अनिशा को हॉस्पिटल ले कर आए थे ।
नमन उनसे पूछा कि "क्या हुआ अनिशा को" तो वो बोले कि "अनिशा अपने घर में बेहोष हो के गिर गई थी वो तो उसके घर का दरवाज़ा थोड़ा खुला था तो एक बच्चे को बॉल खेलते खेलते उसके घर में चला गई तो हमने जा कर देखा ये बेहोश पड़ी थी,अनिशा अकेले रहती है यह, तो हम उससे हॉस्पिटल ले कर आए"। तभी आईसीयू से एक डॉक्टर बाहर आए और बोले अनिशा की हालत खराब है हमें उसका ऑपेरशन करना पड़ेगा, नमन ने पूछा ऑपरेशन के बाद अनिशा बिलुकुल ठीक हो जाएगी ना, डॉक्टर ने कहा अभी कुछ बोल नहीं सकते, नमन ने कहा डॉक्टर आप ऑपरेशन की तयारी कर लीजिए और पैसे की कोई फिकर ना करे, ये सुन कर डॉक्टर चले गए।
पूरे 5 घंटे बाद ऑपरेशन रूम से डॉक्टर बाहर आए।
नमन जल्दी से डॉक्टर के पास गया और पूछा "अनिशा कैसी है", डॉक्टर ने कहा "ऑपरेशन सक्सेसफुल हुआ घबराने की बात नहीं है कुछ"।
नमन के जान में जान आई, उसने पूछा "क्या मै अनिशा से मिल सकता हूं", डॉक्टर ने कहा "अभी नहीं कुछ देर बाद" नमन ने कहा "ठीक है"। फिर नमन बाद में अनिशा से मिला वो नमन को देख कर रोने लगी।
नमन उसके पास बैठा था, उसने कहा कि "बोला था म मैंने मै हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा"। ये सुन कर अनिशा और रोने लगी नमन उसे चुप कराय और कहा "अभी अभी तुम्हारा ऑपरेशन हुआ है ऐसे में तुम्हे रोना नहीं चाहिए", हम दोनों बहोत देर तक एक दूसरे का हाथ पकड़ा कर बैठे थे। फिर वो दोनो घर आए, नमन उसका बहोत ध्यान रखता था।
नमन ने अनिशा के बारे में अपने घर वालो को बता दिया था। तो अब वो अनिशा के साथ ही रहता था उसका ध्यान रखता था।
जब अनिशा पूरी तरह से ठीक हो गई, तब दोनों ने शादी करली और हमेशा के लिए दोनों एक साथ हो गए।