संता ट्रेन से कहीं जा रहा थे।
उसके हाथ में एक दूरबीन थी।
वह खिड़की से लगातार बाहर तो झाँक रहा था लेकिन दूरबीन कभी नहीं लगाता था।
एक यात्री जो बगल मैं बैठा था संता को बार-बार ऐसा करते हुए देखा तो उस से रहा नहीं गया।
उसने संता से पूछा कि भाई साहब, यह दूरबीन किस काम की है ?
संता सिंह ने कहा कि इससे दूर की चीजें दे खी जाती हैं।
यात्री को बड़ी उत्सुकता हुई। उसने पूछा कि आप यह दूरबीन क्यों लिए हुए हैं।
दरअसल मैं अपने एक दूर के रिश्तेदार को देखने जा रहा हूं।