एक बार संतासिंह को 20 लाख की लॉटरी खुली।
संतासिंह पैसे लेने लॉटरी वाले के पास गए।
नंबर मिलाने के बाद लॉटरी वाले ने कहा कि ठीक है
सर हम आपको अभी लाख रुपए देंगे और बाकी के 9 लाख आप अगले 9 हफ्तों तक ले सकते हैं।
संतासिंह बोले- नहीं मुझे तो अपने पूरे पैसे अभी ही चाहिए नहीं तो आप मेरे 5 रुपए वापस कर दीजिए।
संता- मैं दुनिया के सारे अस्पतालों में होकर आ चुका हूं।
बंता- नहीं, तुम अभी तक एक अस्पताल में होकर नहीं आए होगे।
संता- हो ही नहीं सकता, तुम उस अस्पताल का नाम बताओ।
बंता- जनाना अस्पताल।
संता- अरे यार, वहां तो मैं पैदा ही हुआ था।
संता- अपने देश में मृत्यु की औसत दर क्या है ?
बंता- शत-प्रतिशत।
संता- वह कैसे ?
बंता- अपने देश में जो व्यक्ति पैदा होता है अंत में वह मर जाता है।
संता- तो फिर दुनिया की औसत मृत्यु दर क्या है ?
बंता- छोड़ यार! मुझे केवल अपने देश की ही पता है।
संता- मेरी पत्नी रोज शिकायत करती है कि उसके पास घर में पहनने के लिए कपड़े नहीं है।
बंता- तो तुमने उसे कपड़े दिलवा दिए।
संता- नहीं, मैंने घर की खिडकियों पर कपड़े लगवा दिए।
संता सिंह (बंता सिंह से)- तुम्हारी छतरी में तो छेद है।
बंता सिंह - हां, पता है। और इसे मैंने ही किया है।
संता सिंह- लेकिन क्यों ?
संता सिंह- अरे यार, जब बारिश बंद होती है तो पता चल जाता है ना।
संता- हमारा नॉनी कल आ रहा है।
बंता- कल आ रहा है। लेकिन उसे तो पांच साल की सजा हुई थी।
संता- हां, लेकिन उसके अच्छे व्यवहार के कारण उसकी सजा का एक साल माफ कर दिया गया है।
बंता- ओह, रब ऐसी औलाद सबको दे।
संता (बंता से) : बड़ी परेशानी है।
बंता: क्या परेशानी है ?
संता : यार, जब भी मैं सोकर उठता हूं, मुझे ऐसा लगता है कि सब कुछ घूम रहा
बंता : इतनी सी बात, एक काम किया कर, तू उठकर सो जाया कर।
संता (बंता से) : तुमने सुना, मिसेज शर्मा की जुबान कल अचानक बंद हो गई।
बंता : मैं अभी अपनी पत्नी को उन्हें देखने के लिए भेजता हूं।
संता : क्या वे उनकी सहेली या रिश्तेदार हैं।
बंता : नहीं, लेकिन सोचता हूं। यदि यह छूत की बीमारी निकली तो मेरी आजादी का दिन नजदीक है।
संता- 'क्यों मित्र, तुम्हारे दांत कैसे टूट गए ?
बंता- “हंसने के कारण।
संता- “हंसने के कारण ?
बंता- "हां यार, कल मैं एक पहलवान को देखकर हंस पड़ा था।