जार्ज स्टीफेंस की कहानी

एक बाजार मे दो भाई बहन घूमने निकले ।

बहन को दूकान मे टंगी एक टोपी बहुत पसंद आयी ।

भाई ने टोपी की कीमत पूछी तो उदास हो गया , क्युकी उसके पास इतने पैसे नहीं थे ।

फिर भी वह टोपी अपनी प्यारी बहन के लिए खरीदना चाह रहा था ।

इसकी कीमत कैसे चुकाई जाई ये सोच ही रहा था की अचानक एक साहब जी चिल्लाते हुए दौर रहे थे ।

पकड़ो – पकड़ो मेरा घोडा बेकाबू होकर दौर रहा है जो इसको पकड़ेगा उसको मे इनाम दूंगा ।

उस लड़के ने एक बार अपनी बहन पर नजर डाली , जो अभी भी उस टोपी को निहार रही थी ।

उस लड़के के ने साहस दिखाया और अपनी बहन को वही कुछ देर खडे होने के लिए बोला और तुरंत उस घोड़े की तरफ दौडने लगा ।

दौडते – दौडते वह हाफने लगा लेकिन घोडा रुकने का नाम नहीं ले रहा था ।

बहन और टोपी लड़के की आंखों मे घूम रहा था , समूचा जोर लगाकर लड़के ने घोड़े की लगाम पकड़ ली ।

उस साहब ने अपने कोट से पैसे निकाले और लड़के को दे दिया लेकिन लड़के ने बस टोपी का पैसा लिया और उनको वापिस कर दिया ।

यह देख उस आदमी को बहुत ही अच्छा लगा और उस ने उस लड़के को सबासी दी ।

बाद मे चल कर इस लड़के ने रेल के इंजन का आविष्कार किया और जार्ज स्टीफेंस नाम से एक अलग पहचान बनाया ।