एक गरीब लड़के को अपने कॉलेज में पढ़ने वाली एक अमीर लड़की से प्यार हो गया था।
एक दिन उसने अपने दिल की बात उस लड़की को बताने का फैसला किया और लड़की के पास पहुंचा।
उसे पता नहीं था कि उस लड़की को पैसों का बहुत घमंड है और गरीबों को वह नीची निगाह से देखती है।
उसने जब उससे प्यार का इज़हार किया, तो वह उसे नीचा दिखाकर बोली,
“मेरी लिपस्टिक खरीदने की तुम्हारी औकात नहीं है, चले हो प्यार करने।
मैं तुम जैसे फटीचर से प्यार नहीं कर सकती।”
लड़के को बहुत बुरा लगा। वह चुपचाप वापस चला गया।
कॉलेज खत्म हो गया। सब अपनी अपनी ज़िंदगी में आगे बढ़ गए।
दस साल बाद अचानक एक शॉपिंग मॉल में लड़की उस लड़के से टकरा गई और उसे कॉलेज की बात याद आ गई।
वह फिर लड़के को नीचा दिखाते हुए बोली, “अरे! तुम तो वही हो, जिसने कॉलेज में मुझे प्रपोज किया था।
क्या कर रहे हो आजकल ? खैर, जो भी कर रहे हो।
मैं तुम्हें बता दूं कि मेरी शादी हो गई है और मेरे हसबैंड एक बहुत बड़ी कंपनी में मैनेजर हैं।
महिने के पांच लाख कमाते हैं।
वैसे तुम्हारी सैलरी कितनी है। पंद्रह हज़ार भी कमाते हो या नहीं।”
लड़का ख़ामोश रहा। वह ये देखकर हैरान था कि इतने साल बाद भी वो लड़की नहीं बदली।
तभी लड़की का पति वहां आ गया।
लड़की अपने पति के हाथों में हाथ डालकर घमंड से इठलाते हुए बोली, “ये हैं मेरे हसबैंड, जिनके बारे में मैं तुम्हें बता रही थी।”
फिर वह अपने पति से बोली, “डियर! ये हैं…”
उसका पति उसे टोक कर बोला, “मैं इन्हें अच्छी तरह जानता हूं।
मैं जिस कंपनी में काम करता हूं, ये उस कंपनी के मालिक है।
कई बिजनेस हैं इनके और ये जो शॉपिंग मॉल है ना, ये भी इनका है।”
लड़की का मुंह खुला का खुला रह गया।
उसके पति ने पूछा, “तुम कैसे जानती हो सर को ?”
“हम एक ही कॉलेज में थे।” लड़की धीरे से बोली।
“अरे तब तो तुम उस घमंडी लड़की को ज़रूर जानती होगी, जिसने सर की गरीबी के कारण इनका प्यार ठुकरा दिया था और बहुत बेइज्जत किया था।
सर ने उसी दिन ठान लिया था कि ज़िंदगी में एक बहुत बड़ा मक़ाम हासिल करना है।
आज वो लड़की सर को देखेगी, तो ज़रूर पछताएगी।”
लड़की शर्म से पानी पानी हो रही थी।
लड़का मुस्कुरा रहा था।
लड़की ने अपने शब्दों से उसे नीचा दिखाना चाहा था।
मगर वह अपनी मेहनत से इतना ऊंचा उठ गया था कि अब लड़की ख़ामोश हो चुकी थी।
सीख (Moral Of Rich Girl Poor Boy Story Hindi) दोस्तों! जब सफ़लता शोर मचाती है, तो वो सारी आवाज़ें ख़ामोश हो जाती हैं, जो अब तक नश्तर बनकर आपको चुभा करती थीं।