एक दिन एक लड़की ने अपने पिता से पूछा, “पापा! क्या आप कभी मेरी वजह से वो रोये हैं ?” ।
उसके ऐसा पूछने का कारण ये था कि उसने कभी भी अपने पिता को रोते हुए नहीं देखा था ।
इस सवाल के जवाब में पिता ने कहा, “हाँ, एक बार ऐसा कुछ हुआ था, जब तुम्हारी वज़ह से मैं रोया था. ।
यह सुनकर लड़की उस बात को जानने के लिए उत्सुक हो गई कि आखिर वह क्या बात थी, जिसने उसके पिता को रुला दिया था ।
इस उत्सुकतता को शांत करने के लिए पिता वह किस्सा सुनाने लगा –
“बात उस समय है, जब तुम ८ माह की थी ।
एक दिन मैंने तुम्हारे सामने तीन चीज़ें रखी – एक पेन, एक सिक्का और एक खिलौना ।
मैं ये जानना चाहता था कि तुम उन चीजों में से क्या उठाओगी ।
उनमें पेन बुद्धिमत्ता का प्रतीक था, सिक्का धन का और खिलौना मनोरंजन का प्रतीक था ।
मैं ये सब बस एक जिज्ञासा के कारण कर रहा था. ।
मेरे लिए ये जानना बहुत रोचक था कि मेरी बेटी के लिए आगे जाकर क्या सबसे अधिक मायने रखेगा ?
मैं तुम्हारे सामने बैठकर बेसब्री से तुम्हारे अगले कदम का इंतजार कर रहा था ।
मैंने देखा कि कुछ देर बैठकर तुम उन चीज़ों को देखती रही ।
फिर घुटने के बल पर चलते हुए उनकी ओर बढ़ी ।
जब मैंने तुम्हें आगे बढ़ते हुए देखा, तो मेरी धड़कने मानो सी रुक गई ।
लेकिन अगले ही पल तुमने उन सभी चीज़ों को अपने हाथ से एक तरफ हटा दिया और आगे बढ़कर मेरी गोद में चली आई ।
बस यही वो पल था, जब मेरा दिल भर आया था और तुम्हारी वज़ह से मैं रो पड़ा था । ”
यह किस्सा सुनकर लड़की की आँखों में आँसू आ गए ।