यह प्रेम कहानी एक ऐसे लड़के की है।
जो लव के बारे में कुछ नहीं जनता था।
वह अपने ज़िन्दगी से काफी खुश था।
वह अपने दोस्तों को खुश करने के लिए कुछ भी कर सकता था।
पर वह कहते है न की सारे दोस्त दोस्ती की कदर नहीं करते है।
इस लड़की के सारे दोस्त उसका और उसके पैसो के लिए दोस्त थे।
पर अफसोस उस लडके को इस बारे में कुछ भी पता नहीं था।
इसी तरह दिन गुजरते गए।
एक दिन उस कुदरत ने कमाल किया।
उस कॉलेज में एक लड़की आई। और उसे सेक्शन में जिसमे वह लड़का पड़ता था।
उसके सारे दोस्त उस लड़की को देख कर पागल से हो गए।
वह लड़की बाके ही सुंदर थी।
उस लडके के एक दोस्त को ही उस लड़की से प्रेम हो गया।
उसने यह सब उस लडके को बताया।
इस पर वह लड़का हँसा और बोलै, “अरे यार ! यह प्रेम क्या होता है।
अगर तो उसे पसंद करता है तो जा और उस लड़की से सीधे बोले दे। “
इस पर दोस्त ने कहा, “वह नहीं मानी तो क्या होगा। “
लडके ने कहा, “डर मत मान जाएगी।”
उस दोस्त ने वैसा ही किया जैसा उसके दोस्त ने कहा था।
लेकिन वह लड़की नहीं मानी। वह दोस्त बहुत ही उदास हो गया।
उसने उस लडके से उस लड़की के न मानने की बात बताया।
उस लड़के ने अपने दोस्त को समझाया और कहा, अब मै उस लड़की को तुम्हारे लिए लेकर आऊगा।
उस लडके ने अब उस लड़की को अपने पास लाने के लिए प्रयास करने लगा।
पर वह लड़की इतनी आसानी से किसी लडके पर भरोसा नहीं करती थी।
उसे सिर्फ बात करने के लिए करीब तीन से चार महीने लग गई।
जब बात शुरू हो गई तो हर बाते शुरू हो गई।
अब तो हर रोज की बाते होने लगी घर की बात हो या बाहर की बात हो।
अब हर काम वह दोनों साथ करते थे।
वह काम कॉलेज का प्रोजेक्ट हो या नोट बनाना हो।
अब वह लड़का ज्यादा से ज्यादा समय उस लड़की के साथ बिताने लगा।
वह लड़का अपने दोस्तों के साथ कम से कम समय बिता था।
उसके दोस्त उसने पसंद तो करते ही नहीं थे।
एक दिन उसके दोस्त ने उस लड़के से कहा, “तुम तो उस लड़की को मेरे लिए अपने पास लाए हो।
तो तुम उस से तोडा दूर ही रहो।”
उस लडके ने कहा, “भाई वह तुम्हारी ही है।”
एक दिन उस लड़के ने सोचा मै क्यों ना उस लड़की को सारी बात बता दो।
और अपने दोस्त को उसका प्रेम दे दू।
उस लडके ने यह सोच कर उस लड़की क यह बात बताने को चला।
पर जैसे ही वह उसके सामने आया तो यह बात कहने से डर ने लगा।
उस लडके के चेहरे पर उदासी देखकर उस लड़की ने कहा , क्या बात है तुम उदास क्यों हो ? कोई बात है तो मुझे बातो।
उस लडके ने कहा, “नहीं नही कोई बात नहीं है।”
फिर वह अपने दोस्तों के पास गया।
पर किसी दोस्त को उसकी उदासी नहीं दिखी।
वह समझने लगा था कि उसके दोस्त उसकी कितनी कदर करते है।
उसने किसी भी दोस्त से इस परे में कुछ भी नहीं कहा।
फिर वह अपने दोस्तों के पास गया।
पर किसी दोस्त को उसकी उदासी नहीं दिखी।
वह समझने लगा था कि उसके दोस्त उसकी कितनी कदर करते है।
उसने किसी भी दोस्त से इस परे में कुछ भी नहीं कहा।
अब उस लड़के को उस लड़की से धीरे धीरे लव होने लगा।
वह अब उस लड़की को खोने डरने लगा।
जब वह उस लड़की के बारे सोचता तो उसका दोस्त याद आता और जब दोस्त के बारे में सोचते तो उस लड़की का याद आता है।
इसी बीच उस लड़की ने अपनी बहन ने उस लडके को मिलने को बुलाया।
उसकी बहन ने लडके से मिली।
उसने कहा, “तुम लोग कभी किसी बात को जरूरत हो तो मैं तुम्हारे साथ हु।
तुम दोनों किसी को धोखा मत देना। “
यह बात उस लड़के के आत्मा को झकझोर कर रख दिया।
अब वह एक ऐसे मोड़ पर खड़ा था।जहां से दो रास्ते जा रहे हो।
एक दोस्ती की ओर और दूसरा लव की ओर।
वह कुछ भी नहीं तय कर पा रहा था।
पर वह कहते है न कि आप अपने रास्ते खुद चुन ली जिय।
वरना वक्त आप का रास्ता चुन देगा। और आप अफसोस करते रह जाएगे।
कॉलेज का आखिरी साल का था।
करीब 6 महीने होने को हो गया।
उसके दोस्त अब उस लडके से काफी चीड़ गए थे।
उन्होंने उससे बदला लेने को चाहा।
एक दिन की बात है। वह लड़का अपने कॉलेज से घर जा रहा था।
तभी उसके कुछ दोस्त वह आए और अपने साथ वह अपने दोस्त लेकर आए।
उस लड़के के एक दोस्त ने कहा, “मैं ने तुम उस लडकी से दूर रहे को कहा था।
पर तुम इस तरह नही मानोगे। जब तुम्हे लात पड़ेगी तब सब कुछ समझ जाओगे।
किसी भी दोस्त ने उसके बारे में कुछ नहीं बताया।वह लड़की बहुत ही परेशान हो गई।
पर अब वह क्या कर सकती थी।
कुछ ही दिनो के बाद वह लड़का कॉलेज आता है।
उस लड़की ने उस लड़के से यह सब होने का कारण पूछा।
उस लड़के ने उसे सारी बात बताया। जो जो भी हुआ।
उसने बताया की वह उसके पास आपने दोस्त के लिए आया था।
उस लडके ने यह भी बताया कि उसने अपने दोस्त को तुम्हे देने को कहा था।
यह सब सुनने के बाद वह लड़की बहुत ही रोई।
उस लड़की ने कहा, “मैं कोई खिलौना नहीं हो जो तुम मुझे दुकान से खरीद कर अपने दोस्त को दे दो।
मेरा भी दिल है और उसमें धड़कन है।
अगर ऐसा कुछ मैं क्या होता, तो तुम क्या कहते और करते बोलो।”
इसके बाद उस लड़की ने कहा, आज के बाद तुम कभी मुझे अपना चेहरा मत दिखाना।
चले जो मै तुम पे भरोसा कर के गलती कर दी।”
यह कह कर वह लड़की वहां से चली गई।
इसके बाद वह लड़का बहुत ही कोशिश की वह उस लडके से बात कर सके।
पर वह सफल नही हो सका।
कुछ ही दिनों के बाद कॉलेज में परीक्षा शुरू हो गई। दोनों ही परीक्षा में लग गई।
जब परीक्षा खत्म हुआ। तो वह लड़की इसके बाद उस लड़के को कभी नहीं दिखी।
वह लड़का उस लड़की को बहुत ही खोजा पर वह कही नहीं मिली।
वह उसके घर भी गया पर वह से उसके घर वाले चले गए थे।
इस तरह एक प्रेम कहानी खत्म हो गई। फिर भी वह लड़का आज तक उस लड़की का इन्तजार कर रहा है।
प्रेम कहानी की शुरुआत इत्तफ़ाक़ से शुरू हुई और शुरुआत की झूठ ने उस प्रेम कहानी को ख़त्म कर दिया।
वह कहते है न कि आसान होता है मोहब्त की शुरुआत करना, मुश्किल होता है मोहब्त को मुकम्बल मोहब्त बनाना।