बहुत किस्मत वाले लोग होते है जिनको इस संसार में सच्चा प्यार मिलता है
और उससे ज्यादा किस्मत वाले लोग वो होते है
जो पूरी जिंदगी साथ गुजरते है। दोनों साथ – साथ जीते है और साथ – साथ मर जाते है।
ऐसे ही किस्मत वाले एक लड़का और लड़की की ये कहानी है।
लगा का नाम अजय था और लड़की का नाम अदिति।
दोनों एक दूसरे से हद से ज्यादा प्यार करते थे।
दुनिया की नजर में वह प्रेमी जोड़े की तरह थे , पर उन्होंने एक दूसरे को कभी प्रपोज नहीं किया था।
दोनों एक दूसरे को अपना बहुत अच्छा दोस्त समझते थे और ऐसे ही वक्त गुजरता चला गया।
दोनों एक दूसरे के साथ इतने खुस थे की उनको किसी और की जरूरत ही नहीं पड़ती थी।
हमेशा एक दूसरे के साथ वक़्त गुजरा करते थे।
एक दिन सुबह से लेकर शाम तक अदिति , अजय को कॉल और sms करती रही पर अजय का कोई रिप्लाई नहीं आया।
अदिति बहुत परेशान और बेचैन हो गई।
सुबह से उसने अजय को न जाने कितने कॉल और sms किये पर उसको कोई जवाब नहीं मिला ।
इसके बाद भी जब अजय का कोई रिप्लाई नहीं आया तो अदिति जोर जोर
से रोने लगी और पता नहीं कब वह रोते , रोते सो गई।
दूसरे दिन जब अदिति की आंख खुली तब उसने सबसे पहले
फोन को उठाया और देखा उसमें एक मिस कॉल थी ,जो अजय की थी।
अदिति ने बिना कुछ सोचे समझे तुरंत अजय को फोन लगाया।
जैसे ही कॉल रिसीव हुआ वह जोर जोर से चिल्लाने लगी, तुम्हें हो क्या गया है ?
कल मैंने कितने कॉल और मैसेज किये ?
तुमने एक का भी रिप्लाई नहीं दिया ?
तुम समझते क्या हो और ना जाने क्या क्या ?
वह एक ही सांस में बोलती चली गई।
अजय ने बड़ी शांति से उत्तर दिया – देखो कल मैं बहुत बिजी था और मैं अब रोज रोज तुमसे बात नहीं कर सकता।
मेरे भी कुछ सपने हैं और मुझे अपने करियर पर फोकस करना है।
इतना कहकर अजय ने फोन काट दिया।
अदिति के पैरों तले से जमीन खिसक गई।
वह समझ नहीं पा रही थी आखिर अचानक ऐसा क्या हुआ जो अजय उससे बात नहीं करना चाहता है।
वह जोर-जोर से रोने लगी और उसके सामने फ्लैशबैक चलने लगा ,
अजय के इस बदले हुए रूप के बारे में उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा था।
जैसे-जैसे वह बातें याद करती वैसे-वैसे उसकी आंखों से आंसू गिरते चले जाते।
अदिति की नज़रों के सामने अजय के साथ गुजारे एक-एक पल की तस्वीर
ऐसे घूम रही थी जैसे दोनों कल ही मिले हों ,पर यह दोनों जानते थे
उनका रिस्ता सात साल से ज्यादा पुराना है ।
वह अपने आप को कमजोर ,अकेला और दुखी महसूस कर रही थी।
इस से पहले हर मुश्किल में अजय उसके साथ था।
पर इस बार वह अकेली थी और उदास थी।
अदिति एक ही दिन में इतनी टूट गई कि वह सुसाइड करने की सोचने लगी।
शाम के समय अदिति ने हिम्मत करके अजय को कॉल किया।
अजय ने फोन उठाते ही कहा – मैं अभी बहुत बिजी हूं ,तुमसे बात नहीं कर सकता।
सॉरी और फोन रख दिया।
अदिति के नंबर से रात 8:00 बजे अजय को फोन आता है।
फोन सुनकर अजय जोर-जोर से रोने लगता है और कहता है यह सब मेरी गलती है।
मेरी गलती से यह सब हुआ है। इसका जिम्मेदार बस में हूं और रोते हुए घर से हॉस्पिटल के लिए निकल जाता है।
यह कॉल अदिति की मां ने किया था क्योंकि अदिति का एक्सीडेंट हो गया था और हॉस्पिटल में अदिति अजय का नाम ले रही थी।
जैसे ही अजय हॉस्पिटल में पहुंचता है।
अदिति की आंख खुलती है और वह कहती है आखिर मैंने क्या किया है जो तुम मुझसे बात नहीं करना चाहते ?
तुम्हारे बिन मैं जी कर क्या करूंगी ? मुझे मर जाने दो ?
अजय की आँखों से आंसू गिरने लगते है और वह कहता है – गलती तुम्हारी नहीं किस्मत की है ,
मेरे दिल में छेद है और में बस कुछ ही दिन का मेहमान हूँ।
इस्लिये में तुम से दूर जाना चाहता था।
ताकि तुम को दुःख न हो।
अदिति , अजय का हाथ पकड़ कर मुस्क़ुअराती है और आँखे बंद कर लेती है।
आदित्य के चेहरे पर सुकून झलकता है और वह अपनी आखिरी साँस अजय के साथ लेती है।
थोड़ी ही देर में अजय को हार्ट अटैक आ जाता है और अजय भी दुनिया छोड़ देता है।