रमन को यह बात समझ में आ गई और उस ने इस रिश्ते के लिए हां कर दी।
एक दिन रमन को जहां तैनात किया गया था, वहां बौर्डर पर उस ने 2 ऐसी लड़कियों को देखा, जो बकरियां चरा रही थीं।
उस ने उन पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और अपने क्वार्टर में चला गया, पर थोड़ी ही देर में
हमारी यह कहानी एक फौजी के प्यार पर बुनी गई है, जिस का नाम रमन था।
वह बिलासपुर गांव का रहने वाला था।
उस के सपने बहुत बड़े थे।
वह अपनी जिंदगी में बहुतकुछ करना चाहता था।
एक दिन रमन सो रहा था।
उस ने एक सपना देखा कि वह अपने देश के लिए शहीद हो गया।
तभी से उस ने फौजी बनने की ठान ली।
जब उस ने यह बात अपने मांबाप को बताई, तो वे चिंतित हो गए।
उन्हें लगा कि अगर उन का बेटा फौजी बन कर उन से दूर चला गया, तो वे अकेले कैसे रहेंगे ?
लेकिन रमन का यही कहना था कि उसे अपने देश के लिए फौजी बनना ही है, क्योंकि वह अपने देश से बहुत प्यार करता है।
इस के बाद वह फौज में भरती होने के लिए कड़ी मेहनत करने लगा और एक दिन उस ने फौज में भरती होने का फार्म भी भर दिया।
कुछ समय बाद रमन की फौज में भरती की लिखित परीक्षा हुई, जिस में उस ने पहला स्थान हासिल किया।
परीक्षा पास करने के बाद उस ने फौज की ट्रेनिंग की।
आखिरकार वह दिन आ ही गया, जिस का रमन को बेसब्री से इंतजार था और वह फौजी बन गया।
इस बात से रमन के परिवार वाले ज्यादा खुश नहीं थे।
पर जब उन की एक न चली, तो उन्होंने रमन की शादी करनी चाही।
उन्होंने गांव की ही स्नेहा नाम की एक लड़की उस के लिए पसंद कर ली, जो रमन के बचपन की दोस्त थी।
जब रमन को इस बात का पता चला, तो वह बहुत नाराज हुआ।
उस ने अपने फौजी दोस्तों को इस बारे में बताया, तो वे बोले कि अगर वह लड़की अच्छी है और तुम्हारी दोस्त भी है, तो तुम्हें उस के साथ शादी कर लेनी चाहिए।
रमन को यह बात समझ में आ गई और उस ने इस रिश्ते के लिए हां कर दी।
एक दिन रमन को जहां तैनात किया गया था, वहां बौर्डर पर उस ने 2 ऐसी लड़कियों को देखा, जो बकरियां चरा रही थीं।
उस ने उन पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और अपने क्वार्टर में चला गया, पर थोड़ी ही देर में उसे किसी के तेज बोलने की आवाज सुनाई दी।
रमन अपने क्वार्टर से बाहर आया, तो देखा कि बकरी चराने वाली एक लड़की के साथ एक फौजी बदतमीजी कर रहा था, जबकि दूसरी लड़की वहां से शायद भाग गई थी।
रमन ने उस फौजी को लताड़ा और उस से भिड़ गया।
इस बात से वह लड़की डर गई।
रमन ने उस लड़की से पूछा, ‘‘तुम कौन हो और यहां क्या कर रही हो?’’उस लड़की ने अपनी लड़खड़ाती आवाज में बताया, ‘‘मैं तो अपनी सहेली की मदद करने के लिए यहां आई थी।
उस की तबीयत ठीक नहीं थी।
’’रमन ने उस लड़की को बड़े ध्यान से देखा, तो उस की मासूम आंखों में खो गया।
उस के दिल की धड़कनें तेज हो गईं।
उसे लगा कि वह पहली ही नजर में उस लड़की से प्यार कर बैठा है।
तभी उस लड़की के होंठों से धीमी आवाज में ‘शुक्रिया’ निकला और वह वहां से चली गई।
रमन उस लड़की को ले कर परेशान हो गया, जबकि उसे मालूम था कि उस के घर में उस की शादी की तैयारियां चल रही थीं।
इस सब के बावजूद वह हर रोज उस लड़की का इंतजार करता था।
एक दिन रमन को वही लड़की अपनी सहेली के साथ दिखाई दी।
वह हिम्मत जुटा कर उस के पास चला गया और उस से पूछा, ‘‘तुम्हारा नाम क्या है ?’’उस लड़की ने पलट कर सवाल किया,
‘‘आप को मेरा नाम क्यों जानना है ?रमन के ज्यादा गुजारिश करने पर उस लड़की ने अपना नाम जन्नत बताया।
रमन बोला, ‘‘तुम्हारा नाम तो बहुत अच्छा है।
ऐसा लग रहा है, जैसे मुझे जन्नत नसीब हो गई।
’’जन्नत ने रमन को टोकते हुए कहा, ‘‘आप ऐसी बात मत कीजिए।
मुझे अच्छा नहीं लगता.’’रमन ने कहा, ‘‘मैं तो सिर्फ तुम्हारी और तुम्हारे नाम की तारीफ कर रहा हूं।
’’जन्नत चुप रही, तो रमन ने पूछा, ‘‘तुम कहां रहती हो ?’’‘‘लाहौर में…’’ जन्नत बोली।
‘‘तो यहां बौर्डर पर क्या करने आती हो ?’’जन्नत ने बताया, ‘‘यहां मेरी सहेली बकरियां चराने आती है।
बहुत दिनों से उस के अब्बू बीमार हैं।
मैं सहेली की मदद कर रही हूं।’’रमन जन्नत को अपने दिल की बात कहना चाहता था, पर डरता था कि कहीं इस के बाद वह यहां आना ही न बंद कर दे।
लिहाजा, उस ने खुद को रोक लिया.उधर जन्नत भी रमन को मन ही मन पसंद करने लगी थी, मगर वह भी कुछ नहीं बोली और चुपचाप वहां से चली गई।
एक दिन रमन ने अपना दिल मजबूत कर के जन्नत को बोल दिया,‘‘जन्नत, जिस दिन से मैं ने तुम्हें पहली बार देखा है, तब से मैं तुम्हारा दीवाना हो गया हूं।
मैं तुम्हें पसंद करने लगा हूं।
तुम हर समय मेरे दिलोदिमाग पर छाई रहती हो…’’यह सुन कर जन्नत बोली, ‘‘आप भी मुझे पसंद हैं।
आप ने पहली मुलाकात में मुझे उस फौजी से बचाया था,
तभी से आप मुझे बहुत अच्छे लगने लगे थे।
’’‘‘जन्नत, क्या तुम मुझ से प्यार करती हो ?’’ रमन ने पूछा.‘‘हां,’’ जन्नत ने जवाब दिया।
इस के बाद वे दोनों रोजाना मिलने लगे।
रमन जानता था कि उस की शादी कहीं और पक्की हो गई है और वह जन्नत से प्यार करने लगा है,
तो उस ने काफी सोचविचार कर के एक दिन जन्नत से पूछा, ‘‘क्या तुम मेरे साथ शादी करोगी ?
’’जन्नत ने कहा, ‘‘इस बात के लिए मेरे अब्बू कभी नहीं मानेंगे, क्योंकि तुम एक हिंदुस्तानी फौजी हो और मैं लाहौर के मेयर की बेटी।
’’यह सुन कर रमन बोला, ‘‘अगर तुम्हारे अब्बू नहीं मानेंगे, तो हम यहां से दूर जा कर शादी कर लेंगे।
’’जन्नत बोली, ‘‘अच्छा, मैं अपने अब्बू से एक बार बात कर के देख लेती हूं…’’ इतना कह कर वह चली गई।
कुछ दिन के बाद रमन को जन्नत का लिखा एक खत मिला कि ‘मेरे अब्बू को मुझ पर शक हो गया है कि बकरी चराने के बहाने मैं किसी से मिलने जाती हूं, इसलिए आप को जो करना है जल्दी कीजिए’।
खत पढ़ कर रमन परेशान हो गया।
उस ने अपने एक साथी को बताया कि वह एक लड़की से प्यार करने लगा है और उसी से शादी करना चाहता है।
लेकिन जब उस साथी को यह पता चला कि वह लड़की पाकिस्तानी है, तो वह दंग रह गया।
उस ने रमन को यह सब भूलने के लिए कहा और इस का बुरा अंजाम भुगतने की भी बात की।
पर रमन पर तो इश्क का भूत सवार था।
वह कहां मानने वाला था।उस दोस्त ने फिर समझाया, ‘‘चलो यह माना कि तुम दोनों का प्यार सच्चा है, लेकिन न तो तेरे घर वाले इस रिश्ते के लिए राजी होंगे और न ही जन्नत के घर वाले मानेंगे।
दोनों देशों की सरकारें भी इस रिश्ते को स्वीकार नहीं करेंगी।
‘‘सब से बड़ी बात तो यह है कि तुम हिंदुस्तानी फौजी हो और वह लड़की हमारे दुश्मन देश में रहती है।
तुम दोनों का कभी मेल नहीं हो सकता।
’’यह सुन कर रमन कशमकश में पड़ गया।
एक तरफ उस का प्यार था, तो दूसरी तरफ परिवार और देश।
फिर उस ने फैसला लेते हुए अपने प्यार के बारे में परिवार को बताने की ठानी, पर जब मांबाप को इस बारे में पता चला, तो उन्होंने कहा कि तुम ऐसा कुछ नहीं करोगे, जिस से उन के खानदान की नाक कट जाए।
वह एक पाकिस्तानी लड़की है और इस घर में कभी बहू बन कर नहीं आएगी।
इस सब के बावजूद रमन ने जन्नत का साथ चुनना पसंद किया।
उधर जन्नत के अब्बू को रमन के बारे में किसी रिश्तेदार ने सबकुछ बता दिया।
वे गुस्से में आगबबूला हो गए और उन्होंने जन्नत को कमरे में बंद कर दिया।
जन्नत ने किसी तरह रमन के लिए एक खत लिख कर उसे अपनी सहेली से रमन तक पहुंचाने को कहा।
रमन ने वह खत पढ़ा, ‘मेरे अब्बू ने किसी और के साथ मेरी शादी पक्की कर दी है।
जल्द ही मेरा निकाह भी हो जाएगा…’यह पढ़ कर रमन का खून खौल गया।
अब उसे न देश की परवाह रही और न ही परिवार की।
वह हर नियम ताक पर रख कर चोरीछिपे पाकिस्तान चला गया।
वहां वह जन्नत से मिलने में भी कामयाब रहा और उसे बौर्डर पार करा कर भारत ले आया।
उस ने सेना से इस्तीफा दे दिया।
रमन अपनी जन्नत को घर ले आया, पर वहां उस का विरोध हुआ।
उस के मांबाप ने जन्नत को अपनाने से साफ मना कर दिया।
इस बात से गुस्साया रमन जन्नत को ले कर वहां से चला गया।
उधर पाकिस्तान में जन्नत के अब्बू को रमन और जन्नत की पूरी खबर लग गई।
वे अपने रुतबे का फायदा उठा कर भारत आए और रमन के घर जा कर उन दोनों की छानबीन की।
रमन के मांबाप ने उन्हें बताया कि वे दोनों यहां आए जरूर थे, पर हम ने उन्हें घर से निकाल दिया।
जन्नत के अब्बू गुस्से में इतना पागल हो चुके थे कि उन्होंने रमन के मांबाप का कत्ल कर दिया।
तभी उन्हें अपने किसी खुफिया एजेंट से पता चला कि वे दोनों अपने गांव से दूर किसी कौटेज में छिपे हुए हैं।
जन्नत के अब्बू ने उन दोनों को ढूंढ़ लिया और एक चाल चलते हुए कहा, ‘‘मुझे अपनी गलती का एहसास हो गया है।
मैं तुम दोनों के रिश्ते को मंजूरी देता हूं।
’’यह सुन कर जन्नत बड़ी खुश हुई।
उस का डर दूर हो गया और उस ने रमन को खानेपीने का सामान लाने को कहा।
जैसे ही रमन खाने का सामान लाने के लिए जाने लगा कि तभी जन्नत के अब्बू ने उसे गोली मार दी।
रमन बुरी तरह से जख्मी हो गया।
गोली की आवाज सुन कर जन्नत भागीभागी वहां आई।
उस ने देखा कि रमन खून में लथपथ जमीन पर पड़ा हुआ है।
उस की सांसें रुक चुकी थीं।
रमन को मरा हुआ देख कर जन्नत बोली, ‘‘अब्बू, आप ने यह क्या कर दिया… मेरी पूरी दुनिया ही खत्म कर दी।
अब मैं जी कर क्या करूंगी…’’ इतना कह कर उस ने खुद को छुरा मार लिया और रमन के पास ही बेजान हो कर गिर पड़ी।