यह कहानी है एक शहरी क्षेत्र की, जहां निशांत और हेमा की है जो अलग-अलग दुनियाओं से थे।
जिनके सपने और रहन-सहन एक दूसरे से बहुत अलग थे।
निशांत, एक रोमांटिक और सपने में खोए हमेशा खोये रहने वाले युवक था।
वह मेहनत काम करता लेकिन सपने बड़े-बड़े देखता रहता वही हेमा,
एक स्वतंत्र और साहसी लड़की जिसका सपना था अपनी पेशेवर ज़िन्दगी में कुछ अद्भुत करने का।
वह बहुत मेहनती थी।
एक दिन, निशांत और हेमा की बातचीत का आरंभ हुआ जब वे एक सामाजिक कार्यक्रम में मिले।
वहां, निशांत ने हेमा के सपनों की बातें सुनीं और हेमा ने निशांत की प्रेरणा को देखा।
उनकी बातचीतों में, एक दूसरे के सपनों का समर्थन और समझदारी बढ़ती गई।
दोनों को एक-दूसरे से बात करना अच्छा लगा।
फिर वो दोनों एक दूसरे का नंबर शेयर किया और दोस्ती का हाथ बढ़ाया दोनों।
धीरे-धीरे, निशांत और हेमा एक दूसरे के साथ अधिक समय बिताने लगे और मिलने लगे।
काम में भी एक दूसरे का हाथ बढ़ाने लगे और उनकी दोस्ती कब प्यार में बदला इस बात का अहसास नहीं उनकों ।
उनका साथ एक-दूसरे के सपनों को पूरा करने की ऊर्जा पैदा करता गया।
बहुत सपने उनलोग ने पूरा किया।
दोनों के परिवार भी उनके दोस्ती से खुश थे।
वो लोग चाहते थे की दोनों के रिश्ते शादी में बदले लेकिन हेमा और निशांत आगे बढ़ ही नहीं रहे थे।
ऐसे ही कुछ दिन बीत गया।
फिर एक दिन निशांत के माँ ने उसे समझाया की हेमा अच्छी लड़की है तू उसे पसंद करते हो और प्यार भी करते हो तो उसे बोल क्यों नहीं देते।
तब निशांत ने कहाँ की हेमा मना कर दी तो।
तब माँ बोली की एक बार बात तो करे वो। फिर एक
एक दिन, निशांत ने अपनी भावनाओं को हेमा के सामने रख दिया और हेमा ने भी अपनी भावनाओं को
साझा किया वो भी उस से प्यार करती थी ।
उनका प्यार बढ़ता गया और उन्होंने एक दूसरे से वादा किया कि वे एक-दूसरे के साथ हमेशा रहेंगे।