बहुत पुराने समय की बात है।
एक राजा ने जानबूझकर एक बड़ा सा पत्थर रास्ते के बीचों बीच में रखवा दिया।
और राजा वहीं पास की एक बड़ी झाड़ी में छुप गया। वह यह देखना चाहता था कि आख़िर कौन इस पत्थर को रास्ते से हटाता है.
उस रास्ते से बहुत लोग गुजरे।
लेकिन, किसी ने भी उस पत्थर को हटाना ठीक नहीं समझा।
यहाँ तक की राजा के दरबार के ही बहुत से मंत्री और धनी व्यापारी भी उस रास्ते से गुजरे, लेकिन, किसी ने भी उसे हटाना ठीक नहीं समझा।
उल्टा उन्होंने राजा को ही इस बाधा के लिए ज़िम्मेदार ठहराया।
बहुत से लोगों ने राजा पर सड़कों को साफ न रखने के लिए जोर-जोर से आरोप लगाए,
लेकिन उनमें से किसी ने भी पत्थर को रास्ते से हटाने के लिए कुछ नहीं किया।
तभी एक किसान सब्जियों की टोकरी लेकर रास्ते से गुजरा।
पत्थर के पास पहुंचने पर किसान ने अपनी टोकरी नीचे रखी और पत्थर को सड़क से बाहर धकेलने का प्रयास किया।
काफी मशक्कत के बाद आखिरकार उसे सफलता मिली।
जब किसान अपनी सब्जियां लेने वापस गया, तो उसने देखा कि सड़क पर एक पर्स पड़ा था, जहां पत्थर पड़ा था।
पर्स में कई सोने के सिक्के और राजा का एक नोट था जिसमें बताया गया था कि सोना उस व्यक्ति के लिए था जिसने सड़क से पत्थर को हटाया था।
कहानी की सीख
जीवन में आने वाली हर बाधा हमें नए अवसर देती है। इसलिए, बाधाओं को कोसने के बजाए उनसे निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए।