एक दिन अकवर बादशाह ने बीरबल से कहा, हमने न तो अप्सरा देखी है और न चुड़ैल, सिर्फ नाम सुने हैं ।
बीरबल, क्या तुम इन्हें दिखा सकते हो ?
जी हाँ, मैं आपको अप्सरा और चुड़ैल दोनों दिखा दूंगा ।
कब ?
बहुत जल्दी ।
न दिखा सके तो सजा मिलेगी ।
बीरबल बुद्धिमान तो थे ही, उन्होंने विचार किया और एक गरीब कुलीन मेहनती किसान की स्त्री और एक खूबसूरत स्त्री को अपने साथ लिया और दरबार में हाजिर हो गए ।
बीरबल, यह क्या तमाशा है ?
हुजूर ये अप्सरा और चुड़ैल हैं ।
क्या बात करते हो ?
यह साँवली स्त्री अप्सरा है और यह गोरी जो है वह चुड़ैल है ।
बीरबल की बात सुनकर बादशाह चौंक पड़े । उन्होंने कहा, बीरबल, तुम उलटी बात कह रहे हो ।
वह सुंदरी तो अप्सरा लगती है ।
नहीं हुजूर, बीरबल समझाने लगे, यह काली स्त्री साक्षात अप्सरा है, जो अपने पति को सच्चे प्यार से आनंदित करती है और यह वेश्या चुड़ैल है, जो जिस्मफरोशी करती है, लुटती है । इसका धंधा ही ऐसा है । बादशाह को बीरबल का उत्तर तर्क-संगत लगा ।