बहुत समय पहले की बात है, एक सैतान बिल्ली बहुत से चूहों को हमेशा परेशान किया करती थी।
ऐसे में सभी चूहों ने इस परेशानी का हल खोजने का सोचा। तो एक बार सभी चूहे अपने सबसे बड़े मुद्दे पर चर्चा करने के लिए इकट्ठे हुए!
यह सैतान बिल्ली जो चूहों का पीछा कर रही है और उन्हें पकड़ कर खा रही है! “यह अराजकता है!” एक चूहे ने गुस्से से कहा।
“हमें एक समाधान खोजने की जरूरत है जो की हमें बिल्ली के आने की चेतावनी दे सके!” दूसरे ने कहा।
ऐसे में एक चिंतित चूहे ने कहा, “क्या हम थोड़ी जल्दी समस्या के समाधान ढूँढ़ सकते हैं, अन्यथा बिल्ली हमें यहाँ पर भी देख सकती है”।
इस बात पर, एक बूढ़े चूहे ने अपना पंजा उठाया और कहा, “चलो एक त्वरित समाधान खोजें!”
चूहों ने जल्द ही विचारों पर चर्चा करना शुरू कर दिया। बहुत से चूहों ने अपने अलग-अलग मत प्रदान किए। एक ने कहा “हमें चेतावनी देने के लिए हमारे पास एक प्रहरीदुर्ग होगा!”
वहीं दूसरे ने कहा, “बिल्ली द्वारा खाए जाने से बचने के लिए हम सभी को समूहों में जाना चाहिए!”
तभी उन्ही के बीच में एक और चूहे ने सुझाव दिया की, “मेरे पास एक विचार है”, “चलो बिल्ली के गले में घंटी बांधते हैं!
तो जब बिल्ली आसपास टहलती है तब उसके गले में लगी घंटी भी आवाज करेगी, जिससे हमें उसके पास मौजूद होने की चेतावनी मिल ज़ाया करेगी !”
इस सुझाव से सभी चूहे सहमत हो गए।
यह सबसे अच्छा विचार था! ऐसे सभी चूहों ने एक सुर में कहा।
“ठीक है! तो, बिल्ली को घंटी बांधेगा कौन?” बूढ़े चूहे ने पूछा।
यह पूछते ही वहाँ सन्नाटा छा गया!
जल्द ही, एक-एक करके सभी चूहे चुपचाप भाग गए। अंत में केवल बूढ़ा चूहा ही रह गया।
कहानी की सीख
सिर्फ बातों से काम नही बनता; उसके लिए काम भी करना पड़ता है। इसलिए सोच-विचार करके ही अपनी बात कहनी चाहिए।