गौरैया, चूहा और एक शिकारी की कहानी

बहुत पुरानी बात है, एक बार एक जंगल में गौरैयों का झुण्ड भोजन की तलाश में उड़ रहा था।

तभी उनकी नजर पास के एक अनाज से भरे खेत पर पड़ी।

जल्द ही, वे सभी गौरैयों ने खाने के लिए नीचे उड़ान भरी और फिर पेट भरकर भोजन किया।

जैसे ही वे सभी उड़ने के लिए ऊपर उठे, उन्होंने महसूस किया कि यह एक जाल था।

उनके पैर एक शिकारी द्वारा बिछाए गए जाल में फंस गए थे।

जब वे अपने आप को छुड़ाने के लिए संघर्ष कर रहे थे, उन्होंने देखा कि वह शिकारी धीरे-धीरे उनकी ओर चला आ रहा था।

गौरैयों के नेता ने कहा, “रुको, संघर्ष मत करो! बस मेरी बात सुनो।

चलो एक साथ उड़ते हैं और मैं हमें अपने दोस्त, चूहे के पास ले जाऊँगा।

वह हमें इस जाल से ज़रूर आज़ाद करवा देगा। ”

जैसे ही शिकारी चिल्लाया, गौरैयां एक साथ जाल को लेकर आकाश में उड़ गईं।

वे जंगल की ओर उड़ गए जहाँ एक छोटा चूहा रहता था।

अब गौरैयों के नेता ने कहा, “उस पेड़ की तरफ़ उड़ो, वहाँ पर मेरा एक नन्हा दोस्त रहता है”।

पेड़ के पास पहुँचकर, सभी गौरैयों ने एक साथ पुकारा, “छोटा चूहा, छोटा चूहा, कृपया हमारी मदद करें!”

छोटा चूहा तुरंत जाल को चबाने लगा और जल्द ही सभी गौरैयों को आजाद भी कर दिया।

ऐसा करने पर, गौरैयों के नेता ने अपने चूहे दोस्त को कहा, “धन्यवाद प्रिय मित्र!

मने आज हम सभी को बचाया. इसलिए में सभी गौरैयों के तरफ़ से तुम्हारा शुक्रगुज़ार हूँ।

अन्य गौरैयों ने भी नन्हे चूहे को धनयवाद कहा।

और सभी गौरैयां वापस अपने घर की ओर उड़ आए।

कहानी की सीख

हमें हमेशा कठिनाई का सामना करना चाहिए और निराश नही होना चाहिए। एकता में शक्ति होती है।