मूर्ख चोर की कहानी

एक बार, एक अमीर व्यापारी बीरबल से मदद मांगने के लिए राजा अकबर के दरबार में आया.

उस व्यापारी के कुछ सामान की चोरी हो गयी थी. अब उस व्यापारी को ये शक था कि उसके किसी नौकर ने उसे लूट लिया है. चूँकि उसके बहुत से नौकर थे इसलिए वह असली चोर को पकड़ नहीं पा रहा था.

जब उसने अपनी इस परेशानी के बारे में राजा अकबर को बताया तो महाराज अकबर ने अपने सबसे चतुर मंत्री बीरबल को इस परेशानी का हल खोजने का दायित्व दिया.

यह सुनकर बीरबल ने एक चतुर योजना के बारे में सोचा और व्यापारी के नौकरों को बुलाया.

महामंत्री बीरबर ने प्रत्येक सेवक को समान लम्बाई की एक छड़ी दी. और फिर उन सभी को कहा कि अगले दिन तक चोर की छड़ी दो इंच बढ़ जाएगी. ऐसा सिर्फ़ उसके साथ होगा जिसने व्यापारी का सामान चुराया है.

अगले दिन बीरबल ने सभी नौकरों को सम्राट के दरबार में फिर से बुलाया।

उसने देखा कि एक नौकर की छड़ी दूसरों की तुलना में दो इंच छोटी थी।

अब बीरबल को असली चोर के बारे में मालूम पड़ गया था। वह जानते थे कि चोर कौन है।

मूर्ख चोर ने अपनी छड़ी को दो इंच छोटा कर दिया था क्योंकि उसे लगा कि यह सच में दो इंच बढ़ जाएगी।

इस प्रकार बीरबल ने बहुत ही चतुराई से असली चोर को पकड़ लिया।

महाराज ने अपने मंत्री को शाबाशी दी और व्यापारी चोर पकड़े जाने से बहुत खुश हुआ।

उसने महाराज को शुक्रिया कहा और अपने घर वापस आ गया।

कहानी की सीख

सत्य और न्याय की हमेशा जीत होती है.