एक बार की बात है, मुन्नी नाम की एक छोटी लड़की थी जो अपने परिवार के साथ एक छोटे से घर में रहती थी।
मुन्नी को अपने घर के पीछे जंगल में घूमना और खेलना बहुत पसंद था।
वह अक्सर घूमने जाती और सुंदर पत्थर और पत्ते इकट्ठा करती।
लेकिन, एक चीज थी जो उसे सबसे ज्यादा पसंद थी।
और वह थी उसका खजाना का बॉक्स जहां वह अपना सारा खजाना रखती थी।
बॉक्स में एक छोटी सी सुनहरी चाबी थी जो उसे खोलती थी।
एक दिन, खोजबीन के दौरान, मुन्नी को ये एहसास हुआ कि उसने अपनी चाबी खो दी है।
उसने हर जगह ढूंढा, लेकिन कहीं पता नहीं चला।
वह बहुत दुखी थी, और उसने सोचा कि वह फिर कभी अपना खजाना बॉक्स नहीं खोल पाएगी।
इसलिए उसका मन बहुत ही दुःख हुआ।
निराश होकर उसने घर वापस जाने का फैसला किया।
जब वो रास्ते में जा रही थी।
तब रास्ते में उसकी मुलाकात एक बूढ़े उल्लू से हुई जिसने उससे पूछा कि क्या हुआ? वह इतनी ज़्यादा उदास क्यूँ है?
मुन्नी ने उसे अपनी कहानी सुनाई और बताया कि कैसे उसने अपनी चाबी खो दी है।
उल्लू ने ध्यान से सुना और फिर कहा, “चिंता मत करो मुन्नी, मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूं।”
उल्लू मुन्नी के साथ जंगल में एक छोटे तालाब की ओर उड़ गया।
उसने उसे ध्यान से पानी में देखने को कहा, और वहाँ उसने देखा कि उसकी चाबी तालाब के तल पर चमक रही है।
उत्साहित होकर, वह अंदर पहुंची और अपनी चाबी वापस ले ली।
मुन्नी अब बहुत खुश हुई और उसने उल्लू को उसकी मदद के लिए धन्यवाद दिया।
वह अपने खजाने के डिब्बे की ओर भाग गई, और अपनी नई मिली चाबी के साथ उसने बॉक्स खोला और अपने सभी खजाने को देखकर मुस्कुराई।
उस दिन से, मुन्नी कभी भी अपनी चाबी के बिना खोजबीन करने नहीं गई,
और उसे हमेशा उस बुद्धिमान बूढ़े उल्लू की याद आई जिसने उसकी मदद की थी।
कहानी की सीख
सब्र से अगर किसी कार्य को किया जाए तो उस कार्य में जरूर सफलता मिलती है।