सच्ची मित्रता

अजनार के जंगल में दो बलशाली शेर शूरसिंह और सिंहराज रहते थे।

शूरसिंह अब बूढ़ा हो चला था।

अब वह अधिक शिकार नहीं कर पाता था।

सिंहराज उसके लिए शिकार करता और भोजन ला कर देता।

सिंहराज जब शिकार पर निकलता, शूरसिंह अकेला हो जाता।

डर के मारे कोई पशु उसके पास नहीं जाते थे।

आज शूरसिंह को अकेला देख सियार का झुंड टूट पड़ा।

आज सियार को बड़ा शिकार मिला था।

चारों तरफ से सियारों ने शूरसिंह को नोच-नोच कर जख्मी कर दिया था।

वह बेहोश की हालत में हो गया।

अचानक सिंहराज वहां दहाड़ता हुआ आ गया।

सिंहराज को वहां आता देख, सियारों के प्राण सूख गए।

सिंह राज ने देखते ही देखते सभी सियारों को खदेड़ दिया। जिसके कारण उसके मित्र शूरसिंह की जान बच सकी।

कहानी की सीख

सच्ची मित्रता सदैव काम आती है।