जंगल में सुंदर-सुंदर हिरण रहा करते थे।
उसमें एक सुरीली नाम की हिरनी थी।
उसकी बेटी मृगनैनी अभी पांच महीने की थी।
मृगनैनी अपनी मां के साथ जंगल में घूमा करती थी।
एक दिन मृगनैनी अपने मां के साथ घूम रही थी, तभी दो गीदड़ आ गए।
वह मृगनैनी को मार कर खाना चाहते थे।
सुरीली दोनों गीदड़ को अपने सींगों से मार-मार कर रोक रही थी।
मगर गीदड़ मानने को तैयार नहीं थे।
वहां अचानक ढेर सारे हिरनी का झुंड आ गया।
हिरनी गीदड़ के पीछे दौड़ने लगी।
गीदड़ अपने प्राण लेकर वहां से रफूचक्कर हो गया।
सुरीली और मृगनैनी की जान आज उसके परिवार ने बचा ली थी।
कहानी की सीख
एक साथ मिलकर रहने से बड़ी से बड़ी चुनौती दूर हो जाती है।