एक गाँव में एक मुर्गी पालन करने वाला अपनी पत्नी के साथ रहता था।
वह हर रोज बाजार में जाकर मुर्गी खरीदता और घर आकर उनकी देखभाल करता।
हर दिन की तरह वो बाजार से एक मुर्गी खरीद कर लाया।
वो सबकी तरह उसे भी बहुत प्यार से पालने लगा और धीरे-धीरे वह मुर्गी तंदुरुस्त हो गई।
कुछ महीने बाद उस मुर्गी ने अंडा दिया, जिसको देखने के बाद व्यापारी और उसकी पत्नी दोनों ही हैरान रह गए।
क्योंकि, वह अंडा सोने का था।
वह मुर्गी हमेशा सोने का अंडा देती और पति-पत्नी उसे बेचकर पैसे कमाते।
सोने के अंडे को देखकर उनके मन में लालच बढ़ने लगा और व्यापारी ने सोचा कि,
अगर ये हर रोज एक सोने का अंडा देती है तो इसके अंदर और कितने अंडे होंगे?
ये सोचकर उन्हें एक तरकीब आई और उन्होंने मुर्गी को मार डाला और जब उसका पेट चीर कर देखा तो उस में एक भी अंडा नहीं था।
व्यापारी और उसकी पत्नी अपने किए पर पछताए।
उन्होने मुर्गी भी मार दी और उससे मिलने वाले सोने के अंड़े भी अब नही मिलने वाले थे।
कहानी की सीख
लालच बुरी बला है.