एक बार कि बात हैं, हिरण और कौआ बहुत अच्छे दोस्त थे।
वे दोनों हर सुख-दुख में एक-दूसरे का साथ देते थे।
एक दिन कौए ने हिरण को सियार के साथ देख लिया।
कौए ने हिरण को समझाया कि सियार बहुत चालाक जानवर है, वो हर किसी को अपने जाल में फंसा लेता है।
इसलिए उसका साथ छोड़ दे. हिरण ने कौए की सलाह पर ध्यान नहीं दिया और सियार के साथ खेत में चला गया।
हिरण वहाँ लगे जाल में फंस गया।
सियार उससे कहने लगा “मैं तो किसान को बुलाने जा रहा हूं, वह आएगा और तुम्हें मार डालेगा।”
हिरन चिल्लाने लगा, तभी वहां कौआ आया और उसने हिरन से कहा तुम ऐसे लेट जाओ जैसे की तुम मर गए हो।
हिरन ने आपने दोस्त की बात मानी और वैसे ही किया।
थोड़ी देर बाद वहाँ किसान आया और उसने देखा कि हिरन तो मर गया, ये देखकर वो बहुत खुश हुआ।
किसान ने जल्दी से जाल खोला और जाल खुलते ही हिरन वहाँ से भाग निकला।
ये देखकर किसान बहुत गुस्सा हुआ और सियार को खूब मारा और उसे वहाँ से भगा दिया।
कहानी की सीख
किसी पर आंख मूंदकर भरोसा नही करना चाहिए। भरोसे से पहले परखना चाहिए।