गाने वाले गधे की कहानी

बहुत पहले की बात है, पास के जंगल में एक भूखा गधा उदास रो रहा था।

दिनभर के काम के बाद, उसके मालिक ने उसे ठीक से नहीं खिलाया था, इस कारण से वो उदास रो रहा था।

पास से ही, एक गीदड़ वहाँ से गुजर रहा था और उसने भूखे गधे को देखा।

“क्या हुआ, गधा?” गीदड़ ने पूछा।

“मुझे बहुत ज़ोरों से भूख लग रही है और मैं यहाँ सब चर चुका हूँ, फिर भी मैं अभी भी भूखा हूँ!” गधा रोया।

गधे की दुःख भरी बात सुनकर सियार ने कहा, “ओह, तुम जानते हो कि पास में एक बड़ा ताजी सब्जियों का खेत है। तुम वहाँ जा सकते हो और भर पेट खाना खा सकते हो!”

“कृपया मुझे वहाँ ले चलो!” गधे ने कहा।

ऐसा सुनकर गीदड़ उस गधे को खेत तक ले गया।

एक बार सब्जी के खेत में वो लोग पहुँच गए, फिर वे चुपचाप ताजी सब्जियां चबाते हैं।

तभी उनके पास में किसी के आने की आवाज़ सुनायी पड़ी।

आवाज़ सुनकर वो दोनों भाग जाते हैं।

अब से दोनों ही जानवर हर दिन सब्जी के बगीचे में जाते थे और भर पेट खाना खाते थे।

लेकिन एक दिन उनकी क़िस्मत ख़राब थी, उन्हें एक किसान ने देख लिया और उन्हें भगा दिया।

उस दिन दोनों जानवर भूखे थे।

जैसे ही रात हुई, गीदड़ ने सुझाव दिया कि वे वापस सब्जी के खेत में चले जाएँ, ताकि उन्हें फिर से भर पेट खाने को मिले।

रात होने पर, गधा और गीदड़ चुपचाप खेत में घुस गए और फिर भर पेट खाने लगे।

खाते वक्त, गधे के मन में कुछ सूझा और उसने कहाँ, “ओह, इतने स्वादिष्ट खीरे और चाँद को देखो! यह इतना सुंदर है कि मैं एक गाना गाना चाहता हूं”।

ऐसा सुनते ही गीदड़ ने कहा, “अभी नहीं! तुम यहाँ नहीं गा सकते!”

“लेकिन, मैं तो गाना चाहता हूँ,” गधे ने गुस्से में कहा।

गीदड़ ने उसे समझाने की कोशिश करी और कहाँ, “किसान उसकी बात सुनेगा, उनके पकड़े जाने का डर भी है।

जब गधे ने उसकी बात नहीं मानी तब वो वहाँ से चला गया।

गधे ने आह भरी और गाना शुरू कर दिया।

थोड़ी ही दूर पर किसान और उसके परिवार ने एक गधे के रेंकने की आवाज सुनी।

वे लाठी लेकर गधे की ओर दौड़े।

गधे को पीटकर जल्द ही खेत से बाहर खदेड़ दिया।

“ओउ-ओउ-ओउ!” गधा दर्द से कराहता हुआ वापस गीदड़ के पास आ गया, और उसने सारी बात बताई।

उसकी बात सुनकर, गीदड़ ने कहा “तुम्हें तब तक इंतजार करना चाहिए था जब तक हम गाने के लिए खेत से बाहर नहीं आ गए होते!

लेकिन, तुमने मेरी बात बिलकुल भी नहीं सुनी।

जिससे आगे चलकर तुम्हें मार भी खानी पड़ी। चलो, तुम्हें आराम करने की जरूरत है!

आगे से ऐसी गलती कभी भी मत करना, ऐसा कहने के बाद गीदड़ वहाँ से चला गया।

गधा को उसके किए की सजा मिल गई लेकिन, बहुत बड़ा सबक भी उसने सीख लिया।

कहानी की सीख

कोई भी कार्य करने का एक उचित समय और स्थान होता है। इसलिए, हमेशा सही समय और सही स्थान का ध्यान रखें।