एकता की शक्ति

एक किसान के पांच पुत्र थे, लेकिन पुत्रों के बीच पूर्ण भाईचारा नहीं था।

वो एक-दूसरे से झगड़ते रहते थे।

जब वह किसान मरने ही वाला था, तो उसने 5 लड़को को बुलाकर बैठा दिया, और पतली छड़ियों का एक पूरा गट्ठर दिया

और उनमें से एक से कहा, “तुम इस गट्ठर को तोड़ दो, लेकिन पांचो पुत्रों में से कोई भी पूरी गट्ठर नहीं तोड़ पाया।

तब उस बूढ़े किसान ने कहा अब गट्ठर को छोड़ दो और हर एक पुत्र एक-एक डंडे को तोड़ दो।

पुत्रो ने ऐसा किया तो सारी डंडिया तुरंत टूट गईं।

पांचो पुत्र बहुत हैरान हुए और उन्होंने पिता से पूछा कि उसने ऐसा क्यों किया?

फिर उसने कहा, वे सब पतली लकड़ियाँ एक साथ इकट्ठी थी, सो उन में इतना बल था कि सारा गट्ठर तुमसे से न टूटा।

लेकिन जब एक-एक लाठी अलग हो गई, तो उसे दूसरी छड़ियों के बल से सहारा नहीं मिला. तो यह तुरंत टूट गया।

इस तरह अगर आप सब एक हो जाएं तो आपको कोई अलग नहीं कर सकता

और आपका जीवन खुशियों में चला जाएगा।

लेकिन अगर आपस में लड़ो और बिछड़ो तो तुम भी कमजोर हो जाओगे और डंडे की तरह टूट जाओगे, इसलिए अभी से साथ रहो।

किसान के पुत्रों को सीख मिल चुकी थी।

इस सीख के बाद वे कभी नही लड़े और प्रेम भाव से रहने लगे।

किसान भी अब सुख पूर्वक रहने लगा।

कहानी की सीख

एकता में शक्ति होती है।