❤️ तेरे बिन

क्या ऐसा हो सकता है कोई इंसान दुबारा किसी से प्यार कर सकता है ?

दोबारा किसी से मोहब्बत हो सकती है ?

इसका जवाब शायद किसी के लिए हाँ होगा तो किसी के लिये ना !

यह एक कहानी है ये निशा नाम की लड़की की जो अमर नाम क लड़के से बहुत प्यार करती है ।

दोनो कॉलेज के वक़्त से एक दूसरे एक दोस्त थे निशा और अमर एक दूसरे को बहुत अच्छी तरह से समजते थी । दोनो एक दूसरे के काफी अच्छे दोस्त थे ।

निशा और अमर हर मुश्किल वक़्त मैं एक दूसरे का साथ देते थी । ओर ख़ुशी के मौके पर भी वो एक दूसरे के साथ होते थी

जब कभी अमर को कोई मुश्किल होती तो निशा हर हाल मैं उसका साथ देती थी ।

इसी तरह जब कभी निशा को मुश्किल का सामना करता पड़ता तब अमर उसके साथ होता और इसी तरह ये दोनों एक दूसरे का साथ निभाते गए और दोनों के बीच मैं मोहब्बत हो गायी।

वक्त के साथ साथ दोनों की मोहोब्बत काफी गेहरी होती गायी ।

कुछ समय बाद दोनों की कॉलेज की पढाई ख़तम होगयी और अमर और निशा दोनों ने ही अछि जॉब ज्वाइन कर ली और इनकी ज़िन्दगी सही से ख़ुशी से गुज़र रही थी ।

पहिर एक दिन निशा ने अमर से कहा की "अमर अब हमें शादी कर लेनी चहिये" ।

अमर ने ये बात सुनकर कहा की "थिक है निशा मैं आज ही अपने घरवालों से बात करता हूँ और तुम भी अपने घरवालों से बात करलो" दोनों ने अपने घरवालों से बात की दोनों के परिवार वाले एक दूसरे से मिले दोनों के परिवारवालों को ये रिश्ता पसंद आया और दोनों ने हाँ कह दी ।

इस रिश्ते के लिए कुछ समय बाद का ही दोनों की सगाई का महूरत निकला और कुछ ही दिनों में दोनों की सगाई काफी धूमधाम से की गयी । कुछ दिनों बाद अमर ने अपनी कंपनी स्टार्ट की जिसमे निशा भी साथ थी दोनों एक साथ अपनी नयी कंपनी को अछेसे चलने लगे कुछ ही समय मैं दोनों की कंपनी ने ाचा बिज़नेस किया ाचा प्रॉफिट किया एक दिन अमर को बिज़नेस के सिलसिले मैं किसी दूसरे शहर जाना पड़ा वहां उसकी मुलाकात प्रेम से होती है दोनों बिज़नेस मीटिंग अटेंड करने के बाद बिज़नेस पार्टी अटेंड करते हैं ।

श पार्टी मैं अमर और प्रेम की अछि दोस्ती होजाती है उस वक़्त दोनों एक दूसरे को अपनी लाइफ की बातें शेयर करते हैं और दोनों हमेशा अपनी दोस्ती निभाए रखने का वादा करते है । जब अमर अपनी गाडी मैं घर जा रहा था तब रास्ते मैं उसका एक्सीडेंट प्रेम की गाडी से होजाता है प्रेम ये हादसा बर्दाश्त नै कर पाया ।

जाब निशा को और अमर के घर वालों को ये बात पता चलती है की अमर का एक्सीडेंट होगया है और वह इस दुनिया मैं नहीं रहा तो वो लोग ये सदमा बर्दाश्त नहीं कर सक पर निशा को ये नहीं पता था की अमर का एक्सीडेंट प्रेम के वजह से हुआ ।

परेम से उनकी ये हालत देखी नहीं गयी इसलिए वह उनकी मदत करने अमर का दोस्त नहीं बल्कि अमर के द्वारा किया गया अप्पोइंटेड एम्प्लोयी जो उनकी कंपनी मैं जॉब ज्वाइन करने वाला था ।

बांके गया वाहन पहुँच कर उसने निशा की हेल्प की अमर और निशा की कंपनी को आगे बढ़ने मैं प्रेम ने अमर के घरवालों को भी संभाला परेम अमर के घरवालों को अपना परिवार बना लिया अमर की छोटी बहन प्रेम को अपना भाई मानने लगी ।

कमार के पापा अमर की डेथ के बाद परलयज़ेड होचुके थे प्रेम ने उनका भी ख्याल रखा अमर की दादी निशा को बेटी मानती थी वह हर वक़्त निशा से कहती की वो कहीं और शादी करले पर निशा उन्हें अपना परिवार मंती थी उसने कभी कहीं और शाडू करने का नहीं सोचा वो अब भी अमर से प्यार करती थी । परेम धीरे धीरे करके उनके परिवार का हिस्सा बन चूका था धीरे धीरे प्रेम निशा से प्यार करने लगा त

निशा भी प्रेम का ये बेहेवियर अमर के परिवार और उसकी कंपनी की तरफ देखके वो भी उससे पसंद करने लगी थी ।

पर प्रेम ने कभी उससे अपनी दिल की बात नहीं कही क्यूंकि उससे डर था की जिस दिन सच्चाई सबके सामने आएगी तो सब उससे नफरत करेंगे । लेकिन अमर की दादी यही चाहती थी की निशा की शादी होजाये प्रेम से ककी प्रेम ही ह जो उससे समाज सकता है और प्यार भी करता है ।

ये सब देखकर प्रेम ने सारी सच्चाई बतादि सबको की कैसे अनजाने मैं उससे एक्सीडेंट होगया और अमर की डेथ होगायी ।

ये सच सुनने के बाद सबको काफी दुःख हुआ और गुस्सा भी आया प्रेम पर निशा को भी गुस्सा आया प्रेम पर और उसने शादी के लिए इंकार कर दिया ।

इस सब के बाद प्रेम वापस जब अपने घर जा रहा था तब उसका एक्सीडेंट होगया प्रेम को ऐसे हॉस्पिटल मैं देख के अमर के घरवालों को ऐसा लगा जैसे वो अपना बीटा दुबारा खो रहे है ।

निशा को तब अपने प्यार का एहसास हुआ की वो प्रेम से प्यार करती है और उससे यह एहसास होता है की कहीं न कहीं अमर भज यही चाहता होगा की उसके जाने के बाद प्रेम से ही वो अपना रिश्ता जोड़ ले ।

पहिर निशा को प्रेम के बैग से एक डायरी मिलती है जिसमें प्रेम ने लिखा होता है की वो निशा से कितना प्यार करता ह पर अपनी अनजाने मैं की गयी गलती से डरता है उसने सब कुछ उस डायरी मैं लिखा होता है अपनी फीलिंग्स अमर की दोस्ती परिवार का प्यार ये सब पढ़कर निशा को एहसास होता है की प्रेम भी उससे प्यार करता है और वो भगवन से प्रार्थना करती है की प्रेम बच जाए ।

ओर भगवन ने उसकी सुनली कुछ देर मैं डॉक्टर्स ाके बताते हैं की प्रेम अब सुरक्षित है और प्रेम के ठीक होने के बाद प्रेम और निशा दोनों शादी कर लेते हैं और ख़ुशी ख़ुशी अपनी ज़िन्दगी बिताते हैं ।

और निशा जिसको लगता था की वो अब किसीसे प्यार नहीं कर पाएगी ये मान लेती है की दुबारा किसी और से सच्चा प्यार किया जा सकता है ।