❤️ राज और काजल

राज को सामने वाली खिड़की में एक खूबसूरत लड़की दिखी।
राज जब देखा तो देखता ही रह गया उसे लगा मानों उस लड़की को कई जन्मों से जानता है उसकी सपनों में आने वाली लड़की।
उस लड़की का नाम काजल था।काजल ने भी राज को देखा फिर एक दिन पूछ ही लिया आप ऐसे क्यों देखते हो किसी ने अगर देख लिया तो बदनामी होगी।
राज - जी मैं जानता हूँ ... लेकिन आपको देखते ही पता नहीं मुझे क्या हो जाता है ऐसा लगता है मैं आपको कई जन्मों ...
काजल - ओके ओके फ़िल्मी डाइलॉग बन्द। लेकिन प्लीज आगे से अब मत देखना।
उस दिन काजल ने मना तो कर दिया लेकिन राज का इंतजार करती रही। राज आया..काजल ने मुस्कुराते हुवे राज को देखा। धीरे धीरे उन दोनों की बात बढ़ी घर से बाहर मिले ...
कभी कभी दोनों छुप कर बाहर बाइक से एक साथ घूमने निकल जाते।
लेकिन ये लुका छिपी ज्यादा दिन तक नहीं चली। काजल के पिता को ये बात पता चली उन्होंने बेटी को डाँटा नहीं प्यार से समझाया - आप हमारी एकलौती बेटी हो .. आप अब बड़ी हो गई हो ...
आपका किसी और के साथ घूमना अच्छा नहीं है। काजल - पापा वो ....
पापा - मैं जानता हूँ इस उम्र में मन भटक जाता है ..
. किसी को भी किसी से प्यार हो जाता है ..
.. लेकिन उसकी सजा पुरे परिवार को भुगतनी पड़ती है।
काजल - लेकिन पापा... मैं राज से .. से शादी .... वो भी तैयार ...
पापा - शादी .... बेटी . प्यार अलग है और शादी करके जीवन निर्वाह अलग प्यार से खाना नहीं मिलता दो वक्त की रोटी के लिए पैसा चाहिए वैसे भी .. वो हमारी जाति का नहीं है .... तुम दोनों की एक गलती से दोनों परिवार का घर से निकलना मुश्किल हो जाएगा .... काज़ल - लेकिन मैं उसके बिना नहीं रह सकती...पापा
काजल रोने लगती है पापा प्यार से आँसू पोछते है और बोलते है तो तुम दोनों भाग कर शादी कर लो मैं तुम्हारी माँ और गांव से कह दूँगा विदेश पढ़ने गई है ....
काज़ल को पिता का प्यार देख रोना आ रहा था ...
. वो पिता को छोड़ कर जाना नहीं चाहती थी ... लेकिन राज को भी खोना नहीं चाहती थी .... रात भर सोचती रही क्या करे .... क्या वो अपने स्वार्थ और प्यार के लिए बचपन से प्यार करने वाले ...
. छोटे छोटे हाथों को पकड़कर चलना सिखाने वाले को हमेशा के लिए छोड़ कर चली जाए....? नहीं...।
काजल ने पिता से ईजाजत ली राज से अंतिम बार मिलने की।
अगले दिल वो राज से मिली ...और राज से सारी बात बताई
राज - तुम्हारा मन क्या कहता है ...
काज़ल - जिन्होंने मुझे चलना सिखाया बोलना सिखाया ... उन्हें धोखा देने का मन नहीं करता ... लेकिन तुम्हारे बगैर रह भी नहीं सकती तुम जैसा कहो ...मैं तुम्हारे साथ मरने ... राज ने काजल के मुह पर हाथ रख दिया।
राज ने रोते हुवे कहा- नाज़ है मुझे अपनी मोहब्बत पर .... मैं ... तुम्हारे बिना कैसे रहूँगा... मुझे नहीं पता .... लेकिन तुम तुम .... तुम हमेशा खुश रहना तुम्हारी ख़ुशी देख मैं जी लूँगा....
काज़ल ने भी रोते हुवे जवाब दिया - मैं भी तुम्हारे बिना नहीं रह सकती ... राज ... लेकिन मैं मजबूर हूँ ...बस तुमसे आखरी बार मिलने ...
राज - रोना नहीं काज़ल अगर ये हमारी आखरी मुलाक़ात है ... तो इसमें आसूँ नहीं ख़ुशी होनी चाहिए जिसे देख मैं ज़िंदगी भर याद कर जी लूंगा ....
दोनों एक दूसरे को बाहों में भर कर शांत हो जाते है
काजल - तुम मेरी शादी के दिन आओगे ...
राज - आऊंगा ... जरूर आऊंगा .... और जी भर कर नाचूँगा .... जी भर कर
राज फिर रोने लगता है ...
काजल - ख़ुद कहते हो ख़ुश रहने को फिर रोते हो ...
राज - ये कमबख्त आसूँ भी ना रोकने से भी ...बट नो .. आई एम हैप्पी नाउ ...
फिर शांति ... कब शाम हो गई पता भी ना चला ... दोनों दूर तक एक दूसरे को देखते हुवे विदा हो गए ...
. नियत समय पर काजल की शादी तय हो गई बारात भी आई बहुत सारे रश्म भी हो गए ... लेकिन एकाएक लड़के ने शादी रोक दी उसके हाथ में कुछ फ़ोटो थे ... राज और पूजा के ... उसने उसी समय राज को बुलाने को कहा....
चारो तरफ कानाफूसी होने लगी सभी काजल के चरित्र पर आवाज उठाने लगे ...
दूल्हा - तुझे तेरे प्यार काजल की कसम तू काजल से प्यार करता है ...या नहीं
राज - वो मैं ...
दूल्हा- अगर मगर कुछ नहीं हाँ या ना...
राज - हाँ
दूल्हा - राज सिन्हा की प्रेम कहानियों का बहुत असर है तुम पर झूठ बोल देते तो मर जाती क्या ये ... हाँ ... जब रस चूस लिया तो क्या मैं शादी करके गुठली चुसुंगा .... कितने बार हनीमून मनाया है ... बोल ना....
सभी की नजरें कभी राज को तो कभी काज़ल को ... काज़ल को लगा वो मर क्यों नहीं गई .... इतनी बाते सुनने से पहले...
राज - आप गलत सोच रहे है .... ऐसी कोई सम्बन्ध ....
दूल्हा - कोई ... प्रूफ है तुम्हारे पास ...
राज ने काज़ल की तरफ देखा ....वो बस रोये जा रही थी ....
राज - हाँ प्रूफ है ...
दूल्हा - तो दिखाओ .... प्रूफ दिखाएंगे ....
राज - मरता हुवा आदमी कभी झूठ नहीं बोलता .... काज़ल को मैंने दिल से प्यार किया है। कभी भी उसे ग़लत नजरों से नहीं देखा ... वो कल भी पाक थी आज भी पाक है।
इतना कहकर राज दो मंजिले से नीचे कूद जाता है उसका शरीर दूल्हे के कार पर गिरती है ... काजल राज को चिल्लाती हुई किनारे आती है राज की हालत देख और जोर से रोने लगती है।
काज़ल - हो गया ना विश्वास तुम्हे दीपक माथुर .... तुम तो सोनिया के पीछे पीछे कॉलेज में घूमते थे मैंने तुम्हे उसके बारे में कुछ पुछा ... नहीं ना...
अब हो गई ना तस्सली .... राज ... राज ... अगर उसे मुझसे सच्चा प्यार नहीं होता तो मैं आज यहां नहीं होती ...
वो कब का मेरे जिश्म से खेल कर मुझे भगा कर ले गया होता और किसी कोठे पर बेच देता ... नहीं रहना इस पापी दुनियाँ में तुम लोगो के बिच नहीं रहना .... राज मैं आ रही हूँ ...
काजल ने भी ऊपर से छलांग लगाई वो भी कार पर ...
धड़ाक...
दोनों के सर फ़ट गए थे ... पूरा कार खून से लथपथ हो रहा था ... राज ने हल्के से आँखे खोली राज - दर्द हो रहा है ...
काजल - नहीं .... तुम साथ हो तो दर्द कैसा।
फिर दोनों ने एक दूसरे के हाथों में हाथ पकड़ा और हमेशा के लिए आँखे बन्द कर ली।
आज पूरा ज़माना देख रहा था लेकिन किसी में हिम्मत नहीं थी कि इन दोनों बेपनाह मोहब्बत करने वालों पर ऊँगली उठाये ।
. . शिक्षा - कोई भी युवा गलती करता है तो उनके गार्ज़ियन अगर प्यार से आराम से समझाये तो वो युवा समझ सकता है। और दूसरी ये बात मौत सोलुशन नहीं है। आप ऐसा ना करे ।