एक दिन बादशाह अपने दरबार में बैठा हुआ था। उस समय उसे तीन सवाल सूझे। उसने उन सवालों को अपने दरबारियों को बताया और उनसे उन सवालों के जवाब पूछे।
वे सवाल इस तरह थे -
सारे दरबारी इस पर विचार करने लगे। आपस में सलाह-मश्वरा करने के बाद बादशाह का आला अफसर उठकर खड़ा हुआ और बादशाह के सवालों के जवाब देने लगा। वह बोला, बादशाह सलामत!
बादशाह यह सुनकर चुप हो गया। खोजा उस समय वहाँ मौजूद नहीं था। बादशाह को यह उम्मीद थी कि इस मौके पर खोजा यहां होता तो जरूर कोई निराली बात बताता। यह सोचकर उसने खोजा को बुला लाने के लिए नौकर को खोजा के घर भेज दिया। नौकर गया और खोजा को बुला लाया।
बादशाह ने खोजा से वही तीन सवाल पूछे जवाब में खोजा ने कहा, आलमपनाह!
बादशाह ने यह सुनकर खोजा से कहा, खोजा! तुम जो कह रहे हो क्या उसे साबित भी कर सकते हो ?
हाँ जहाँपनाह! साबित भी कर सकता हूँ। खोजा ने बड़े आत्मविश्वास के साथ कहा।
तो साबित करो।
हाँ-हाँ अभी लीजिये खोजा ने बताना शुरू किया।
आलमपनाह! गाय का बेटा यानी बछड़ा इसलिए सबसे ज्यादा बढ़कर होता है क्योंकि उसी को हल में जोत कर किसान अनाज बोता और उगाता है। यदि बछड़ा न हो तो जमीन कैसे बोई जा सकती है ?
यदि जमीन न बोई गई तो अनाज कैसे पैदा हो सकता है ? अन्न से ही तो हमारा जीवन चलता है। उसके गोबर से ही तो खाद बनती है जिसका किसान की पैदावार बढ़ती है।
रहा आपके दूसरे प्रश्न का जवाब तो वह सुन लीजिए। दांत हल का इसलिए अच्छा होता की उसी के द्वारा जमीन जोति और बोई जाती है जिससे पैदावार बढ़ती है और आपका व सबका जीवन चलता है।
जरा सोचिये हुजूर! जब जमीन बोई ही न जाएगी तो दुनिया खाएगी क्या ?
अब तीसरे प्रश्न का जवाब भी सुन लीजिये। मैंने कहा है कि खूबियों में सबसे बढ़कर हिम्मत होती है क्योंकि हिम्मत के बिना तो सब कुछ बेकार है।
जो बहुत बहादुर है किन्तु उसमें हिम्मत नहीं है तो वह कुछ नहीं कर सकता। इसलिए हर इंसान में हिम्मत होनी चाहिए तभी कोई सिद्ध हो सकता है।
खोजा ने तीनों सवालों के जवाब इतनी असरदार आवाज में दिए की बादशाह को तसल्ली हो गई।
उसको खोजा की बुद्धिमानी पर पहले से ज्यादा यकीन हो गया। उसकी नजरों में खोजा की इज्जत और भी बढ़ गई।