बाल विवाह रोकना चाहती है सुमिल

झाबुआ जिले के ग्राम भोयरा की किशोरी सुमिल अपने गाँव में बाल विवाह रोकना |

चाहती है। किशोरी बालिका क्षमता विकास परियोजना में पियर एजुकेटर की सहभागी ॥9

इस किशोरी का मानना है कि बाल विवाह के कारण बालिकाओं को शिक्षा और विकास

के अवसरों से वंचित होना पड़ता है। वह चाहती है कि बाल विवाह रोकने के लिए गाँव की

बालिकाएं खुद आगे आएं । इसके लिए उसने आँगनवाड़ी में गाँव की बालिकाओं को

इकटूठा कर सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया।

सुमिल झाबुआ के बालिका छात्रावास में रहकर 2वीं कक्षा में पढ़ रही है। उसे

छात्रावास में चलाई जा रही किशोरी बालिका क्षमता विकास परियोजना में जीवन

कौशल शिक्षा प्रशिक्षण में भाग लेने का अवसर मिला। साथ ही वह पियर एजुकेटर के

काम में मदद करने लगी। इससे सुमिल को यह समझ में आया कि बालिकाओं की शिक्षा

और स्वास्थ्य पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। उसे यह महसूस हुआ कि बाल विवाह से

बालिकाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों प्रभावित होते हैं। अत: जब वह अपने गाँव

भायरा पहुँची तो उसने गाँव की बालिकाओं से बाल विवाह रोकने पर चर्चा करने के लिए

सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई।

झाबुआ जिला मुख्यालय से 20 किमी दूर स्थित इस आदिवासी बहुल गाँव में

50 परिवार निवास करते हैं। गाँव कई फलियों में दूर-दूर तक फैला हुआ है, जिससे पूरे

गाँव में संपर्क करना बहुत कठिन था, किन्तु सुमिल ने घर-घर संपर्क कर बालिकाओं को

गाँव की आँगनवाड़ी में चर्चा हेतु आमंत्रित किया।

दूर-दूर बसे फलियों या मोहल्ले की बालिकाओं को एक जगह इकट्ठा करना

सुमिल के लिए आसान नहीं था। जब वह गाँव में बालिकाओं को आँगनवाड़ी में बुलाने के

लिए गई तो पहली बार सभी बालिकाओं ने उसके साथ आने से इंकार कर दिया | यहाँ तक

कि उसे अपशब्द भी कहे । सुमिल बालिकाओं को बार-बार समझाती रही कि इस

गतिविधि से गाँव में जागरूकता आयेगी, किन्तु उन्होंने सुमिल की बातों पर कोई ध्यान नहीं

दिया। इसके बावजूद सुमिल ने हिम्मत नहीं हारी। वह सरपंच से मिली। उन्हें कार्यक्रम के

बारे में बताया। सरपंच ने उसकी बात सुनी और उसका साथ देने के लिए राजी हो गए।

सरपंच ने गाँव में डोंडी पिटवाई और सभी को एक जगह आने के लिए कहा । इस तरह

सुमिल ने आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता आदि सभी के साथ मिलकर कार्यक्रम

को सफल बनाया। उसने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम का

संदेश प्रसारित किया और उस पर विस्तार से चर्चा की।

सुमिल का सपना है कि वह आगे चलकर गाँव में बाल विवाह रोकने का अभियान

चलाए, ताकि किसी भी बालिका को शिक्षा, स्वास्थ्य और तरक्की के अधिकार से वंचित

नहीं होना पड़े।