दरबार का नाई बीरबल से बहुत चिढ़ता था तथा रोजाना उसके खिलाफ षड्यंत्र रचता रहता था।
एक दिन उसके दिमाग में एक विचार आया और जब अकबर उसको हजामत करने के लिए बुलवाया तो वह बोला, 'जहाँपनाह, आप जानते हैं, कल रात मैंने स्वप्न में आपके पिताजी को देखा ?'
बादशाह ने हज्जाम से पूछा, बताओ, वे तुमसे क्या कह रहे थे ?
वे स्वर्ग में बहुत खुश हैं, लेकिन वे कह रहे थे कि स्वर्ग के सभी वासी अकेले परेशान रहते हैं। वह चाहते थे कि आप वहां पर किसी को भेजें जो उनसे बातचीत कर सके।
नाई ने कहा, महाराज, बीरबल बड़े मजाकिया स्वभाव के हैं आप उन्हें स्वर्ग भेज दें ताकि वे आपके पिताजी को खुश रख सकें।
बीरबल, बादशाह के आदेश पर दरबार में पहुंचे तो अकबर ने कहा - बीरबल हम जानते हैं की तुम मेरे लिए कोई भी कुर्बानी दे सकते हो।
बीरबल ने कहा, जी जहाँपनाह।
तो हम चाहते हैं कि तुम स्वर्ग में जाकर मेरे पिताजी का साथ दो क्योंकि वहां पर उनसे बातचीत करने वाला कोई नहीं है।
बीरबल ने कहा, ठीक है, लेकिन मुझे तैयारी के लिए कुछ समय दीजिए।
मुगल बादशाह फूले नहीं समाये और बोले, ठीक है तुम मेरे लिए इतना बड़ा बलिदान दे रहे हो तो मैं तुम्हें एक सप्ताह का समय देता हूँ।
बीरबल घर पहुंचा और एक गहरा गड्ढा खोदा जो उसकी कब्र का कार्य करता लेकिन साथ ही साथ उसके नीचे एक सुरंग खोदी जो उसके घर के अंदर खुलती थी।
एक सप्ताह बाद बीरबल दरबार में पहुंचे।
जहाँपनाह, हमारे रिवाजों के अनुसार मैं चाहता हूँ कि मुझे मेरे घर के नजदीक ही जलाया जाए और मैं जीवित ही चिता पर जलना चाहता हूँ ताकि मैं आसानी से स्वर्ग तक पहुंच सकूं।
बीरबल को जीवित जलाया गया, यह देखकर हज्जाम की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा।
बीरबल अपनी बनाई सुरंग द्वारा घर में पहुंच गया। और घर में ही छः माह छुप कर बिताये।
इतने समय में उनके बाल ढाढ़ी बहुत ज्यादा बढ़ गये तो वे दरबार में पहुंचे।
बादशाह बीरबल को देखते ही चिल्लाये, तुम कहाँ से आये ?
स्वर्ग से जहाँपनाह, मैंने आपके पिताजी के साथ अच्छा समय बिताया इसलिए उन्होंने मुझे धरती पर वापिस आने की विशेष आज्ञा दी।
क्या उन्होंने तुम्हें अपने पुत्र के लिए कोई सन्देश भेजा है ?
जी केवल एक जहाँपनाह, क्या आप मेरी बढ़ी हुई दाढ़ी व बाल देख रहे हैं, स्वर्ग में हज्जामों की कमी है। आपके पिताजी ने अपने एक हज्जाम को वहां भेजने को कहा है।