एक घुड़सवार

बहुत साल पहले घुड़सवार ने कुछ सैनिकों को देखा जो एक लकड़ी का गट्ठा उठाने की असफल कोशिश कर रहे थे। उस समय उनका नायक भी वहीं खड़ा था।

घुड़सवार ने नायक से पूछा कि वह उनकी मदद क्यों नहीं करता। नायक ने जवाब दिया, मैं इनका नायक हूँ और मेरा काम इनको आदेश देना है।

घुड़सवार अपने घोड़े से उत्तर कर उन सैनिकों का पास गया और उस गट्ठे को उठाने में मदद की।

उसकी मदद से वह गट्ठा उठ गया। घुड़सवार चुपचाप अपने घोड़े पर सवार हो गया और उस नायक से बोला अगली जब तुम्हारे आदमियों को सहायता की जरूरत पड़े तो कमांडर-इन-चीफ को बुलवा लेना।

जब वह घुड़सवार चला गया तो नायक और सिपाहियों को पता चला कि वह घुड़सवार और कोई नहीं बल्कि जॉर्ज वाशिंगटन थे।