विल्मा रुडोल्फ का जन्म टेनेसेसी के एक गरीब परिवार में हुआ था।
चार साल की उम्र में उसे डबल निमोनिया और कला बुखार ने गंभीर रूप से बीमार कर दिया। इनकी वजह से उसे पोलियो हो गया। वह पैरों को सहारा देने के लिए ब्रैस पहना करती थी।
डॉक्टर ने तो यहाँ तक कह डाला था कि वह जिंदगीभर चल-फिर नहीं सकेगी।
लेकिन विल्मा की माँ ने उसकी हिम्मत बढ़ाई और कहा की ईश्वर की हुई क्षमता, मेहनत और लगन से वह जो चाहे कर सकती है।
यह सुनकर विम्ला ने कहा की वह दुनिया की सबसे तेज धाविका बनना चाहती है।
नौ साल की उम्र में डॉक्टरों के मना करने के बावजूद विम्ला ने ब्रैस को उतर कर पहला कदम उठया जबकि डॉक्टर ने कहा था की वह कभी चल नहीं पाएगी।
13 साल की होने पर उसने पहली दौड़ प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और सबसे पीछे रही। उसके बाद वह दूसरी, तीसरी, चौथी दौड़ प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेती रही और हमेशा आखिरी स्थान पर आती रही।
वह तब तक कोशिश करती रही, जब तक वह दिन नहीं आ गया, जब वह फर्स्ट आई।